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यह कैसी शिक्षा.. शिक्षक साफ करवा रहे हैं बर्तन, छात्रों से लगवा रहे झाडू

यदि स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने के बजाय उनसे काम करवाया जाए तो क्या होगा? जाहिर है इससे उनकी पढ़ाई पर विपरीत असर पड़ेगा, वे पढ़ाई में कम और दूसरी चीजों पर ज्यादा ध्यान देंगे। और धमतरी में हो भी यही रहा है।


परीक्षा नजदीक होने के कारण जब भास्कर ने शुक्रवार और शनिवार को लगातार दो दिन तक सरकारी स्कूलों में पढ़ाई का हाल जानने की कोशिश की तो वहां चौंकाने वाले दृश्य दिखे। वहां बच्चों से बर्तन साफ करवाए जा रहे थे। उनसे झाड़ू लगवा कर कचरा भी उठवाया जा रहा था। एक स्कूल तो ऐसा मिला जहां सुबह ही नहीं, दोपहर में भी यही नजारा था। और पढ़ाई का हाल ये कि 5वीं की छात्रा को 9 का पहाड़ा भी नहीं मालूम था। उधर डीईओ का कहना है कि किसी स्कूल में बच्चों से काम नहीं लिया जाता है।

बच्चे पहाड़ा तक नहीं पढ़ पाए

प्राथमिक शाला उर्दू बांस पारा साईं मंदिर के सामने भास्कर टीम दोपहर जब 1.10 बजे पहुंची, तब यहां की कक्षा चौथी की छात्रा नीमा कुर्रे से 7 का पहाड़ा पूछा तो वह बोल नहीं पाई। अधारी नवागांव के प्राथमिक स्कूल में 5वीं की छात्रा से 9 का पहाड़ा पूछा तो वह 14 बोलकर रुक गई। तब शिक्षिका आगे का पहाड़ा बोली।

भास्कर लाइव- 1

दिन- शुक्रवार, समय-दोपहर 1 से 2 बजे, स्थान- गोकुलपुर

बर्तन साफ करते फोटो खींची तो सहायिका ने छात्रा को क्लास भेजा

दोपहर 1.40 बजे एक सहायिका के साथ दो छात्राएं बर्तन साफ करती नजर आईं। छात्रों ने बताया कि शिक्षकों ने उन्हें सहायिका का थोड़ा साथ देने के लिए कहा है। इसलिए वे मिड डे- मील करने के बाद बर्तन साफ करने बैठ गईं। भास्कर टीम ने जब ये तस्वीर खींची तो सहायिका ने छात्रा को बर्तन साफ करने से मनाकर क्लास में भेज दिया।

भास्कर लाइव-3

दिन- शनिवार, समय- दोपहर 12 से 1 बजे, स्थान- नवागांव वार्ड अधारी धमतरी

क्यों है ऐसा हाल जानिए... स्कूलों की नहीं होती मॉनीटरिंग

भले ही डीईओ पीकेएस बघेल कह रहे हैं कि किसी स्कूल में बच्चों से काम नहीं करवाया जाता। लेकिन लगता है कि उन्होंने बिना जानकारी के ही ऐसा कह दिया। सच्चाई सामने है। भास्कर ने जब स्कूलों में इस हालत की पड़ताल की तो पता चला कि शिक्षा विभाग के अधिकारी ऐसे मामलों को लेकर मॉनीटरिंग नहीं कर रहे हैं। जब भास्कर को केवल दो दिन पड़ताल में ये तथ्य मिले तो वे भी यदि मॉनीटरिंग करते तो उन्हें भी यही नजारे देखने को मिलते या शिकायतें मिलतीं। एेसी घटनाओं पर विराम भी लगता। लेकिन स्थिति ये है कि मॉनीटरिंग नहीं होने से शिक्षक बच्चों से कोई भी काम ले रहे हैं। सहायिका और सफाईकर्मी भी इसमें पीछे नहीं हैं।

शिक्षक ने मनाया बर्थडे, बच्चों से मंगवाया चाय नाश्ता

भास्कर टीम जब अधारी नवागांव वार्ड स्थित प्राथमिक शाला पहुंची तो वहां एक शिक्षक की बर्थडे पार्टी चल रही थी। स्कूल के समय में बच्चों से चाय-नाश्ता मंगवाया जा रहा था। जबकि ये नियमत: गलत है। टीम को देखकर पूरा स्टाफ हड़बड़ा गया। शिक्षक ने अपना नाम तक नहीं बताया। बच्चों को भी नाम बताने से मना कर दिया।

भास्कर लाइव- 2

दिन-शुक्रवार, समय- सुबह 9-10 बजे, स्थान- गोकुलपुर

पढ़ाई के वक्त छात्र लगा रहे थे झाड़ू, बाल्टी से कचरा भी फेंका

प्राथमिक शाला गोकुलपुर में सुबह 9.45 बजे एक छात्रा ने झाडू लगाने के बाद कचरे को डस्टबिन में उठाकर कचरा प्वाइंट पर फेंका। उसकी 4 सहेलियां इस काम में उसका सहयोग कर रही थीं। छात्राओं ने कहा कि रोज छात्राएं यह काम करती हैं। टीम ने जब ये तस्वीर खींचने लगी तो वहां मौजूद एक शिक्षिका ने ये देख लिया और छात्रा को तत्काल बुला लिया।

सीधी बात

पीकेएस बघेल , डीईओ

ऐसी शिकायत नहीं मिली, ऐसा संभव नहीं

सरकारी स्कूलों में बच्चों से काम लिया जा रहा है?

- जिले के किसी भी सरकारी स्कूल में बच्चों से काम नहीं लिया जा रहा है।

शहरी क्षेत्र के स्कूलों में भी बच्चे मिड डे मील के बाद सहायिकाओं के साथ बर्तन साफ कर रहे हैं, झाडू लगाकर कचरे भी डाल रहे हैं?

-ऐसा संभव ही नहीं है और आज तक किसी भी स्कूल से ऐसी शिकायतें नहीं मिली है। मुझे यहां पदस्थ हुए डेढ़ साल हो चुके हैं।

गोकुलपुर और अधारी के स्कूलों में तो ऐसा हो रहा है?

-एेसा क्या, मेरी जानकारी में तो नहीं है, मेरे पास शिकायत आएगी तो मैं जरूर कार्रवाई करूंगा।

और शिकायत नहीं आई तो, आप अपनी तरफ से कोई जांच निरीक्षण क्यों नहीं करते?

-शिकायत आने दीजिए। कार्रवाई होगी।

नगरी और मगरलोड ब्लाक में और बुरी स्थिति है। इस क्षेत्र के बच्चों से पानी ढोने, शिक्षकों के लिए चाय बनाने जैसे मामले आ चुके है। वहीं बच्चे शिक्षकों की कमी की समस्या से जूझ रहे हैं।

शिक्षकों के लिए चाय बनाने जैसे मामले भी

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