भोपाल.
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष रामेश्वर उरांव ने मध्यप्रदेश
का दौरा करके कुछ अच्छी बातों की तारीफ की, तो कमियों पर एेतराज भी जताया।
उरांव बोले- झाबुआ घूमा, तो पानी को खोजता फिरा। इंसानों के लिए पानी मिला,
लेकिन पशु-पक्षियों के लिए कहीं नहीं। स्कूल देखने गया, तो टीचर नहीं
मिले। पेंशन भी गड़बड़ पाई। मलेरिया और कुपोषण भी पाया। आयोग अध्यक्ष उरांव
शुक्रवार को राज्य मंत्रालय पहुंचे। यहां एसीएस एसआर मोहंती सहित अन्य
अफसरों के साथ बैठक की। फिर राज्यपाल रामनरेश यादव व सीएम शिवराज सिंह
चौहान से मुलाकात की।
मेघनगर में पानी में केमिकल
उरांव
बोले कि स्कूलों में अंग्रेजी, मैथ्स, साइंस के टीचर नहीं मिले। झाबुआ में
पानी की बड़ी समस्या पाई। मेघनगर में तो केमिकल का पानी मिला। आदिवासी
महिलाओं पर अत्याचार पर उन्होंने कहा कि यह मप्र नहीं पूरे देश की समस्या
है।
आरक्षण पर कानून लाओ
उन्होंने
नौकरी में आरक्षण पर मचे बवाल पर कहा कि यह हाईकोर्ट का मामला है इसलिए
अभी कुछ नहीं कहना, लेकिन केंद्र से कहूंगा कि नौकरी में आरक्षण के लिए अलग
से कानून लाएं।
5वीं-8वीं बोर्ड शुरू करेंगे
बैठक
में एसीएस एसआर मोहंती ने आयोग अध्यक्ष को कहा कि 5वीं-8वीं बोर्ड परीक्षा
समाप्त करने से शैक्षणिक स्तर पर विपरीत प्रभाव पड़ा है। इसे फिर शुरू
करने के प्रयास हें। चालीस हजार नए टीचर की भर्ती भी की जा रही है।
यहां भी मच्छरदानी दीजिए
उरांव
ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार बेहतर काम कर रही है, लेकिन सड़क, बिजली,
पानी, कुपोषण, मलेरिया जैसी समस्याएं बहुत हैं। एक बड़ी समस्या मलेरिया की
है। छत्तीसगढ़ में आदिवासी इलाकों में खूब मच्छरदानी बांटी जाती है। यहां
भी ध्यान दीजिए।
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