चंद्रपुर | नगर के शासकीय हायर सेकंडरी स्कूल में वैसे तो यूडीटी और
व्याख्याता मिला कर 14 पद स्वीकृत हैं पर आश्चर्य की बात है कि इनमें मात्र
3 शिक्षक ही पदस्थ हैं जबकि व्याख्याताओं के 11 पद वर्षों से रिक्त है,
लेकिन शिक्षा विभाग द्वारा इन रिक्त पदों पर भर्ती करने की कोई व्यवस्था
नहीं की जा रही है। अंचल का सबसे पुराना स्कूल लचर प्रशासनिक व्यवस्था के कारण शिक्षकों की
कमी से जूझ रहा है। शासन- प्रशासन शिक्षा में गुणवत्ता सुधार के लिए ढोल
पिट रहा, दूसरी ओर नगर के स्कूल में शिक्षा व्यवस्था के नाम पर कुछ नहीं
है। शासकीय शशिभूषण सिंह उमावि उच्च अधिकारियो व् जनप्रतिनिधियों की
उदासीनता के कारण शिक्षकों की कमी से जूझ रहा है। एक तरफ सक्ती के डीईओ
शैक्षणिक जिला में शिक्षकों को अतिशेष बताकर दूसरे ब्लॉकोें में भेज रहे
हैं वहीं यहां के स्कूल में विभिन्न विषयों में व्याख्याता के 14 पद
स्वीकृत है जिनमें से महज 3 पद पर ही व्याख्याता पदस्थ हैं, अंग्रेजी,
गणित, भौतिक शास्त्र, जीव विज्ञान, रसायन जैसे विषयों के शिक्षक ही नहीं
हैं। शिक्षकों की कमी के बाद भी 2016 की कि वार्षिक परीक्षा में उत्कृष्ट
प्रदर्शन किया है। वही विज्ञान संकाय में एक भी व्याख्याता न होने पर भी
कक्षा 12 की परीक्षा में 90% छात्र- छात्रा उत्तीर्ण रहे वही अन्य संकायों
में 75% छात्र- छात्रा उत्तीर्ण रहे|
इस स्कूल में है शिक्षकों का अभाव
जनभागीदारी से भी नहीं व्यवस्था
जनभागीदारी से शिक्षक व्यवस्था करने के नाम पर कक्षावार अलग अलग फीस निर्धारित किया गया है। कक्षा नवमी के विद्यार्थियों से 850 रुपए, दसवीं के विद्यार्थियों से 950 ग्यारहवीं 1050 तथा बारहवीं के विद्यार्थियों से 1150 रुपए शुल्क लिया जाता है। जनभागीदारी से शिक्षकों की व्यवस्था करने के लिए स्थानीय प्राचार्य ने प्रशासन से अनुमति ली है कि नहीं यह भी अपने आप में बड़ा सवाल है।
Sponsored link : सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
इस स्कूल में है शिक्षकों का अभाव
जनभागीदारी से भी नहीं व्यवस्था
जनभागीदारी से शिक्षक व्यवस्था करने के नाम पर कक्षावार अलग अलग फीस निर्धारित किया गया है। कक्षा नवमी के विद्यार्थियों से 850 रुपए, दसवीं के विद्यार्थियों से 950 ग्यारहवीं 1050 तथा बारहवीं के विद्यार्थियों से 1150 रुपए शुल्क लिया जाता है। जनभागीदारी से शिक्षकों की व्यवस्था करने के लिए स्थानीय प्राचार्य ने प्रशासन से अनुमति ली है कि नहीं यह भी अपने आप में बड़ा सवाल है।
Sponsored link : सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC