रायगढ़. बरमकेला
क्षेत्र के 50 अतिशेष शिक्षक पंचायतों को आंदोलन करना अब महंगा पड़ रहा
है। रिलीव होने के तीन माह बाद ज्वाइनिंग लेने गए करीब 50 अतिशेष शिक्षकों
को सीईओ ने ज्वाइनिंग देने से मना कर दिया है। अब ये शिक्षक न तो रायगढ़
जिले के माने जा रहे हैं न ही जांजगीर जिले के। इसके कारण अब इनकी नौकरी
खतरे में पड़ी हुई है।
नियमानुसार देखा जाए तो किसी भी सरकारी कर्मचारी के स्थानांतरण अगर जिले के भीतर होता है तो 15 दिन और जिले के बाहर होता है तो अधिकतम 1 माह का समय दिया जाता है। जिले के अतिशेष करीब 4 सौ शिक्षकों को 18 अप्रैल को जनपदों से रिलीव कर दिया गया है।
इसके बाद अधिकांश लोगों ने ज्वाइनिंग लेना शुरू कर दिया लेकिन बरमकेला क्षेत्र के 72 अतिशेष शिक्षकों ने ज्वाइनिंग नहीं दी। ये शिक्षक संघ के आंदोलन और अन्य प्रक्रिया के माध्यम से स्थानांतरण रोकवाने के चक्कर में रहे, लेकिन स्थानांतरण नहीं रुका।
इस बीच में इसमें से करीब 15-20 शिक्षकों ने जांजगीर जाकर ज्वाइनिंग ले ली शेष करीब 50 ने ज्वाइनिंग नहीं ली। सूत्रों की माने तो पिछले दिनों उक्त सभी अतिशेष शिक्षक जांजगीर जिले ज्वाइनिंग करने के लिए पहुंचे। इस दौरान जिला पंचायत सीईओ ने रिलीव लेटर की जांच की तो पता चला कि 18 अप्रैल को ही रायगढ़ से रिलीव कर दिया गया। इसको देखने के बाद सीईओ ने ज्वाइनिंग देने से मना कर दिया।
इसको लेकर अतिशेष शिक्षक वहां सीईओ से मिलकर चर्चा किए लेकिन सीईओ ने नियमों का हवाला देकर ज्वाइनिंग देने से इंकार कर दिया। वहीं इन शिक्षकों को रायगढ़ जिला पंचायत रिलीव करने के बाद से अपना कर्मचारी नहीं मान रहा है ऐसे में इन शिक्षकों की नौकरी अब खतरे में पड़ गई है।
मांगा गया है प्रमाण
बताया जाता है कि जांजगीर जिला पंचायत ने उक्त शिक्षकों को कहा है कि संबंधित सीईओ से यह लिखवाकर ले आए कि अभी रिलीव किया गया है। या फिर रिलीव के बाद अब तक कहां थे इसकी जानकारी मांगी गई है। रायगढ़ सीईओ के पत्र के बाद ही ज्वाइनिंग देने की बात कही जा रही है।
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नियमानुसार देखा जाए तो किसी भी सरकारी कर्मचारी के स्थानांतरण अगर जिले के भीतर होता है तो 15 दिन और जिले के बाहर होता है तो अधिकतम 1 माह का समय दिया जाता है। जिले के अतिशेष करीब 4 सौ शिक्षकों को 18 अप्रैल को जनपदों से रिलीव कर दिया गया है।
इसके बाद अधिकांश लोगों ने ज्वाइनिंग लेना शुरू कर दिया लेकिन बरमकेला क्षेत्र के 72 अतिशेष शिक्षकों ने ज्वाइनिंग नहीं दी। ये शिक्षक संघ के आंदोलन और अन्य प्रक्रिया के माध्यम से स्थानांतरण रोकवाने के चक्कर में रहे, लेकिन स्थानांतरण नहीं रुका।
इस बीच में इसमें से करीब 15-20 शिक्षकों ने जांजगीर जाकर ज्वाइनिंग ले ली शेष करीब 50 ने ज्वाइनिंग नहीं ली। सूत्रों की माने तो पिछले दिनों उक्त सभी अतिशेष शिक्षक जांजगीर जिले ज्वाइनिंग करने के लिए पहुंचे। इस दौरान जिला पंचायत सीईओ ने रिलीव लेटर की जांच की तो पता चला कि 18 अप्रैल को ही रायगढ़ से रिलीव कर दिया गया। इसको देखने के बाद सीईओ ने ज्वाइनिंग देने से मना कर दिया।
इसको लेकर अतिशेष शिक्षक वहां सीईओ से मिलकर चर्चा किए लेकिन सीईओ ने नियमों का हवाला देकर ज्वाइनिंग देने से इंकार कर दिया। वहीं इन शिक्षकों को रायगढ़ जिला पंचायत रिलीव करने के बाद से अपना कर्मचारी नहीं मान रहा है ऐसे में इन शिक्षकों की नौकरी अब खतरे में पड़ गई है।
मांगा गया है प्रमाण
बताया जाता है कि जांजगीर जिला पंचायत ने उक्त शिक्षकों को कहा है कि संबंधित सीईओ से यह लिखवाकर ले आए कि अभी रिलीव किया गया है। या फिर रिलीव के बाद अब तक कहां थे इसकी जानकारी मांगी गई है। रायगढ़ सीईओ के पत्र के बाद ही ज्वाइनिंग देने की बात कही जा रही है।
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