व्याख्याता पंचायत को ट्रांसफर पर बुुलाने का खेल ऐसा चला कि जिले में इस संवर्ग के पद ही कम हो गए हैं। इससे सीधी भर्ती पर खतरा मंडराने लगा है। दरअसल, जिला पंचायत को प्रमोशन व सीधी भर्ती के लिए 181 पद चाहिए, जबकि शिक्षा विभाग का दावा है कि जिले में 129 से ज्यादा पद रिक्त नहीं है।
जिला पंचायत के अफसर यह कह रहे हैं कि शिक्षा विभाग को और पद देना ही होगा। इधर, डीईओ कह रहे हैं कि जितने पद खाली थे, दे दिए हैं। इसमें प्रमोशन करें या फिर सीधी भर्ती।
जिला पंचायत द्वारा पति-प|ी के आधार पर व्याख्याता पंचायत को थोक के भाव में जिले में बुलाने से बवाल खड़ा हाे गया है। पदों की गणना किए बगैर मनमाने तरीके से दूसरे जिले के व्याख्याता पंचायत की पदस्थापना यहां करने से कमीशनखोरी के आरोप लग रहे हैं। इस आरोप को इसलिए भी बल मिल रहा है, क्योंकि जिला पंचायत ने ट्रांसफर की प्रक्रिया के बीच ही व्याख्याता पंचायत के 99 पदों पर सीधी भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला था। कुछ ही दिनों बाद इसमें कटौती कर 52 पद कर दिया गया। इस बीच शिक्षक पंचायत संवर्ग को व्याख्याता पंचायत के पद पर पदोन्नति देने की प्रक्रिया शुरू हो गई। 129 शिक्षक पंचायत को पदोन्नति देने के लिए जिला पंचायत सामान्य प्रशासन समिति में प्रस्ताव भी पारित हो चुका है। यानी कि सीधी भर्ती और पदोन्नति के लिए अभी भी 181 पद चाहिए। जिला पंचायत ने 95 व्याख्याता पंचायत को दूसरे जिले से बुलाकर यहां पदस्थापना दे दी है। अब पदोन्नति व सीधी भर्ती के लिए पद मांगे जा रहे हैं, जिसे लेकर जिला पंचायत व शिक्षा विभाग के बीच शीतयुद्ध शुरू हो गया है। कलेक्टर अन्बलगन पी द्वारा हर मंगलवार को ली जाने वाली टीएल की दो बार की बैठक में भी यह मामला उठ चुका है। कलेक्टर ने दोनों विभागाें को सामंजस्य बनाकर काम करने की नसीहत दी है। शिक्षा विभाग को स्कूलवार स्वीकृत सेटअप की गणना कर रिक्त पद निकालने के निर्देश दिए गए थे। करीब 15 दिनों की माथापच्ची के बाद शिक्षा विभाग ने रिक्त और अतिशेष पदों की सूची बना ली है। इसी सूची के आधार पर पिछले दिनों जिला पंचायत को व्याख्याता पंचायत के 129 पद दिए गए हैं। इतने पद मिलने के बाद दोनों विभागाें के बीच चल रहा मनमुटाव कम होने के अासार नहीं दिख रहे हैं। दरअसल, जिला पंचायत को 129 पद तो प्रमोशन के लिए चाहिए। इसके अलावा 52 पद सीधी भर्ती के लिए जरूरत है। ऐसे में यह समस्या खड़ी हो गई है कि आखिर प्रमाेशन किया जाए या फिर सीधी भर्ती।
95प्याख्याता पंचायत को दूसरे जिले से बुलाकर यहां पदस्थापना दे दी है
181पद चाहिए जिला पंचायत को प्रमोशन व भर्ती के लिए
129पद रिक्त मात्र जिले में व्याख्याता पंचायत के
शिक्षा विभाग ने छिपाकर रखे हैं पद
पूर्व में शिक्षा विभाग ने व्याख्याता पंचायत के पद छिपाकर रखे थे। उन्होंने जो 129 पद दिए हैं, उसे प्रमोशन से भरा जाएगा। इसके बाद सीधी भर्ती के लिए भी पद देना होगा, क्योंकि अभी भी कुछ पद दबाकर रखे गए हैं। जेपी मौर्य, सीईओ, जिला पंचायत
अब हमारे पास कोई पद नहीं
स्कूलवार गणना कर हमने रिक्त पदों की जानकारी दे दी है। अब हमारे पास कोई पद नहीं है। जो पद हमने दिए हैं, उससे जिला पंचायत प्रमोशन करे या फिर सीधी भर्ती। हमें उससे कोई लेना-देना नहीं है। हेमंत उपाध्याय, डीईओ, जिला शिक्षा विभाग
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जिला पंचायत के अफसर यह कह रहे हैं कि शिक्षा विभाग को और पद देना ही होगा। इधर, डीईओ कह रहे हैं कि जितने पद खाली थे, दे दिए हैं। इसमें प्रमोशन करें या फिर सीधी भर्ती।
जिला पंचायत द्वारा पति-प|ी के आधार पर व्याख्याता पंचायत को थोक के भाव में जिले में बुलाने से बवाल खड़ा हाे गया है। पदों की गणना किए बगैर मनमाने तरीके से दूसरे जिले के व्याख्याता पंचायत की पदस्थापना यहां करने से कमीशनखोरी के आरोप लग रहे हैं। इस आरोप को इसलिए भी बल मिल रहा है, क्योंकि जिला पंचायत ने ट्रांसफर की प्रक्रिया के बीच ही व्याख्याता पंचायत के 99 पदों पर सीधी भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला था। कुछ ही दिनों बाद इसमें कटौती कर 52 पद कर दिया गया। इस बीच शिक्षक पंचायत संवर्ग को व्याख्याता पंचायत के पद पर पदोन्नति देने की प्रक्रिया शुरू हो गई। 129 शिक्षक पंचायत को पदोन्नति देने के लिए जिला पंचायत सामान्य प्रशासन समिति में प्रस्ताव भी पारित हो चुका है। यानी कि सीधी भर्ती और पदोन्नति के लिए अभी भी 181 पद चाहिए। जिला पंचायत ने 95 व्याख्याता पंचायत को दूसरे जिले से बुलाकर यहां पदस्थापना दे दी है। अब पदोन्नति व सीधी भर्ती के लिए पद मांगे जा रहे हैं, जिसे लेकर जिला पंचायत व शिक्षा विभाग के बीच शीतयुद्ध शुरू हो गया है। कलेक्टर अन्बलगन पी द्वारा हर मंगलवार को ली जाने वाली टीएल की दो बार की बैठक में भी यह मामला उठ चुका है। कलेक्टर ने दोनों विभागाें को सामंजस्य बनाकर काम करने की नसीहत दी है। शिक्षा विभाग को स्कूलवार स्वीकृत सेटअप की गणना कर रिक्त पद निकालने के निर्देश दिए गए थे। करीब 15 दिनों की माथापच्ची के बाद शिक्षा विभाग ने रिक्त और अतिशेष पदों की सूची बना ली है। इसी सूची के आधार पर पिछले दिनों जिला पंचायत को व्याख्याता पंचायत के 129 पद दिए गए हैं। इतने पद मिलने के बाद दोनों विभागाें के बीच चल रहा मनमुटाव कम होने के अासार नहीं दिख रहे हैं। दरअसल, जिला पंचायत को 129 पद तो प्रमोशन के लिए चाहिए। इसके अलावा 52 पद सीधी भर्ती के लिए जरूरत है। ऐसे में यह समस्या खड़ी हो गई है कि आखिर प्रमाेशन किया जाए या फिर सीधी भर्ती।
95प्याख्याता पंचायत को दूसरे जिले से बुलाकर यहां पदस्थापना दे दी है
181पद चाहिए जिला पंचायत को प्रमोशन व भर्ती के लिए
129पद रिक्त मात्र जिले में व्याख्याता पंचायत के
शिक्षा विभाग ने छिपाकर रखे हैं पद
पूर्व में शिक्षा विभाग ने व्याख्याता पंचायत के पद छिपाकर रखे थे। उन्होंने जो 129 पद दिए हैं, उसे प्रमोशन से भरा जाएगा। इसके बाद सीधी भर्ती के लिए भी पद देना होगा, क्योंकि अभी भी कुछ पद दबाकर रखे गए हैं। जेपी मौर्य, सीईओ, जिला पंचायत
अब हमारे पास कोई पद नहीं
स्कूलवार गणना कर हमने रिक्त पदों की जानकारी दे दी है। अब हमारे पास कोई पद नहीं है। जो पद हमने दिए हैं, उससे जिला पंचायत प्रमोशन करे या फिर सीधी भर्ती। हमें उससे कोई लेना-देना नहीं है। हेमंत उपाध्याय, डीईओ, जिला शिक्षा विभाग