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शिक्षाकर्मियों के मुद्दे पर आरएसएस का बड़ा दांव, सीएम से घोषणा करवाने महासम्मेलन की तैयारी

रायपुर। छत्तीसगढ़ में शिक्षाकर्मियों के लिए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) बड़ा दांव खेलने की तैयारी में है। इसी सिलसिले में आरएसएस समर्थित शिक्षकों का महासंघ मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह रविवार शाम को मुलाकात करने वाला है। महासंघ ने संविलियन सहित अन्य मांगों पर सीएम से घोषणा करवाने के लिए राजधानी में महासम्मेलन की योजना बनाई है।
इस मुलाकात में संभवत: महासम्मेलन की तारीख तय की जा सकती है। हालांकि शिक्षाकर्मी मोर्चा ने पहले ही साफ कर दिया है कि वे मोर्चा के अलावा किसी अन्य संगठन के बैनर में शामिल नहीं होंगे। इसके अलावा यह भी माना जा रहा है कि महासंघ-सीएम की मुलाकात में शिक्षाकर्मियों की मांगों के संबंध में स्थिति स्पष्ट हो सकती है।

छत्तीसगढ़ में इस बरस विधानसभा के चुनाव होने हैं। शिक्षाकर्मियों का संविलियन  एक बड़ा मुद्दा है। लिहाजा, इस पर श्रेय लेने की राजनीति शुरू हो गई है। यही वजह है कि शिक्षाकर्मियों के हाल में हुए आंदोलन के बाद आरएसएस ने इसमें दिलचस्पी ली। उसके बाद शिक्षक महासंघ का गठन किया गया। जिसमें संघ के बैकग्राउंड के शिक्षक पदाधिकारी हैं। शिक्षाकर्मियों के मसले पर सहमति बनाने के लिए इस संगठन को आगे किया जा रहा है। इसी कड़ी में रविवार को सीएम से मीटिंग का कार्यक्रम तय हुआ है। 

शिक्षक महासंघ के उपाध्यक्ष आकाश परिहार ने बताया कि हमारी मांगों पर सरकार का सकरात्मक रूख है। लिहाजा राजधानी में महासम्मेलन आयोजन की तैयारी पूरी कर ली गई है। सीएम को इस महासम्मेलन में आने का न्यौता दिया जाएगा। इसमें मुख्यमंत्री संविलियन सहित अन्य मांगों पर घोषणा कर सकते हैं। 

शिक्षाकर्मी मोर्चा के पदाधिकारियों से सहमति के सवाल पर उन्होंने कहा कि हम प्रदेश भर के शिक्षाकर्मियों को इसमें बुलाएंगे। वे आते हैं, तो उनका स्वागत है। मुख्यमंत्री कुछ भी घोषणा करते हैं, तो यह सभी के लिए होगा। ऐसे में सभी को इसमें अपनी भागीदारी निभानी चाहिए। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों शिक्षाकर्मी मोर्चा की बैठक में यह तय किया गया था कि सीएम संविलियन सहित अन्य मांगों पर घोषणा करते हैं तो मोर्चा की ओर से उनका सम्मान किया जाएगा। किसी अन्य संगठन के बैनर तले आयोजित कार्यक्रम में वे नहीं जाएंगे। ऐसे में शिक्षाकर्मियों के बीच टकराव की स्थिति बन सकती है। 

उधर, एक मई को हाईपावर कमेटी की बैठक होनी है, जिसमें मोर्चा के सभी संचालकों को बुलाया गया है। उसके पहले सीएम से महासंघ की मुलाकात महत्वपूर्ण हो सकती है। क्योंकि संविलियन के मुद्दे पर हाईपावर कमेटी किसी नतीजे पर पहुंचने की स्थिति में नहीं है। लिहाजा शिक्षाकर्मी आंदोलन की राह पकड़ सकते हैं, क्योंकि वे संविलियन की मांग पर अड़े हुए हैं। ऐसे में हाईपावर कमेटी की बैठक के बाद आंदोलन की संभावना को देखते हुए सीएम के साथ बैठक के लिए महासंघ को आगे किया गया है। 
मध्यप्रदेश में संविलियन की घोषणा के बाद यहां भी इसके लिए दबाव बढ़ गया है। लेकिन सरकार शिक्षाकर्मियों के पक्ष में कोई भी फैसला लेते है तो इसके राजनीतिक नफे-नुकसान को भी तौला जा रहा है। चर्चा यह भी शिक्षक महासंघ के बैनर से किसी प्रकार की घोषणा से सरकार को बहुत ज्यादा लाभ की संभावना नहीं दिख रही है, क्योंकि मोर्चा ने इससे अपने आप को इससे अलग कर लिया है। 
सरकार और शिक्षाकर्मी संघ के सूत्र बताते हैं कि सीएम शिक्षाकर्मियों के संबंध में बड़ा फैसला लेने के मूड में है। माना जा रहा है कि उन्हें खुशखबरी मिल सकती है, लेकिन इसके टाइमिंग पर खास ध्यान दिया जा रहा है। ताकि किसी प्रकार की नाराजगी जैसी स्थिति उत्पन्न न हो।

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