पᆬरसाबहार। नईदुनिया न्यूज। विकासखंड के शिक्षाकर्मियों ने तहसीलदार को
ज्ञापन सौंपते हुए समय पर वेतन भुगतान की मांग की है। शिक्षाकर्मियों का
कहना है कि शिक्षाकर्मियों को कई माह के बाद वेतन देने की परंपरा बन गई है।
आवंटन होने के बाद भी उनका वेतन बिना वजह रोक दिया जा रहा है।
विकासखंड पᆬरसाबहार के शिक्षाकर्मियों ने तहसीलदार को ज्ञापन सौपते हुए कहा कि कम से कम आवंटन रहने पर 5 तारीख तक उनके वेतन का भुगतान कर दिया जाए। कम वेतन और वो भी समय पर नहीं मिलने से शिक्षाकर्मियों को कापᆬी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कई बार 3 माह के बाद ही शिक्षाकर्मियों को वेतन मिलता है। इसके साथ ही शिक्षाकर्मियों ने कहा कि सात वर्ष पूर्ण कर चुके समस्त शिक्षक पंचायत संवर्ग का समयमान भुगतान किया जाए एवं समयमान का एरियर्स राशि भी दिया जाए। जनपद स्तर पर परामर्शदात्री समिति की बैठक करने की भी मांग संघ के द्वारा की गई, जिससे समस्याओं के संबंध में चर्चा हो सके। इसके साथ शिक्षाकर्मियों ने 10 वर्ष पूर्ण होने पर क्रमोन्नति वेतन, अंशदायी पेंशन एंव नियोक्तांश दान का भुगतान, मृत शिक्षाक पंचायत संवर्ग के उत्तराधिकारियों को पेंशन योजना का भुगतान व अनुकंपा नियुक्ति संबंधी लंबित समस्याओं के निदान की मांग तहसीलदार से की है। ज्ञापन देने संघ प्रतिनिधियों में गायत्री सिंह, बेनीमाधव सिंह, कृष्णाराम डनसेना, संपत्ति साय आदि शामिल थे।
विकासखंड पᆬरसाबहार के शिक्षाकर्मियों ने तहसीलदार को ज्ञापन सौपते हुए कहा कि कम से कम आवंटन रहने पर 5 तारीख तक उनके वेतन का भुगतान कर दिया जाए। कम वेतन और वो भी समय पर नहीं मिलने से शिक्षाकर्मियों को कापᆬी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कई बार 3 माह के बाद ही शिक्षाकर्मियों को वेतन मिलता है। इसके साथ ही शिक्षाकर्मियों ने कहा कि सात वर्ष पूर्ण कर चुके समस्त शिक्षक पंचायत संवर्ग का समयमान भुगतान किया जाए एवं समयमान का एरियर्स राशि भी दिया जाए। जनपद स्तर पर परामर्शदात्री समिति की बैठक करने की भी मांग संघ के द्वारा की गई, जिससे समस्याओं के संबंध में चर्चा हो सके। इसके साथ शिक्षाकर्मियों ने 10 वर्ष पूर्ण होने पर क्रमोन्नति वेतन, अंशदायी पेंशन एंव नियोक्तांश दान का भुगतान, मृत शिक्षाक पंचायत संवर्ग के उत्तराधिकारियों को पेंशन योजना का भुगतान व अनुकंपा नियुक्ति संबंधी लंबित समस्याओं के निदान की मांग तहसीलदार से की है। ज्ञापन देने संघ प्रतिनिधियों में गायत्री सिंह, बेनीमाधव सिंह, कृष्णाराम डनसेना, संपत्ति साय आदि शामिल थे।