रायगढ़ । नईदुनिया प्रतिनिधि
मॉडल स्कूल को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत जिले के दो मॉडल स्कूल धरमजयगढ़ व लैलूंगा के कुंजारा में स्थित स्कूल डीएवी को दिया गया था। यहां के पहले साल के रिजल्ट खराब आने के बाद जहां पालकों में जबरदस्त आक्रोश व्याप्त है।
वहीं दूसरी ओर कई पालकों ने अपने बच्चों को वहां से हटान शुरू कर दिया है। अब आनन-फानन में प्रबंधन द्वारा शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और 15 जुलाई तक सभी शिक्षकों को नियुक्ति पूरा करने की बात कही जा रही है।
डीएवी के खराब रिजल्ट के बाद पालकों में जबरदस्त आक्रोश है। नौनिहालों का साल खराब होने के बाद तो बड़ी संख्या में पालकों द्वारा सामूहिक टीसी देने की मांग की गई थी। लेकिन प्रबंधन की समझाइश के बाद किसी तरह से पालक माने। लेकिन इसके बाद धरमजयगढ़ में स्थित डीएवी से 6 पालाकों द्वारा अपने नौनिहालों का टीसी निकलवा लिया। दरअसल मॉडल स्कूल आरंभ से विवादों से घिरा रहा खुलने के बाद से ही संसाधनों व शिक्षकों के अभाव से ग्रसित रहा। लेकिन संविदा शिक्षकों द्वारा यहां पर अच्छी शिक्षा दी जाती रही है। इससे पहले यहां का इतना खराब रिजल्ट नहीं था। लेकिन मॉडल स्कूल को पीपीपी मॉडल के आधार पर निजी संचालक को इसके संचालन का जिम्मा दिए जाने के बाद से उम्मीद जताई जा रही थी कि स्कूल का रिजल्ट बेहतर होगा। लेकिन रिजल्ट आने के बाद पालकों में जबरदस्त नाराजगी देखी जा रही है।
बोर्ड परीक्षा का रिजल्ट निराशाजनक
डीएवी स्कूल धरमजयगढ़ व कुंजारा का बोर्ड परीक्षा का परिणाम सर्वाधिक चौंकाने वाला रहा है। जिसकी किसी ने कल्पना नहीं थी। धरमजयगढ़ बारहवीं बोर्ड की परीक्षा में तो महज 2 छात्र ही पास हो सके थे और पूरक आए इस रिजल्ट ने पालकों को सबसे ज्यादा परेशान किया गया। इसी तरह से लैलूंगा के कुंजारा में स्थित डीएवी पब्लिक स्कूल की भी यही स्थिति रही। हालाकि कुंजारा डीएवी के किसी भी पालक ने अपने नौनिहालों का टीसी नहीं लिया है। दरअसल लैलूंगा क्षेत्र पिछड़ा क्षेत्र है और यहां अधिकांश छात्र आदिवासी वर्ग के ही हैं। बताया जा रहा है कि यही वजह है कि पालक यहां से निकाल कर दूसरे स्कूल में दाखिला नहीं करा सकते हैं। इसी वजह से टीसी नहीं लिया गया है जबकि धरमजयगढ़ डीएवी के पालकों द्वारा सामूहिक रुप से टीसी ने की मांग रख थी।
14 कक्षा और शिक्षक आधे भी नहीं
मॉडल स्कूल को डीएवी द्वारा लिए जाने के बाद से ही कही जा रही थी कि यहां सभी विषय के शिक्षकों की नियुक्ति तत्काल कर दी जाएगी लेकिन पूरा सत्र समाप्त हो गया और शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो सकी अब जब खराब रिजल्ट के बाद पालकों को आक्रोश का सामना करना पड़ा तब आनन-फानन में शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। धरमजयगढ़ डीएवी स्कूल में पूरे सत्र भर 12 तक की कक्षाओं के लिए महज 6 शिक्षक ही रहे। इसी तरह से कुंजारा स्थित डीएवी स्कूल में 12 वीं तक की कक्षा के लिए महज 4 शिक्षक ही रहे। इससे जाहिर है कि डीएवी स्कूल विषय विशेष शिक्षक के सभी पद खाली थे। धरमजयगढ़ व कुंजारा में पढ़ाने वाले पूर्व शिक्षकों को उम्मीद थी कि उन्हें डीएवी द्वारा ले लिया जाएगा लेकिन ऐसा हुआ पुराने अनुभवी सभी शिक्षकों को बाहर का रास्ता दिखा दिया और नए शिक्षकों की नियुक्ति भी नहीं की गई जिसका परिणाम यह रहा कि रिजल्द उम्मीद से खराब आई।
शिक्षकों के रिक्त पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हो गई है दो जगहों पर 10-10 शिक्षक एक-एक एलडीसी सहित 2-2 चपरासी की नियुक्ति हो गई है शेष शिक्षकों की नियुक्ति 15 जुलाई तक डीएवी द्वारा पूरा कर लिए जाने का आश्वासन दिया है।
आरएन हीराधर
जिला शिक्षा अधिकारी
मॉडल स्कूल को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत जिले के दो मॉडल स्कूल धरमजयगढ़ व लैलूंगा के कुंजारा में स्थित स्कूल डीएवी को दिया गया था। यहां के पहले साल के रिजल्ट खराब आने के बाद जहां पालकों में जबरदस्त आक्रोश व्याप्त है।
वहीं दूसरी ओर कई पालकों ने अपने बच्चों को वहां से हटान शुरू कर दिया है। अब आनन-फानन में प्रबंधन द्वारा शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और 15 जुलाई तक सभी शिक्षकों को नियुक्ति पूरा करने की बात कही जा रही है।
डीएवी के खराब रिजल्ट के बाद पालकों में जबरदस्त आक्रोश है। नौनिहालों का साल खराब होने के बाद तो बड़ी संख्या में पालकों द्वारा सामूहिक टीसी देने की मांग की गई थी। लेकिन प्रबंधन की समझाइश के बाद किसी तरह से पालक माने। लेकिन इसके बाद धरमजयगढ़ में स्थित डीएवी से 6 पालाकों द्वारा अपने नौनिहालों का टीसी निकलवा लिया। दरअसल मॉडल स्कूल आरंभ से विवादों से घिरा रहा खुलने के बाद से ही संसाधनों व शिक्षकों के अभाव से ग्रसित रहा। लेकिन संविदा शिक्षकों द्वारा यहां पर अच्छी शिक्षा दी जाती रही है। इससे पहले यहां का इतना खराब रिजल्ट नहीं था। लेकिन मॉडल स्कूल को पीपीपी मॉडल के आधार पर निजी संचालक को इसके संचालन का जिम्मा दिए जाने के बाद से उम्मीद जताई जा रही थी कि स्कूल का रिजल्ट बेहतर होगा। लेकिन रिजल्ट आने के बाद पालकों में जबरदस्त नाराजगी देखी जा रही है।
बोर्ड परीक्षा का रिजल्ट निराशाजनक
डीएवी स्कूल धरमजयगढ़ व कुंजारा का बोर्ड परीक्षा का परिणाम सर्वाधिक चौंकाने वाला रहा है। जिसकी किसी ने कल्पना नहीं थी। धरमजयगढ़ बारहवीं बोर्ड की परीक्षा में तो महज 2 छात्र ही पास हो सके थे और पूरक आए इस रिजल्ट ने पालकों को सबसे ज्यादा परेशान किया गया। इसी तरह से लैलूंगा के कुंजारा में स्थित डीएवी पब्लिक स्कूल की भी यही स्थिति रही। हालाकि कुंजारा डीएवी के किसी भी पालक ने अपने नौनिहालों का टीसी नहीं लिया है। दरअसल लैलूंगा क्षेत्र पिछड़ा क्षेत्र है और यहां अधिकांश छात्र आदिवासी वर्ग के ही हैं। बताया जा रहा है कि यही वजह है कि पालक यहां से निकाल कर दूसरे स्कूल में दाखिला नहीं करा सकते हैं। इसी वजह से टीसी नहीं लिया गया है जबकि धरमजयगढ़ डीएवी के पालकों द्वारा सामूहिक रुप से टीसी ने की मांग रख थी।
14 कक्षा और शिक्षक आधे भी नहीं
मॉडल स्कूल को डीएवी द्वारा लिए जाने के बाद से ही कही जा रही थी कि यहां सभी विषय के शिक्षकों की नियुक्ति तत्काल कर दी जाएगी लेकिन पूरा सत्र समाप्त हो गया और शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो सकी अब जब खराब रिजल्ट के बाद पालकों को आक्रोश का सामना करना पड़ा तब आनन-फानन में शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। धरमजयगढ़ डीएवी स्कूल में पूरे सत्र भर 12 तक की कक्षाओं के लिए महज 6 शिक्षक ही रहे। इसी तरह से कुंजारा स्थित डीएवी स्कूल में 12 वीं तक की कक्षा के लिए महज 4 शिक्षक ही रहे। इससे जाहिर है कि डीएवी स्कूल विषय विशेष शिक्षक के सभी पद खाली थे। धरमजयगढ़ व कुंजारा में पढ़ाने वाले पूर्व शिक्षकों को उम्मीद थी कि उन्हें डीएवी द्वारा ले लिया जाएगा लेकिन ऐसा हुआ पुराने अनुभवी सभी शिक्षकों को बाहर का रास्ता दिखा दिया और नए शिक्षकों की नियुक्ति भी नहीं की गई जिसका परिणाम यह रहा कि रिजल्द उम्मीद से खराब आई।
शिक्षकों के रिक्त पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हो गई है दो जगहों पर 10-10 शिक्षक एक-एक एलडीसी सहित 2-2 चपरासी की नियुक्ति हो गई है शेष शिक्षकों की नियुक्ति 15 जुलाई तक डीएवी द्वारा पूरा कर लिए जाने का आश्वासन दिया है।
आरएन हीराधर
जिला शिक्षा अधिकारी