रायगढ़ ! रायगढ़ जिला पंचायत कार्यालय में आज शाम उस वक्त भारी हंगामा खडा
हो गया जब जिला पंचायत के अंतर्गत पदस्थ शिक्षकों की पदोन्नति के मामले में
हो रही जांच के दौरान अचानक अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पहुंच गये और इन दोनों ने
वहां मौजूद कर्मचारियों से बिना जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति व जानकारी के
वेरीफिकेशन करने पर फटकार लगाई साथ ही साथ इस पूरे मामले में गड़बड़ी के भी
आरोप लगाये।
इस विरोध के चलते सर्टिफिकेट वेरीफिकेशन का काम स्थगित कर दिया गया और शिक्षकों को मायूस होकर वहां से लौटना पड़ा।
लंबे समय से रायगढ़ जिला पंचायत के अंतर्गत 300 से अधिक शिक्षक शिक्षिकाओं के पदोन्नति के मामले में वेरीफिकेशन के चलते लटके हुए है और परेशान शिक्षकों ने इस मामले में जिला पंचायत की कार्यप्रणाली को ही दोषी ठहराया था और आज उनकी ही कार्रवाई जब चल रही थी तब जिला पंचायत अध्यक्ष अजेश अग्रवाल तथा जिला पंचायत उपाध्यक्ष नरेश पटेल ने अपने ही कार्यालय में भारी हंगामा मचाते हुए कर्मचारियों द्वारा किये जा रहे इस काम पर आपत्ति जताते हुए रोक दिया। अब यह मामला एक बार फिर से अटक गया जिसके चलते शिक्षकों की पदोन्नति का मामला पहले भी एक साल से अधिक समय से लटका हुआ था और अब इसमें और भी देरी होना लाजमी है। इस संबंध में अपनी पदोन्नति संबंधी कार्रवाई को पूरा कराने पहुंचे कुछ शिक्षकों ने बताया कि वे अपना काम काज छोडकर दुरस्त ग्रामीण इलाकों से सुबह से यहां पहुंचे थे और कार्रवाई को आगे बढ़ाकर अपनी लटकी हुई पदोन्नति संबंधी कार्य को आगे बढवाना चाहते थे लेकिन जनप्रतिनिधियों के इस रवैये से उन्हें काफी परेशानी होती है और उनका मामला एक बार फिर से लटक जाएगा। जब हमने जिला पंचायत के भीतर हंगामा कर रहे जिला पंचायत उपाध्यक्ष नरेश पटेल से पूछा तो उन्होंने उल्टे ही प्रक्रिया में भारी भ्रष्टाचार व लेन देन के आरोप लगाने के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा की भी बात कही साथ ही साथ उनका कहना था कि शिक्षकों की पदोन्नति का मामला गुपचुप तरीके से किया जा रहा है जिसका वो विरोध कर रहें है।
इस विरोध के चलते सर्टिफिकेट वेरीफिकेशन का काम स्थगित कर दिया गया और शिक्षकों को मायूस होकर वहां से लौटना पड़ा।
लंबे समय से रायगढ़ जिला पंचायत के अंतर्गत 300 से अधिक शिक्षक शिक्षिकाओं के पदोन्नति के मामले में वेरीफिकेशन के चलते लटके हुए है और परेशान शिक्षकों ने इस मामले में जिला पंचायत की कार्यप्रणाली को ही दोषी ठहराया था और आज उनकी ही कार्रवाई जब चल रही थी तब जिला पंचायत अध्यक्ष अजेश अग्रवाल तथा जिला पंचायत उपाध्यक्ष नरेश पटेल ने अपने ही कार्यालय में भारी हंगामा मचाते हुए कर्मचारियों द्वारा किये जा रहे इस काम पर आपत्ति जताते हुए रोक दिया। अब यह मामला एक बार फिर से अटक गया जिसके चलते शिक्षकों की पदोन्नति का मामला पहले भी एक साल से अधिक समय से लटका हुआ था और अब इसमें और भी देरी होना लाजमी है। इस संबंध में अपनी पदोन्नति संबंधी कार्रवाई को पूरा कराने पहुंचे कुछ शिक्षकों ने बताया कि वे अपना काम काज छोडकर दुरस्त ग्रामीण इलाकों से सुबह से यहां पहुंचे थे और कार्रवाई को आगे बढ़ाकर अपनी लटकी हुई पदोन्नति संबंधी कार्य को आगे बढवाना चाहते थे लेकिन जनप्रतिनिधियों के इस रवैये से उन्हें काफी परेशानी होती है और उनका मामला एक बार फिर से लटक जाएगा। जब हमने जिला पंचायत के भीतर हंगामा कर रहे जिला पंचायत उपाध्यक्ष नरेश पटेल से पूछा तो उन्होंने उल्टे ही प्रक्रिया में भारी भ्रष्टाचार व लेन देन के आरोप लगाने के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा की भी बात कही साथ ही साथ उनका कहना था कि शिक्षकों की पदोन्नति का मामला गुपचुप तरीके से किया जा रहा है जिसका वो विरोध कर रहें है।