रायपुर। पीजी अभ्यर्थी को कोरबा स्थित करतला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र
(सीएचसी) बीएमओ ने सिर्फ 213 उपस्थित रहने पर पूरे 355 दिन का अनुभव
प्रमाण-पत्र जारी कर दिया था। इससे अभ्यर्थी को मेडिकल पोस्ट ग्रेजुएशन
(पीजी) सीट पर 5 बोनस अंक मिल गए थे।
उसने अनुसूचित जाति वर्ग में टॉप कर लिया। उसे पं. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज की रेडियोडायग्नोसिस की सीट मिल गई। उसने दाखिला ले लिया, लेकिन 'नईदुनिया' खुलासे के बाद हुई जांच में अनुभव-प्रमाण पत्र को फर्जी पाया गया और चिकित्सा शिक्षा संचालक (डीएमई) ने दाखिला रद्द कर दिया। इस पूरे मामले में अब करतला बीएमओ डॉ. धीरेंद्र सिंह पर कार्रवाई की तैयारी है। सूत्र बताते हैं कि उनके दो इंक्रीमेंट रोके जा सकते हैं। एफआईआर भी हो सकती है।
फर्जी अनुभव प्रमाण-पत्र जारी करने के मामले की जांच कर रहे सीएमएचओ कोरबा डॉ. सीआर कुंभकार ने 'नईदुनिया' को बताया कि मामले की जांच पूरी हो चुकी है, रिपोर्ट संचालक स्वास्थ्य सेवाएं को सौंप दी गई है। उनका कहना है कि बीएमओ ने जल्दबादी में प्रमाण-पत्र जारी किया था। उनके अनुसार अभ्यर्थी डॉ. विकास डहरिया, शाम को डॉ. सिंह के पास आए और उन्होंने अनुभव प्रमाण-पत्र की मांग की। कहा कि उन्हें दूसरे दिन प्रमाण-पत्र जमा करना है। डॉ. सिंह ने डॉ. विकास के बताए दिनों के हिसाब से सालभर का अनुभव प्रमाण-पत्र दे दिया और रजिस्टर में डॉ. विकास के उपस्थित दिनों का सत्यापन नहीं किया। डॉ. कुंभकार ने मामले में किसी भी प्रकार के लेन-देन की बात से इंकार किया है।
करतला बीएमओ के विरुद्ध जांच करवाई जा रही है। रिपोर्ट के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी। मैंने पहले भी कहा था और अब भी कहता हूं कि यह गंभीर प्रकरण है।
- आर. प्रसन्ना, संचालक, स्वास्थ्य सेवाएं
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उसने अनुसूचित जाति वर्ग में टॉप कर लिया। उसे पं. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज की रेडियोडायग्नोसिस की सीट मिल गई। उसने दाखिला ले लिया, लेकिन 'नईदुनिया' खुलासे के बाद हुई जांच में अनुभव-प्रमाण पत्र को फर्जी पाया गया और चिकित्सा शिक्षा संचालक (डीएमई) ने दाखिला रद्द कर दिया। इस पूरे मामले में अब करतला बीएमओ डॉ. धीरेंद्र सिंह पर कार्रवाई की तैयारी है। सूत्र बताते हैं कि उनके दो इंक्रीमेंट रोके जा सकते हैं। एफआईआर भी हो सकती है।
फर्जी अनुभव प्रमाण-पत्र जारी करने के मामले की जांच कर रहे सीएमएचओ कोरबा डॉ. सीआर कुंभकार ने 'नईदुनिया' को बताया कि मामले की जांच पूरी हो चुकी है, रिपोर्ट संचालक स्वास्थ्य सेवाएं को सौंप दी गई है। उनका कहना है कि बीएमओ ने जल्दबादी में प्रमाण-पत्र जारी किया था। उनके अनुसार अभ्यर्थी डॉ. विकास डहरिया, शाम को डॉ. सिंह के पास आए और उन्होंने अनुभव प्रमाण-पत्र की मांग की। कहा कि उन्हें दूसरे दिन प्रमाण-पत्र जमा करना है। डॉ. सिंह ने डॉ. विकास के बताए दिनों के हिसाब से सालभर का अनुभव प्रमाण-पत्र दे दिया और रजिस्टर में डॉ. विकास के उपस्थित दिनों का सत्यापन नहीं किया। डॉ. कुंभकार ने मामले में किसी भी प्रकार के लेन-देन की बात से इंकार किया है।
करतला बीएमओ के विरुद्ध जांच करवाई जा रही है। रिपोर्ट के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी। मैंने पहले भी कहा था और अब भी कहता हूं कि यह गंभीर प्रकरण है।
- आर. प्रसन्ना, संचालक, स्वास्थ्य सेवाएं
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