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संविलियन के बाद भी ऐसे शिक्षाकर्मियों पर हो सकती है बड़ी कार्रवाई, सरकार बना रही लिस्ट

रायपुर. छत्तीसगढ़ सरकार ने शिक्षाकर्मियों की संविलियन की मांग को पूरा किया है, जो इस माह के 1 जुलाई से लागू भी हो गया है। इधर सरकार ऐसे शिक्षकर्मियों की भी कुंडली बना रही है जो फर्जी दस्तावेजों से शिक्षाकर्मी बने बैठे हुए हैं। इसकी शुरूआत हो गई छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले से।
आपको बता दें कि आज मुख्यमंत्री रमन सिंह ने 'रमन के गोठ' कार्यक्रम में भी संविलियन के बारे में जिक्र किया। जिसमें CM ने बच्चों की शिक्षा पर ध्यान देने की बात कही।
जांच रिपोर्ट सौंपने को कहा ..
शिक्षाकर्मियों के संविलियन के बाद से जिले में धमतरी, नगरी और मगरलोड जनपद के अंतर्गत कार्य करने वाले शिक्षकों की नींद उड़ गई है। कलक्टर ने इस मामले की जांच कर रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा है।
गौरतलब है कि वर्ष-2005 में जिले में शिक्षाकर्मी भर्ती में 40 तथा वर्ष-2006 में 40 शिक्षाकर्मियों के दस्तावेजोंं में गड़बड़ी पाई गई थी। इसके बाद वर्ष-2007 में धमतरी जनपद पंचायत में हुई भर्ती प्रक्रिया में पुन: 19 लोगों ने फर्जी दस्तावेजों के सहारे नौकरी हथिया ली। आरटीआई कार्यकर्ता कृष्ण कुमार साहू ने सूचना के अधिकार के तहत मिले दस्तावेजी सबूतों के साथ थाने में शिकायत की थी इसके बाद भी कार्रवाई नहीं हुई।
14 प्रकरणों की जांच लंबित
बताया गया है कि शिक्षाकर्मी फर्जीवाड़े की धमतरी जनपद में 14 प्रकरणों की जांच अब तक लंबित है। इसी तरह नगरी ब्लाक मेंं 40 और मगरलोड ब्लाक में 160 प्रकरण भी सामने आया है, जिसमें से 15 मामले न्यायालय में लंबित है। कलक्टर ने जिला पंचायत के सीईओ से इस मामले की जांच कर रिपोर्ट मांगी है। इसके बाद संबंधित विभाग के अधिकारियों ने उनके मूलदस्तावेजों और सेवा पुस्तिका को खंगालना शुरू कर दिया है। उल्लेखनीय है कि फर्जी दस्तावेज के सहारे नौकरी करने वाले 5 शिक्षाकर्मियों को पूर्व में गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया था। मानव अधिकार कार्यकर्ता डॉ सुमन देवांगन ने इस मामले में जल्द से जल्द कार्रवाई की मांग की है।
शिक्षाकर्मियों में मचा हड़कंप
धमतरी जिले में शिक्षाकर्मी भर्ती में करीब 2 सौ से ज्यादा ऐसे अभ्यर्थियों की भी नौकरी लग गई है, जिनके मूल दस्तावेजों में काफी गड़बड़ी है।जिला प्रशासन के कड़े रूख को देखते हुए फर्जी डिग्री के सहारे नौकरी हासिल करने वाले शिक्षकों में हड़कंप मच गया है।

वर्ष-2005 से 2007 तक शिक्षाकर्मी भर्ती के मामले की जांच की जा रही है। दस्तावेज फर्जी पाए गए तो कार्रवाई की जाएगी।
डा. सीआर प्रसन्ना, कलक्टर

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