बिलासपुर। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई)
ने संभाग के सभी शिक्षा महाविद्यालयों को 31 दिसंबर तक परफारमेंस एप्रेजल
रिपोर्ट (पीएआर) ऑनलाइन जमा करने का वक्त दिया है। 48 घंटे के भीतर अगर
कॉलेजों ने इसे जमा नहीं किया तो उनकी मान्यता खतरे में पड़ जाएगी।
परिषद ने साफ कर दिया है कि ऑनलाइन डाटा सबमिट नहीं करने पर मान्यता खत्म करने की कार्रवाई होगी। अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय से संबद्ध संभाग में 43 प्राइवेट व एक सरकारी शिक्षा महाविद्यालय है। परिषद ने पहली बार कॉलेजों को ऑनलाइन पीएआर मांगा है। जिसके तहत कॉलेजों को अपने हर हर शिक्षक का पंजीकरण कराना होगा। शिक्षक का यूनिक नंबर मिलेगा इसी के तहत प्रोफाइल अपडेट होगा।
फैकेल्टी के डॉक्युमेंट भी विश्वविद्यालय से सत्यापित कराने होंगे। संचालकों को कालेज भूमि से जुड़े दस्तावेज देना जरूरी है। 100 रुपये के स्टांप पेपर पर शपथपत्र के साथ देना होगा। जमीन के सभी दस्तावेज,रजिस्ट्रेशन कॉपी संलग्न रहेगा।
इन सभी
दस्तावेजों की प्रक्रिया को 31 तक पूरा नहीं किया गया तो कॉलेज मुसीबत में
पड़ जाएंगे। अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय प्रशासन ने पहले ही साफ कर
दिया है कि शिक्षा महाविद्यालयों को हर हाल में मापदंड पूरा करना होगा।
नियमों की अनदेखी ठीक नहीं है।
भर्ती में किया गया है फर्जीवाड़ा
छात्र-छात्राओं को प्रवेश लेकर नॉन कॉलेज अटेंडेंस फीस लेने और टीचिंग-नॉन टीचिंग पदों में भर्ती कर फर्जीवाड़ा करने वाले बीएड कॉलेजों पर जल्द गाज गिरेगी। एनसीटीई ने अब वन टाइम मान्यता व्यवस्था को राष्ट्रीय स्तर पर समाप्त कर दिया है। 44 बीएड-एमएड कॉलेजों को अनिवार्य रूप से पीएआर भरने का आदेश दिया है। जो संस्थान निर्धारित तिथि तक पीएआर नहीं भरेगा उस संस्थान में एनसीटीई की टीम दोबारा निरीक्षण करेगी और जांच में सही पाए जाने के बाद ही मान्यता देगी।
एनसीटीई ने दिखाई है सख्ती
एनसीटीई के इस कड़े नियम के बाद स्वाभाविक है उन कॉलेजों की मुश्किलें बढ़ जाएंगी,जहां नियमानुसार फैकेल्टी की नियुक्ति नहीं हुई है। छात्रों को प्रवेश लेकर क्लॉस अटेंड नहीं कराने वाले संस्थाओं पर सख्त निगरानी है।
खासकर जो कॉलेज मोटी रकम वसूल कर नियम विरुद्घ सुविधा देते हैं। एनसीटीई का फोकस आधारभूत संरचना से लेकर प्रयोगशाला, पुस्तकालय, भवन, फैकेल्टी आदि मानकों को पूरा नहीं करने वाले कॉलेजों पर हैं। इन्हीं सुविधाओं का भौतिक सत्यापन के लिए एनसीटीई ने वन टाइम मान्यता के स्थान पर प्रतिवर्ष मान्यता देने का प्रावधान किया है।
- एनसीटीई ने वन टाइम
मान्यता को लेकर कदम आगे बढ़ा दिया है। शिक्षा महाविद्यालयों को 31 दिसंबर
तक पीएआर ऑनलाइन जमा करने कहा है। ऐसा नहीं करने पर कॉलेजों को दिक्कत
होगी। उनकी मान्यता भी खत्म हो सकती है। - प्रो.सुधीर शर्मा, कुलसचिव,अटल बिहारी वाजपेयी विवि
परिषद ने साफ कर दिया है कि ऑनलाइन डाटा सबमिट नहीं करने पर मान्यता खत्म करने की कार्रवाई होगी। अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय से संबद्ध संभाग में 43 प्राइवेट व एक सरकारी शिक्षा महाविद्यालय है। परिषद ने पहली बार कॉलेजों को ऑनलाइन पीएआर मांगा है। जिसके तहत कॉलेजों को अपने हर हर शिक्षक का पंजीकरण कराना होगा। शिक्षक का यूनिक नंबर मिलेगा इसी के तहत प्रोफाइल अपडेट होगा।
फैकेल्टी के डॉक्युमेंट भी विश्वविद्यालय से सत्यापित कराने होंगे। संचालकों को कालेज भूमि से जुड़े दस्तावेज देना जरूरी है। 100 रुपये के स्टांप पेपर पर शपथपत्र के साथ देना होगा। जमीन के सभी दस्तावेज,रजिस्ट्रेशन कॉपी संलग्न रहेगा।
भर्ती में किया गया है फर्जीवाड़ा
छात्र-छात्राओं को प्रवेश लेकर नॉन कॉलेज अटेंडेंस फीस लेने और टीचिंग-नॉन टीचिंग पदों में भर्ती कर फर्जीवाड़ा करने वाले बीएड कॉलेजों पर जल्द गाज गिरेगी। एनसीटीई ने अब वन टाइम मान्यता व्यवस्था को राष्ट्रीय स्तर पर समाप्त कर दिया है। 44 बीएड-एमएड कॉलेजों को अनिवार्य रूप से पीएआर भरने का आदेश दिया है। जो संस्थान निर्धारित तिथि तक पीएआर नहीं भरेगा उस संस्थान में एनसीटीई की टीम दोबारा निरीक्षण करेगी और जांच में सही पाए जाने के बाद ही मान्यता देगी।
एनसीटीई के इस कड़े नियम के बाद स्वाभाविक है उन कॉलेजों की मुश्किलें बढ़ जाएंगी,जहां नियमानुसार फैकेल्टी की नियुक्ति नहीं हुई है। छात्रों को प्रवेश लेकर क्लॉस अटेंड नहीं कराने वाले संस्थाओं पर सख्त निगरानी है।
खासकर जो कॉलेज मोटी रकम वसूल कर नियम विरुद्घ सुविधा देते हैं। एनसीटीई का फोकस आधारभूत संरचना से लेकर प्रयोगशाला, पुस्तकालय, भवन, फैकेल्टी आदि मानकों को पूरा नहीं करने वाले कॉलेजों पर हैं। इन्हीं सुविधाओं का भौतिक सत्यापन के लिए एनसीटीई ने वन टाइम मान्यता के स्थान पर प्रतिवर्ष मान्यता देने का प्रावधान किया है।