राजनांदगांव। सरकारी स्कूल की अव्यवस्थाओं को दरकिनार
कर छोटे से गांव पेंड्रीकला के एक मजदूर के बेटे ने अपनी लगन व मेहनत से
फिर ऐसा कारनामा कर दिखाया है कि लोगों के मन से सरकारी स्कूल को लेकर जमी
भावना बदल जाएगी। कक्षा दसवी के गणित के पर्चे में छात्र नोहर साहू ने 100
में 100 अंक हासिल किया है।
खास बात तो यह है कि जिस स्कूल में वह अध्यरत है, वहां गणित विषय के लिए कोई शिक्षक भी नहीं है। इसके बाद भी इस छात्र ने उस विषय में 100 फीसदी अंक प्राप्त किया। इतना ही नहीं उन्होंने यह कारनामा बिना ट्यूशन के ही कर डाला।
खैरागढ़ ब्लाक के ग्राम बढ़ईटोला के शासकीय स्कूल में पढ़ने वाले नोहर साहू की इस उपलब्धि से अब तक शिक्षा विभाग भी अनजान है। नोहर को गणित में पूरे 100 अंक प्राप्त हुए हैं। इसके अलावा उसने अन्य सभी विषयों में भी विशेष योग्यता हासिल की है। नोहर ने कुल 93 फीसदी अंकों के साथ दसवी की परीक्षा पास की है। जो शिक्षकों की कमी से जूझ रहे स्कूल में चमत्कार ही माना जा रहा है। नोहर बढ़ईटोला गांव के जिस स्कूल में पढ़ाई करता है,वहां गणित विषय के लिए कोई भी शिक्षक नहीं है।
मां-बाप मजदूर, खुद भी करता है काम
ग्राम पेंड्रीकला में रहने वाले नोहर साहू के पिता गोपीराम मजदूरी कर अपने परिवार का पालन-पोषण करते हैं। नोहर की मां भी खेतों में मजदूरी करने जाती है। घर की स्थिति को देखते हुए पढ़ाई के साथ-साथ नोहर भी शहर की एक दुकान में पेंटिंग का काम करने जाता है। परीक्षा के दौरान भी उसने अपना काम नहीं छोड़ा था।
पड़ोसी शिक्षक से लेता था सलाह
नोहर साहू ने बताया कि उसे गणित के सवालों में जब भी कोई कठिनाई होती थी, वह अपने पड़ोस में रहने वाले अन्य गांव के स्कूल के शिक्षक भरत साहू से मदद लेता था। भरत सर के स्कूल से लौटते ही वह कठिन सवालों के हल करने का तरीका जानता। फिर अभ्यास में जुट जाता। उक्त शिक्षक ने भी उनकी लगन को देख सलाह देने में कोई कमी नहीं की।
शिक्षक बनकर दूर करना है कमी
'नईदुनिया' से बातचीत करते हुए नोहर ने बताया कि उसका लक्ष्य केवल गणित का शिक्षक बनना है। जिस तरह वह सरकारी स्कूलों में गणित व अंग्रेजी के शिक्षकों की कमी देख रहा है। ऐसी स्थिति से निबटने वह खुद को गणित का शिक्षक बनाएगा। ताकि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वालों बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल सके।
लगन देखी तो दिया साथ
नोहर में गणित विषय को लेकर जो लगने मैंने देखी है, वह काबिल ए तारीफ है। उसकी इसी लगन को देखते हुए मैंने उसकी पूरी मदद करने का प्रयास किया। जो भी सवाल उसके समझ में नही आता था, मैं उसे हल करने का तरीका बताता था। नोहर की यह उपलब्धि अपने आप में बहुत बड़ी है।
- भरत साहू, नोहर को पढ़ाने वाले शिक्षक
सम्मान करेंगे
बच्चे की जिनती तारीफ की जाएग कम है,जिला प्रशासन बच्चे को सम्मानित भी करेगा। स्कूल में शिक्षक नही होने के बाद भी यह परिणाम अद्भभुत है। नोहर को सपोर्ट करने वाले शिक्षक भरत का कार्य भी प्रशंसनीय है।
- मुकेश बंसल, कलेक्टर
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खास बात तो यह है कि जिस स्कूल में वह अध्यरत है, वहां गणित विषय के लिए कोई शिक्षक भी नहीं है। इसके बाद भी इस छात्र ने उस विषय में 100 फीसदी अंक प्राप्त किया। इतना ही नहीं उन्होंने यह कारनामा बिना ट्यूशन के ही कर डाला।
खैरागढ़ ब्लाक के ग्राम बढ़ईटोला के शासकीय स्कूल में पढ़ने वाले नोहर साहू की इस उपलब्धि से अब तक शिक्षा विभाग भी अनजान है। नोहर को गणित में पूरे 100 अंक प्राप्त हुए हैं। इसके अलावा उसने अन्य सभी विषयों में भी विशेष योग्यता हासिल की है। नोहर ने कुल 93 फीसदी अंकों के साथ दसवी की परीक्षा पास की है। जो शिक्षकों की कमी से जूझ रहे स्कूल में चमत्कार ही माना जा रहा है। नोहर बढ़ईटोला गांव के जिस स्कूल में पढ़ाई करता है,वहां गणित विषय के लिए कोई भी शिक्षक नहीं है।
मां-बाप मजदूर, खुद भी करता है काम
ग्राम पेंड्रीकला में रहने वाले नोहर साहू के पिता गोपीराम मजदूरी कर अपने परिवार का पालन-पोषण करते हैं। नोहर की मां भी खेतों में मजदूरी करने जाती है। घर की स्थिति को देखते हुए पढ़ाई के साथ-साथ नोहर भी शहर की एक दुकान में पेंटिंग का काम करने जाता है। परीक्षा के दौरान भी उसने अपना काम नहीं छोड़ा था।
पड़ोसी शिक्षक से लेता था सलाह
नोहर साहू ने बताया कि उसे गणित के सवालों में जब भी कोई कठिनाई होती थी, वह अपने पड़ोस में रहने वाले अन्य गांव के स्कूल के शिक्षक भरत साहू से मदद लेता था। भरत सर के स्कूल से लौटते ही वह कठिन सवालों के हल करने का तरीका जानता। फिर अभ्यास में जुट जाता। उक्त शिक्षक ने भी उनकी लगन को देख सलाह देने में कोई कमी नहीं की।
शिक्षक बनकर दूर करना है कमी
'नईदुनिया' से बातचीत करते हुए नोहर ने बताया कि उसका लक्ष्य केवल गणित का शिक्षक बनना है। जिस तरह वह सरकारी स्कूलों में गणित व अंग्रेजी के शिक्षकों की कमी देख रहा है। ऐसी स्थिति से निबटने वह खुद को गणित का शिक्षक बनाएगा। ताकि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वालों बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल सके।
लगन देखी तो दिया साथ
नोहर में गणित विषय को लेकर जो लगने मैंने देखी है, वह काबिल ए तारीफ है। उसकी इसी लगन को देखते हुए मैंने उसकी पूरी मदद करने का प्रयास किया। जो भी सवाल उसके समझ में नही आता था, मैं उसे हल करने का तरीका बताता था। नोहर की यह उपलब्धि अपने आप में बहुत बड़ी है।
- भरत साहू, नोहर को पढ़ाने वाले शिक्षक
सम्मान करेंगे
बच्चे की जिनती तारीफ की जाएग कम है,जिला प्रशासन बच्चे को सम्मानित भी करेगा। स्कूल में शिक्षक नही होने के बाद भी यह परिणाम अद्भभुत है। नोहर को सपोर्ट करने वाले शिक्षक भरत का कार्य भी प्रशंसनीय है।
- मुकेश बंसल, कलेक्टर
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