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Govt Jobs : Opening

अब...हड़ताली शिक्षाकर्मियों की शासन ने मांगी जानकारी, कई स्कूलों में तालाबंदी जैसी नौबत, पढि़ए खबर...

कोरबा . शिक्षाकर्मियों की बेमियादी हड़ताल से विभाग के होश उड़ गए हैं। प्रदेश के साथ ही जिले में भी हड़ताल का व्यापक असर हुआ है। कई स्कूलों में तालाबंदी की नौबत आ गई है।
व्यवस्था बनाकर रखने के लिए शिक्षा विभाग ने कई रेगुलर शिक्षकों की ड्यूटी समीपस्थ स्कूलों में लगा दी है ताकि बच्चों को मिड डे मील मिलता रहे।
जिले में शिक्षक पंचायत नगरीय निकाय मोर्चा के आह्वान पर सोमवार से प्रदेश व्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू हुई है। दूसरे दिन मंगलवार को जिले के पंचायत व नगरीय संवर्ग के शिक्षाक र्मी घंटाघर चौक में बेमियादी हड़ताल डटे हुए हंै। 9 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल में बैठे शिक्षकों नेताओं ने दावा किया है कि प्रदेश भर के शिक्षक हड़ताल में शामिल हो गए हैं। अब कुछ ही शिक्षाकर्मी हड़ताल से दूर हैं।
सातवां वेतन सबसे अहम मांग
शिक्षक नेताओं ने कहा कि प्रदेश भर के एक लाख 80 हजार पंचायत शिक्षकों की मांग सरकार लंबे समय से नकार रही है। 7वां वेतनमान का लाभ दिए जाने की मांग सबसे पुरानी है। इस दिशा में कोई प्रयास नहीं किए गए हैं। खुली स्थानांतरण नीति लागू करने को लेकर भी चर्चा तो होती है। लेकिन कोई निष्कर्ष नहीं निकलता।
हड़ताली शिक्षकों की कुंडली तैयार करने के निर्देश
हड़ताल पर जाने वाले शिक्षकों की जानकारी निर्धारित प्रपत्र में राज्य शासन द्वारा मांगी गई है। जिसे विकासखण्डवार तैयार किया जा रहा है। निर्देश में हड़ताल पर गए शिक्षकों के साथ ही अवकाश पर जाने वाले शिक्षकों की भी जानकारी दर्ज करने को कहा गया है। हालांकि फिलहाल केवल जानकारी मांगी गई है। किसी तरह की कार्रवाई को लेकर विभाग की स्थिति स्पष्ट नहीं है।
स्कूलो में जाकर मांगा समर्थन
शिक्षाकर्मियों ने स्कूलों में जाकर भी समर्थन मांगा जा रहा है। ड्यूटी कर रहे शिक्षाकर्मियों को बताया कि जा रहा है कि इस बार सभी हड़ताल पर चले गए हैं। संघ के प्रदेश उपसंचालक ओपी बघेल ने बताया कि कुछ ऐसे शिक्षाकर्मी भी हड़ताल में शामिल होंगे जिनकी ड्यूटी बीएलओ के तौर पर लगाई गई थी।

शासन के निर्देश पर हड़ताल पर जाने वाले शिक्षाकर्मियों की जानकारी ब्लॉक से मंगाई गई है। फिलहाल इसके अलावा और कोई निर्देश नहीं हैं। स्कूलों नियमित शिक्षकों के माध्यम से व्यवस्था बनाई गई है। तालाबंदी जैसी स्थिति कहीं भी नहीं है- डीके कौशिक, डीईओ

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