रायपुर। छत्तीसगढ़ के शिक्षाकर्मियों को संविलियन के बाद सातवें वेतनमान का लाभ मिलेगा। राज्य सरकार ने इस आशय के आदेश जारी कर दिए हैं। हालांकि संविलियन के फैसले के साथ ही सातवां वेतनमान सहित सुविधा देने का फैसला ले लिया गया था, लेकिन कई जिलों में इस संबंध में असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। इसके बाद शिक्षा विभाग की ओर से बकायदा आदेश जारी कर वस्तुस्थिति को स्पष्ट कर दिया गया है।
उल्लेखनीय
है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने आठ साल की सेवा अवधि पूरी कर चुके
शिक्षाकर्मियों के संविलियन का फैसला लिया था। शिक्षाकर्मियों के लिए एलबी
नया संवर्ग बनाकर करीब 1 लाख 6 हजार शिक्षकर्मियों का संविलियन कर दिया गया। संविलियन होने के बाद LB संवर्ग के शिक्षकों को सातवां वेतनमान तथा समस्त भत्ते और सुविधाएं देने का आदेश दिया गया था, लेकिन ऐसा नहीं होने पर मोर्चा संचालक वीरेंद्र दुबे और प्रांतीय महासचिव धर्मेश शर्मा ने अधिकारियों के संज्ञान में लाते हुए उसके निराकरण का आग्रह किया। इसके परिपेक्ष्य में शिक्षा विभाग के सचिव ने जिला शिक्षा अधिकारियों को आदेश जारी कर दिया।
उधर, मोर्चा ने संविलियन प्रक्रिया के लिए मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह का आभार माना है। वीरेंद्र दुबे ने बताया कि अब तक 1 लाख 6
हजार शिक्षाकर्मियों का शिक्षा विभाग में संविलियन हो चुका है। यह शीर्ष
नेतृत्व के कुशल रणनीति और प्रदेश के सभी शिक्षकों के सहयोग से यह संभव हुआ
है। यह आम शिक्षकों की जीत है, जबकि मध्यप्रदेश में संविलियन की घोषणा 21 जनवरी 2018 को की गई थी, लेकिन अभी तक वहां पर आदेश जारी नहीं हुआ है।
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में छत्तीसगढ़ के आंदोलन को देखकर वहां आंदोलन की रणनीति बनाई गई थी, परंतु छत्तीसगढ़ में बड़े आंदोलन को शून्य में वापस लेने के पश्चात विधानसभावार आंदोलन, सेल्फी विद फैमिली, वॉल पेंटिंग, संकल्प सभा का आयोजन एवं सोशल मीडिया में संविलियन के लिए चलाए गए मुहिम के साथ ही साथ शासन की इच्छा शक्ति के परिणाम स्वरूप 10 जून को अंबिकापुर की सभा में मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह द्वारा संविलियन की घोषणा की गई।
संविलियन की इस प्रक्रिया में जहां शिक्षा विभाग में एक रूपता आई है। वहीं प्रदेश के 1 लाख 6 हजार शिक्षाकर्मियों की समस्याओं का अंत हुआ है। हालांकि 80 हजार सहायक शिक्षक पंचायत के वेतन विसंगति एवं वर्ष बंधन के दायरे में आने वाले 40 हजार
शिक्षकों के कारण संविलियन अधूरा है। उन्होंने आग्रह किया है कि शेष
शिक्षकों की वेतन विसंगति को दूर करते हुए संविलियन प्रदान किया जाए।