रायपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। निजी स्कूलों की जांच में लगातार गड़बड़ियां उजागर हो रही हैं। लगातार तीसरे दिन सोमवार को जिला शिक्षा विभाग की टीम शहर के आठ स्कूलों में जांच करने के लिए पहुंची। टीम ने पाया कि कुछ स्कूलों में अप्रशिक्षित शिक्षकों से पढ़ाई कराई जा रही है। अभिभावकों से मनमानी फीस वसूलने से लेकर कुछ स्कूलों में विभागीय मान्यता को लेकर आवश्यक दस्तावेज तक नहीं हैं। जिला शिक्षा अधिकारी रायपुर (डीईओ) ने चार निजी स्कूलों के प्रबंधकों को नोटिस दिया है।
अब
तक 40 निजी स्कूलों की जांच हो चुकी है, जिसमें से 17 को नोटिस जारी किया
जा चुका है। सोमवार को निजी स्कूलों के निरीक्षणों में नवकार पब्लिक स्कूल
में कुछ शिक्षक अप्रशिक्षित पाए गए एवं साफ-सफाई व्यवस्था ठीक नहीं थी।
अल्फा पब्लिक स्कूल में पेयजल व्यवस्था नहीं पाई गई। छत्तीसगढ़ पब्लिक स्कूल
टिकरापारा में शिक्षक की कमी पाई गई तथा मान्यता संबंधी एवं अन्य दस्तावेज
निरीक्षण अधिकारियों का उपलब्ध नहीं कराया गया । इन सभी स्कूलों के
प्रबंधकों को नोटिस जारी किया गया है।
गौरतलब
है कि स्कूलों की जांच के लिए शिक्षा विभाग की तरफ से नौ दल गठित किए गए
हैं। इधर, छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन ने दबाव बनाना शुरू
कर दिया है। एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव गुप्ता ने बताया कि उनका एक
प्रतिनिधिमंडल और निजी स्कूल संचालक 12 अप्रैल को दोपहर 12:00 बजे जांच के
संबंध में अपना पक्ष रखने जिला शिक्षा अधिकारी से मुलाकात करेंगे। संगठन
जांच के विरोध में नहीं है लेकिन स्कूल शिक्षा विभाग के तौर तरीकों पर
विरोध दर्ज कराएंगे ।
आठ स्कूलों में औचक निरीक्षण
ब्राइटन
इंटरनेशनल स्कूल विधान सभा रोड में सकारात्मक पहल पाई गई। यहां के जिन
छात्र-छात्रा के पिता (कोविड-19 ) की करोना या अन्य कारणों से मृत्यु हुई
है, उन्हें 100 प्रतिशत या 50 प्रतिशत की छूट दी गई है। निरीक्षण दल द्वारा
आठ निजी स्कूलों का औचक निरीक्षण किया गया, जिसमें नवकार पब्लिक स्कूल
रायपुर, अल्फा पब्लिक स्कूल रायपुर, छत्तीसगढ़ पब्लिक स्कूल टिकरापारा,
भारतमाता स्कूल टाटीबंध, भारतमाता स्कूल टाटीबंध, ब्राइटन इंटरनेशनल स्कूल
विधान सभा रोड, भवन्स आरकेरडा विद्या मंदिर सडडू और आदर्श विद्यालय मोवा
शामिल हैं।