छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के दुर्ग जिले के दौरे पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दुर्ग वासियों को करोड़ों रुपए के विकास कार्यों की सौगात दी. उन्होंने जिला उद्योग एवं व्यापार केन्द्र के नए भवन के बाद वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का लोकार्पण किया. इसी कड़ी में सीएम भूपेश ने कामकाजी महिलाओं के लिए हॉस्टल और ट्रांजिट हॉस्टल का भी लोकार्पण किया. शहर में इन दोनों हॉस्टलों के लोकार्पण से यहां कामकाजी महिलाओं और सरकारी अफसरों को इसका लाभ मिलेगा.
सीएम ने बच्चों को पढ़ाया
मुख्यमंत्री
ने अपने दौरे के दौरान प्रयास आवासीय विद्यालय का भी लोकार्पण किया. इस
दौरान उन्होंने शिक्षक बनकर बच्चों को पढ़ाया. मुख्यमंत्री ने टेनिस कोर्ट
का भी उद्घाटन किया. उन्होंने टेनिस खेलकर खिलाड़ियों को प्रोत्साहित किया.
इस मौके पर मुख्यमंत्री के साथ कैबिनेट मंत्री ताम्रध्वज साहू, रविन्द्र
चौबे, शिव डहरिया समेत विधायक और जनप्रतिनिधि शामिल हुए.
ट्रांजिट हॉस्टल का लोकार्पण
मुख्यमंत्री
भूपेश बघेल ने दुर्ग में ट्रांजिट हॉस्टल का भी लोकार्पण किया. इस हॉस्टल
का निर्माण ट्रांसफर होने के बाद जिला बदलने वाले अधिकारियों के लिए किया
गया है. इस हॉस्टल के निर्माण में 10 करोड़ 41 लाख रुपए खर्च हुए हैं.
हास्टल में सभी सुविधाओं का ध्यान रखा गया है. यहां 54 यूनिट बनाए गए हैं.
जिसमें रहने के लिए पूरी सुविधा है. हर यूनिट में बेडरूम, ड्राइंग रूम,
किचन और गैलरी बनाई गई है. छह स्टाफ क्वाटर भी बनाए गए हैं. ट्रांसफर में
दूसरे जिलों से आने वाले अधिकारियों को आवास आवंटन होने तक यहां रहने की
सुविधा मिलेगी.
वर्किंग वुमन हास्टल का लोकार्पण
अधिकारियों
की सुविधा को देखते हुए इसे बेहतर बनाया गया है. दुर्ग में बाहर से आकर
काम करने वाली महिलाओं के लिए वर्किंग वुमन हास्टल भी तैयार किया गया है.
इस हॉस्टल का निर्माण तीन करोड़ 55 लाख रुपए की लागत से किया गया है.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस हॉस्टल का भी लोकार्पण किया. इस हॉस्टल में
100 कामकाजी महिलाओं को रहने की सुविधा मिलेगी. शहर में लंबे समय से ऐसे
हॉस्टल की मांग की जा रही थी जो अब जाकर पूरा हुआ है. इस मौके पर सीएम बघेल
ने दुर्ग के पार्षदों से भी चर्चा की.
लोकतंत्र का पाठ पढ़ाया
मुख्यमंत्री
भूपेश बघेल को अलग-अलग अंदाज के लिए अक्सर जाना जाता है. आज इसी कड़ी में
मुख्यमंत्री प्रयास विद्यायल के लोकार्पण में शामिल हुए जहां वे क्लास में
पहुंचकर बच्चों पढ़ने लगे. मुख्यमंत्री ने विद्यालय में "लोकतंत्र क्या है"
इस विषय पर बच्चों की क्लास ली. उन्होंने देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित
जवाहर लाल नेहरू के बारे में बताते हुए बच्चों को लोकतंत्र का पाठ पढ़ाया.
मुख्यमंत्री ने बच्चों को बताया कि किस तरह से लोकतांत्रिक भारत और गुलाम
भारत में शासन व्यवस्था का फर्क था.
दिया ये उदाहरण
सीएम
ने बच्चों को बताया कि, आजादी मिलने के बाद एकबार एक वृद्धा ने पंडित
जवाहरलाल नेहरू का कॉलर पकड़ लिया और पूछा कि जवाहर बताओ, मुझे आजादी से
क्या मिला? पंडित नेहरू ने उस महिला को उत्तर दिया कि आपको यह अधिकार मिला
कि आप अपने प्रधानमंत्री से भी प्रश्न पूछ सकती हैं. मुख्यमंत्री ने बच्चों
को बताया कि गुलाम भारत में नीतियां जनता के अनुकूल नहीं बनती थीं बल्कि
औपनिवेशिक व्यवस्था के हितों के मुताबिक बनती थीं.