राजनांदगांव/डोंगरगढ.शिक्षा
विभाग के एक लिपिक रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया है। डोंगरगढ़ के
ब्लाक शिक्षा कार्यालय के लिपिक मनीष राजपूत को एंटी करप्शन ब्यूरो ने
क्षेत्र के एक शिक्षाकर्मी से वेतन आहरण के बदले रिश्वत लेते हुए रंगे
हाथों गिरफ्तार किया है।
वेतन आहरण करने के लिए रिश्वत की मांग
जानकारी के अनुसार डोंगरगढ़ ब्लाक के कुसमी में पदस्थ शिक्षाकर्मी सतीष सिंह का पिछले फरवरी महीने से वेतन आहरण नहीं हो रहा था। इसके लिए उसने जनपद में यह काम करने वाले शिक्षा विभाग के लिपिक मनीष राजपूत से संपर्क किया। वेतन आहरण करने के लिए लिपिक मनीष ने शिक्षाकर्मी से पांच हजार रूपए की रिश्वत की मांग की। शिक्षकर्मी सिंह ने इसकी शिकायत आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (एसीबी) में की। सौदा आखिर में 4 हजार रूपए में तय हुआ। पहले दो हजार रूपए तथा वेतन मिलने के बाद दो हजार देने पर सहमति हुई थी।
पावडर लगाकर भेजा
एसीबी के अफसरों ने दो हजार रूपए को पाउडर में डुबाया और बीईओ दफ्तर में निगरानी रखी। शिक्षाकर्मी से दो हजार रूपए लेकर मनीष ने जैसे ही जेब में रखा, अचानक एसीबी के डीएसपी जीएस परिहार के नेतृत्व में 10 सदस्यीय टीम पहुंच गई और नोट समेत रंगे हाथों बाबू मनीष सिंह को दबोच लिया। इसके बाद अफसरों ने मनीष सिंह से हाथ धुलवाया और नोट को भी धोया गया। दोनों के रंग निकलने लगे जो एक की कलर के थे।
रिश्तेदारों ने बनाया दबाव
सहायक ग्रेड-2 मनीष सिंह को दो हजार रूपए का घूस लेते हुए पकडऩे के बाद एसीबी के डीएसपी जीएस परिहार ने उसके पूरे चेंबर के दस्तावेजों की पड़ताल कराई। कार्रवाई के दौरान मनीष सिंह के कुछ रिश्तेदार भी बीईओ दफ्तर पहुंचे जिसने प्रार्थी पर दबाव बनाते हुए देख लेने की धमकी दी। उनको परिसर से बाहर भेजा गया। तब जाकर मामला शांत हुआ। वहीं इस संबंध में सतीष सिंह ने यह भी बताया बाबू मनीष सिंह द्वारा पैसे की मांग यह कहकर की गई थी कि मुझे ऊपर भी अधिकारी को पैसे देने पड़ते हैं।
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पावडर लगाकर भेजा
एसीबी के अफसरों ने दो हजार रूपए को पाउडर में डुबाया और बीईओ दफ्तर में निगरानी रखी। शिक्षाकर्मी से दो हजार रूपए लेकर मनीष ने जैसे ही जेब में रखा, अचानक एसीबी के डीएसपी जीएस परिहार के नेतृत्व में 10 सदस्यीय टीम पहुंच गई और नोट समेत रंगे हाथों बाबू मनीष सिंह को दबोच लिया। इसके बाद अफसरों ने मनीष सिंह से हाथ धुलवाया और नोट को भी धोया गया। दोनों के रंग निकलने लगे जो एक की कलर के थे।
रिश्तेदारों ने बनाया दबाव
सहायक ग्रेड-2 मनीष सिंह को दो हजार रूपए का घूस लेते हुए पकडऩे के बाद एसीबी के डीएसपी जीएस परिहार ने उसके पूरे चेंबर के दस्तावेजों की पड़ताल कराई। कार्रवाई के दौरान मनीष सिंह के कुछ रिश्तेदार भी बीईओ दफ्तर पहुंचे जिसने प्रार्थी पर दबाव बनाते हुए देख लेने की धमकी दी। उनको परिसर से बाहर भेजा गया। तब जाकर मामला शांत हुआ। वहीं इस संबंध में सतीष सिंह ने यह भी बताया बाबू मनीष सिंह द्वारा पैसे की मांग यह कहकर की गई थी कि मुझे ऊपर भी अधिकारी को पैसे देने पड़ते हैं।
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