आउटसोर्सिग के नाम पर बस्तर में बेरोजगारों और छात्रों के नाम पर बड़ा खेल
चल रहा है। एक ओर जहां प्लेसमेंट एंजेसियां आपात्र शिक्षकों से पैसे लेकर
उन्हे शिक्षक बनाकर छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है तो वहीं नौकरी
देने के नाम पर बस्तरिया बेरोजगारों से भी मोटी रकम ठगी जा रही है।
ताजा खुलासा यह है कि बेरोजगारों को प्लेसमेंट देने वाल कंपनी ने पात्र और आपात्र शिक्षकों से 5-5 हजार रूपए का ड्राफ्ट जमा करवाया है। ड्राफ्ट कंपनी के नाम से बनवाकर लिया गया है। इसे सिक्यूरटी मनी के तौर पर रखे जाने की बात कही गई है। प्लेसमेंट कंपनियां सरकार से प्रति शिक्षक 24500 रुपए लेकर शिक्षकों को केवल 15000 रुपए ही दे रही है। जिला शिक्षाधिकारी राजेंद्र झा बहुत जल्दी इन तथ्यों का खुलासा करने वाले हैं। प्लेसमेंट कंपनियों ने पूरे संभाग में करीब 20 लाख रूपए बेरोजगारों से जमा करवाए हैं।
प्लेसमेंट एजेंसी को सरकार प्रति शिक्षक 24500 रूपए की दर से भुगतान कर रही है। शिक्षकों को इस भुगतान में से करीब 23 हजार रूपए के आसपास वेतन के तौर पर मिलने थे लेकिन प्लेसमेंट एंजेसियों ने जिन बेरोजगारों को शिक्षक बनाया है उन्हें सिर्फ 15 हजार रूपए का वेतन दिया जा रहा है। शेष पेज 20 पर
एजेंसी यहां प्रति शिक्षक के पीछे हर माह 9 हजार रूपए से ज्यादा बचा रही है। इतना ही नहीं बाहर से आए शिक्षकों को जिन्हें सुकमा जिले में पदस्थ किया गया है उन्हें कंपनी 18 हजार रुपए तक दे रही है। अकेले बस्तर जिले के आंकड़े को ही देखें तो हर महीने सवा दो लाख रुपए का फायदा कंपनी को मुफ्त में ही हो रहा है।
जांच जारी है बहुत जल्द कार्रवाई की जाएगी
जिला शिक्षा अधिकारी राजेंद्र झा ने बताया कि फर्जीवाड़े की जांच की जा रही है। जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि पहले चरण की जांच पूरी कर ली गई है। कुछ जगह संदेह होने से दोबारा मूल प्रमाण पत्रों से मिलान करने को कहा गया है।
ब्लाक में भारी गड़बड़ी, अफसर दबा रहे मामला
इधर जगदलपुर ब्लाक में आउटसोर्सिंग के जरिए भर्ती में भी बड़ा गोलमाल करने की खबरे हैं। बताया जा रहा है कि यहां करीब 15 आपात्रों से पैसे लेकर कंपनी ने इन्हें शिक्षक बनाया है। शिक्षा विभाग ने इस ब्लाक में जांच करवाई थी पर इसमें कोई भी अपात्र शिक्षक पकड़ में नहीं आया है।
डाक्यूमेंटेशन के नाम पर 200 रुपए अलग से वसूल
इसके अलावा हर शिक्षक से डाक्यूमेंटेशन के नाम पर 200 रुपए अलग से वसूल किए गए हैं जबकि राज्य सरकार के एग्रीमेंट में कहीं भी बेरोजगार युवकों से इस तरह का बांड भरवाने का कोई उल्लेख ही नहीं है। प्लेसमेंट कंपनी ने पूरे संभाग में करीब 20 लाख रूपए बेरोजगारों से जमा करवाए हैं। गौरतलब है कि इसके पहले दैनिक भास्कर ने ही खुलासा किया था कि बस्तर में आउटर्सोर्सिग के नाम पर भारी भ्रष्टाचार चल रहा है और 12वीं पास बेरोजगारों से 50-50 हजार रूपए लेकर उन्हें नौकरियां दी गई है। इस खुलासे के बाद कई 12वीं पास शिक्षकों ने खुद ही नौकरी छोड़ दी थी और शिक्षा विभाग ने भी अपने स्तर पर मामले की जांच शुरू करवा दी है।
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ताजा खुलासा यह है कि बेरोजगारों को प्लेसमेंट देने वाल कंपनी ने पात्र और आपात्र शिक्षकों से 5-5 हजार रूपए का ड्राफ्ट जमा करवाया है। ड्राफ्ट कंपनी के नाम से बनवाकर लिया गया है। इसे सिक्यूरटी मनी के तौर पर रखे जाने की बात कही गई है। प्लेसमेंट कंपनियां सरकार से प्रति शिक्षक 24500 रुपए लेकर शिक्षकों को केवल 15000 रुपए ही दे रही है। जिला शिक्षाधिकारी राजेंद्र झा बहुत जल्दी इन तथ्यों का खुलासा करने वाले हैं। प्लेसमेंट कंपनियों ने पूरे संभाग में करीब 20 लाख रूपए बेरोजगारों से जमा करवाए हैं।
प्लेसमेंट एजेंसी को सरकार प्रति शिक्षक 24500 रूपए की दर से भुगतान कर रही है। शिक्षकों को इस भुगतान में से करीब 23 हजार रूपए के आसपास वेतन के तौर पर मिलने थे लेकिन प्लेसमेंट एंजेसियों ने जिन बेरोजगारों को शिक्षक बनाया है उन्हें सिर्फ 15 हजार रूपए का वेतन दिया जा रहा है। शेष पेज 20 पर
एजेंसी यहां प्रति शिक्षक के पीछे हर माह 9 हजार रूपए से ज्यादा बचा रही है। इतना ही नहीं बाहर से आए शिक्षकों को जिन्हें सुकमा जिले में पदस्थ किया गया है उन्हें कंपनी 18 हजार रुपए तक दे रही है। अकेले बस्तर जिले के आंकड़े को ही देखें तो हर महीने सवा दो लाख रुपए का फायदा कंपनी को मुफ्त में ही हो रहा है।
जांच जारी है बहुत जल्द कार्रवाई की जाएगी
जिला शिक्षा अधिकारी राजेंद्र झा ने बताया कि फर्जीवाड़े की जांच की जा रही है। जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि पहले चरण की जांच पूरी कर ली गई है। कुछ जगह संदेह होने से दोबारा मूल प्रमाण पत्रों से मिलान करने को कहा गया है।
ब्लाक में भारी गड़बड़ी, अफसर दबा रहे मामला
इधर जगदलपुर ब्लाक में आउटसोर्सिंग के जरिए भर्ती में भी बड़ा गोलमाल करने की खबरे हैं। बताया जा रहा है कि यहां करीब 15 आपात्रों से पैसे लेकर कंपनी ने इन्हें शिक्षक बनाया है। शिक्षा विभाग ने इस ब्लाक में जांच करवाई थी पर इसमें कोई भी अपात्र शिक्षक पकड़ में नहीं आया है।
डाक्यूमेंटेशन के नाम पर 200 रुपए अलग से वसूल
इसके अलावा हर शिक्षक से डाक्यूमेंटेशन के नाम पर 200 रुपए अलग से वसूल किए गए हैं जबकि राज्य सरकार के एग्रीमेंट में कहीं भी बेरोजगार युवकों से इस तरह का बांड भरवाने का कोई उल्लेख ही नहीं है। प्लेसमेंट कंपनी ने पूरे संभाग में करीब 20 लाख रूपए बेरोजगारों से जमा करवाए हैं। गौरतलब है कि इसके पहले दैनिक भास्कर ने ही खुलासा किया था कि बस्तर में आउटर्सोर्सिग के नाम पर भारी भ्रष्टाचार चल रहा है और 12वीं पास बेरोजगारों से 50-50 हजार रूपए लेकर उन्हें नौकरियां दी गई है। इस खुलासे के बाद कई 12वीं पास शिक्षकों ने खुद ही नौकरी छोड़ दी थी और शिक्षा विभाग ने भी अपने स्तर पर मामले की जांच शुरू करवा दी है।
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