रायगढ़. पहले
पदोन्नति फिर समायोजन की मांग को लेकर अतिशेष शिक्षकों के प्रदर्शन में
खरसिया विधायक उमेश पटेल भी सड़क पर उतरे। कलक्ट्रेट के सामने घंटों
प्रदर्शन के बाद भी जब कोई अधिकारी नहीं आया तो रैली निकालकर शिक्षक जिला
पंचायत पहुंच गए और वहां घेराव के साथ हंगामा शुरू कर दिया।
थोड़ी देर बाद जिला पंचायत सीईओ संजय चंदन त्रिपाठी से चर्चा के बाद भी कोई आश्वासन नहीं मिला तो विधायक सहित कांग्रेसी व शिक्षाकर्मी वहीं धरने पर बैठ गए और जिला पंचायत कार्यालय के गेट में ताला जड़ दिया। करीब डेढ़ घंटे तक सरकार के खिलाफ नारेबाजी और प्रदर्शन का दौर चलता रहा।
इधर ताला लगाए जाने से जिला पंचायत के अंदर हड़कंप की स्थिति थी। अंदर वाले अंदर और बाहर वाले बाहर की स्थिति में आ गए थे। इसके बाद पुलिस ने खरसिया विधायक सहित 172 को गिरफ्तार कर लिया।
सीईओ आए बाहर
काफी देर बाद जिला पंचायत सीईओ संजय चंदन त्रिपाठी खरसिया विधायक से चर्चा करने बाहर आई। इस दौरान सीईओ ने स्पष्ट कर दिया कि इस संबंध में शासन स्तर से किसी प्रकार का आदेश नहीं मिला है। आदेश के अभाव में ऐसा कर पाना संभव नहीं है। जिसके बाद खरसिया विधायक के नेतृत्व में कांग्रेसी व शिक्षाकर्मी जिला पंचायत के गेट पर धरने में बैठ गए।
कहा बुलाओ कलक्टर को
सीईओ से वार्ता विफल होने के बाद राज्य शासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी का दौर शुरू हो गया। साथ ही कलक्टर को जिला पंचायत बुलाने की मांग की गई। डेढ़ घंटे तक चले प्रदर्शन के बाद दोबारा कोई अधिकारी यहां नहीं आया बल्कि पुलिस ने विधायक सहित 172 को गिरफ्तार कर लिया।
तैयारी तो ये थी
प्रदर्शन की कड़ी में कलक्टोरेट का घेराव करने की तैयारी थी तभी पता चला कि कलक्टोरेट में कोई जिम्मेदार अधिकारी नहीं है। ऐसी स्थिति में खरसिया विधायक के नेतृत्व में शिक्षक रैली निकालकर जिला पंचायत पहुंचे और वहां का घेराव कर दिया। जिला पंचायत के मुख्य द्वार पर पुलिस बल ताला लगा ही रहे थे कि रैली में शामिल शिक्षकों ने गेट को धक्का देते हुए उसे खोल दिया और जिला पंचायत परिसर में पहुंंच गए। इसके बाद नारेबाजी शुरू हो गई।
मैने पैसा दिया फिर भी अतिशेष
इस पूरे घटनाक्रम के दौरान शिक्षकों का उदबोधन भी जारी था। एक शिक्षक ने जिला पंचायत के जनप्रतिनिधियों पर आरोप लगाया कि अतिशेष घोषित करने के दौरान उससे दस हजार रुपए लिए गए थे इसके बाद भी उसे अतिशेष घोषित कर दिया गया। बाद में काफी घुमाकर उसे पैसे वापस किए गए। इसके अलावा पति-पत्नी के आधार पर तबादला सहित अन्य मामलों में राशि के लेन-देन का आरोप खुलकर लगाया गया। कई शिक्षाकर्मियों ने प्रदर्शन के दौरान अपने उद्बोधन में स्पष्ट रूप से जनप्रतिनिधियों पर आरोप लगाया है। इसके बाद भी ऐसे मामलों में अधिकारी जांच करने के बजाए मौन साधे हुए हैं।
बाहर से लगा दिया ताला
जिला पंचायत भवन के अंदर जाने के लिए चार दरवाजे बने हुए हैं। किसी अनहोनी की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने चारों दरवाजे में अंदर से ताला लगा दिया। लेकिन सीईओ से चर्चा के बाद बात नहीं बनी तो शिक्षाकर्मी व कांग्रेसियों ने उक्त चारों दरवाजे में बाहर से भी ताला लगा दिया।
फंसे रहे लोग
जिला पंचायत में कार्यालयीन कार्य से कई अन्य शिक्षाकर्मी सीईओ व अन्य अधिकारियों से मिलने के लिए आए थे। चूंकि दोपहर में लंच का समय था इसलिए यहां के कर्मचारी व बाहर से आए लोग भी करीब दो से तीन घंटे जिला पंचायत के अंदर फंसे रहे। बाद में प्रदर्शनकारियों के गिरफ्तारी होने के बाद बाहर में लगे ताले को तोड़ा गया। तब जाकर लोग बाहर निकल पाए।
ये है माजरा
जिले में अतिशेष घोषित 564 शिक्षक पिछले लंबे समय से उक्त मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। इस आंदोलन के कड़ी में पिछले दिनों खरसिया विधायक उमेश पटेल ने शिक्षामंत्री व सीएम से मिलकर भी अतिशेष शिक्षकों के समस्या से अवगत कराया था जिस पर अब तक आश्वासन मिलता रहा है।
लेकिन शिक्षण सत्र चालू होने में कुछ ही दिन शेष रह गए हैं और प्रशासन अपने आदेश पर अड़ा हुआ है जिसके कारण उक्त अतिशेष शिक्षकों की मांग पूरा होना तो दूर उलटे उन पर खतरा मंडराने लगा है। इसको लेकर सोमवार को कलक्ट्रेट के सामने दोपहर 12 बजे से खरसिया विधायक उमेश पटेल, कांग्रेसी नगेंद्र नेगी, शाखा यादव, एनएसयूआई सहित अन्य के साथ मिलकर प्रदर्शन किया गया।
Sponsored link :
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
थोड़ी देर बाद जिला पंचायत सीईओ संजय चंदन त्रिपाठी से चर्चा के बाद भी कोई आश्वासन नहीं मिला तो विधायक सहित कांग्रेसी व शिक्षाकर्मी वहीं धरने पर बैठ गए और जिला पंचायत कार्यालय के गेट में ताला जड़ दिया। करीब डेढ़ घंटे तक सरकार के खिलाफ नारेबाजी और प्रदर्शन का दौर चलता रहा।
इधर ताला लगाए जाने से जिला पंचायत के अंदर हड़कंप की स्थिति थी। अंदर वाले अंदर और बाहर वाले बाहर की स्थिति में आ गए थे। इसके बाद पुलिस ने खरसिया विधायक सहित 172 को गिरफ्तार कर लिया।
सीईओ आए बाहर
काफी देर बाद जिला पंचायत सीईओ संजय चंदन त्रिपाठी खरसिया विधायक से चर्चा करने बाहर आई। इस दौरान सीईओ ने स्पष्ट कर दिया कि इस संबंध में शासन स्तर से किसी प्रकार का आदेश नहीं मिला है। आदेश के अभाव में ऐसा कर पाना संभव नहीं है। जिसके बाद खरसिया विधायक के नेतृत्व में कांग्रेसी व शिक्षाकर्मी जिला पंचायत के गेट पर धरने में बैठ गए।
कहा बुलाओ कलक्टर को
सीईओ से वार्ता विफल होने के बाद राज्य शासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी का दौर शुरू हो गया। साथ ही कलक्टर को जिला पंचायत बुलाने की मांग की गई। डेढ़ घंटे तक चले प्रदर्शन के बाद दोबारा कोई अधिकारी यहां नहीं आया बल्कि पुलिस ने विधायक सहित 172 को गिरफ्तार कर लिया।
तैयारी तो ये थी
प्रदर्शन की कड़ी में कलक्टोरेट का घेराव करने की तैयारी थी तभी पता चला कि कलक्टोरेट में कोई जिम्मेदार अधिकारी नहीं है। ऐसी स्थिति में खरसिया विधायक के नेतृत्व में शिक्षक रैली निकालकर जिला पंचायत पहुंचे और वहां का घेराव कर दिया। जिला पंचायत के मुख्य द्वार पर पुलिस बल ताला लगा ही रहे थे कि रैली में शामिल शिक्षकों ने गेट को धक्का देते हुए उसे खोल दिया और जिला पंचायत परिसर में पहुंंच गए। इसके बाद नारेबाजी शुरू हो गई।
मैने पैसा दिया फिर भी अतिशेष
इस पूरे घटनाक्रम के दौरान शिक्षकों का उदबोधन भी जारी था। एक शिक्षक ने जिला पंचायत के जनप्रतिनिधियों पर आरोप लगाया कि अतिशेष घोषित करने के दौरान उससे दस हजार रुपए लिए गए थे इसके बाद भी उसे अतिशेष घोषित कर दिया गया। बाद में काफी घुमाकर उसे पैसे वापस किए गए। इसके अलावा पति-पत्नी के आधार पर तबादला सहित अन्य मामलों में राशि के लेन-देन का आरोप खुलकर लगाया गया। कई शिक्षाकर्मियों ने प्रदर्शन के दौरान अपने उद्बोधन में स्पष्ट रूप से जनप्रतिनिधियों पर आरोप लगाया है। इसके बाद भी ऐसे मामलों में अधिकारी जांच करने के बजाए मौन साधे हुए हैं।
बाहर से लगा दिया ताला
जिला पंचायत भवन के अंदर जाने के लिए चार दरवाजे बने हुए हैं। किसी अनहोनी की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने चारों दरवाजे में अंदर से ताला लगा दिया। लेकिन सीईओ से चर्चा के बाद बात नहीं बनी तो शिक्षाकर्मी व कांग्रेसियों ने उक्त चारों दरवाजे में बाहर से भी ताला लगा दिया।
फंसे रहे लोग
जिला पंचायत में कार्यालयीन कार्य से कई अन्य शिक्षाकर्मी सीईओ व अन्य अधिकारियों से मिलने के लिए आए थे। चूंकि दोपहर में लंच का समय था इसलिए यहां के कर्मचारी व बाहर से आए लोग भी करीब दो से तीन घंटे जिला पंचायत के अंदर फंसे रहे। बाद में प्रदर्शनकारियों के गिरफ्तारी होने के बाद बाहर में लगे ताले को तोड़ा गया। तब जाकर लोग बाहर निकल पाए।
ये है माजरा
जिले में अतिशेष घोषित 564 शिक्षक पिछले लंबे समय से उक्त मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। इस आंदोलन के कड़ी में पिछले दिनों खरसिया विधायक उमेश पटेल ने शिक्षामंत्री व सीएम से मिलकर भी अतिशेष शिक्षकों के समस्या से अवगत कराया था जिस पर अब तक आश्वासन मिलता रहा है।
लेकिन शिक्षण सत्र चालू होने में कुछ ही दिन शेष रह गए हैं और प्रशासन अपने आदेश पर अड़ा हुआ है जिसके कारण उक्त अतिशेष शिक्षकों की मांग पूरा होना तो दूर उलटे उन पर खतरा मंडराने लगा है। इसको लेकर सोमवार को कलक्ट्रेट के सामने दोपहर 12 बजे से खरसिया विधायक उमेश पटेल, कांग्रेसी नगेंद्र नेगी, शाखा यादव, एनएसयूआई सहित अन्य के साथ मिलकर प्रदर्शन किया गया।
Sponsored link :
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC