जिले में अतिशेष शिक्षकों को पदस्थ करने के लिए बीच का रास्ता निकाल लिया
गया है। शिक्षक विहीन स्कूलों एवं जिन स्कूलों में रिक्त पद हैं, ऐसी जगहों
में 31 जुलाई से पहले शिक्षकों की व्यवस्था करनी होगी।
इसके लिए एसीएस एम के राउत ने कलेक्टर एवं जिपं सीईओ को आदेश जारी कर शिक्षकों का समायोजन करने कहा है।
अब ग्रामीण अंचलों की सरकारी स्कूलों में पढ़ाने जाने से शिक्षक मना नहीं कर सकेंगे। शहर एवं इसके आसपास के स्कूलों में जरूरत से ज्यादा पदस्थ शिक्षकों को अब अन्यत्र ट्रांसफर किया जाएगा और शिक्षक विहीन एवं एकल शिक्षकीय स्कूलों में इन्हें पदस्थापना दी जाएगी। जिले के ग्रामीण इलाकों में कई स्कूल ऐसे हैं, जहां कि शिक्षकों की संख्या स्वीकृत से काफी कम है लेकिन शहरी मुख्यालय एवं इसके आसपास के स्कूलों में इसके विपरीत स्थिति है।
ग्रामीण इलाकों में पढ़ाने की जगह ज्यादातर शिक्षक अप डाउन से बचने के लिए शहर के अासपास के स्कूलों में अटैच हो जाते हैं लेकिन अब ऐसे गुरुजी को भी अपनी पोजीशन छोड़नी होगी। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के एडीशनल चीफ सेक्रेटरी एमके राउत ने इसके लिए आदेश जारी किया है। कलेक्टर एवं जिपं सीईओ को आदेश जारी कर एसीएस ने 31 जुलाई से पहले स्कूलों में शिक्षकों की स्थिति सुधारने कहा है। आदेश के अनुसार जिन स्कूलों में शिक्षकों की कमी है और शिक्षक विहीन एवं एकल शिक्षकीय स्कूलों में ऐसे अतिशेष शिक्षकों की पदस्थापना की जाएगी।
जिससे शिक्षण व्यवस्था किसी तरह बाधित नहीं हो। हालांकि इस आदेश से जिले में बीते साल के 671 अतिशेष शिक्षकों को भी राहत मिलेगी और रिक्त पदों वाली स्कूलों में पदस्थापना के बाद उनके नाम से अतिशेष शिक्षक का धब्बा हटेगा और आगे जाकर जिले से बाहर ट्रांसफर की भी आशंका नहीं रहेगी।
डीइओ 1 हफ्ते में देंगे स्कूलों में शिक्षकों का रिकार्ड
एसीएस के आदेश के अनुसार 31 जुलाई से पहले स्कूलों में शिक्षकों की पदस्थापना सुधारनी है। इसलिए जिपं सीईओ ने भी डीइओ एवं संबंधित जनपद सीइआे को आदेश जारी किए हैं और शिक्षक विहीन एकल शिक्षकीय तथा शिक्षकों की कमी एवं सेटअप से अधिक काम कर रहे शिक्षकों की भी जानकारी मांगी है।
स्कूलों में है शिक्षकों की कमी
1 शहर से लगे नवापारा मिडिल स्कूल में शिक्षा विभाग के अनुसार कुल 40 छात्र दर्ज हैं। आरटीई के नियमों के अनुसार यहां 2 शिक्षक एवं एक प्रधानपाठक की पोस्टिंग होनी चाहिए थी लेकिन वर्तमान में यहां पर 4 शिक्षकों के अलावा एक प्रधानपाठक कार्यरत हैं। शहर के नटवर हाई स्कूल एवं आसपास की सभी स्कूलों में अमूमन ऐसी ही स्थिति है।
2 धरमजयगढ़ के ग्रामीण इलाके बाकारूमा मिडिल स्कूल में करीब 138 छात्र हैं। प्रमोशन के बाद स्कूल से शिक्षकों का ट्रांसफर हुआ तो 5 में से 4 शिक्षक चले गए और स्कूल एकल शिक्षकीय हो गया। इसी तरह पुसौर के रूचिदा, भटकूपाली , बरपाली एवं मौहापाली स्कूल एक शिक्षक के भरोसे संचालित हैं। ग्रामीण इलाका होने की वजह से शिक्षक यहां आना नहीं चाहते।
बंद होगा शहर स्थित कार्यालयों में अटैचमेंट का खेल
ग्रामीण इलाकों में स्कूलों में पढ़ाने की जगह कई शिक्षक अटैचमेंट कराकर कार्यालय में बाबूगिरी कर रहे हैं। तो किसी किसी स्कूल में क्षमता से अधिक शिक्षकों की भी पोस्टिंग कर दी जाती है। जिले में बड़े पैमाने पर अटैचमेंट का यह खेल चलता है और शिक्षा विभाग तथा जनपद पंचायतों से सेटिंग कर शिक्षाकर्मी मनचाही जगहों पर पोस्टिंग पा जाते हैं।
इसके लिए एसीएस एम के राउत ने कलेक्टर एवं जिपं सीईओ को आदेश जारी कर शिक्षकों का समायोजन करने कहा है।
अब ग्रामीण अंचलों की सरकारी स्कूलों में पढ़ाने जाने से शिक्षक मना नहीं कर सकेंगे। शहर एवं इसके आसपास के स्कूलों में जरूरत से ज्यादा पदस्थ शिक्षकों को अब अन्यत्र ट्रांसफर किया जाएगा और शिक्षक विहीन एवं एकल शिक्षकीय स्कूलों में इन्हें पदस्थापना दी जाएगी। जिले के ग्रामीण इलाकों में कई स्कूल ऐसे हैं, जहां कि शिक्षकों की संख्या स्वीकृत से काफी कम है लेकिन शहरी मुख्यालय एवं इसके आसपास के स्कूलों में इसके विपरीत स्थिति है।
ग्रामीण इलाकों में पढ़ाने की जगह ज्यादातर शिक्षक अप डाउन से बचने के लिए शहर के अासपास के स्कूलों में अटैच हो जाते हैं लेकिन अब ऐसे गुरुजी को भी अपनी पोजीशन छोड़नी होगी। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के एडीशनल चीफ सेक्रेटरी एमके राउत ने इसके लिए आदेश जारी किया है। कलेक्टर एवं जिपं सीईओ को आदेश जारी कर एसीएस ने 31 जुलाई से पहले स्कूलों में शिक्षकों की स्थिति सुधारने कहा है। आदेश के अनुसार जिन स्कूलों में शिक्षकों की कमी है और शिक्षक विहीन एवं एकल शिक्षकीय स्कूलों में ऐसे अतिशेष शिक्षकों की पदस्थापना की जाएगी।
जिससे शिक्षण व्यवस्था किसी तरह बाधित नहीं हो। हालांकि इस आदेश से जिले में बीते साल के 671 अतिशेष शिक्षकों को भी राहत मिलेगी और रिक्त पदों वाली स्कूलों में पदस्थापना के बाद उनके नाम से अतिशेष शिक्षक का धब्बा हटेगा और आगे जाकर जिले से बाहर ट्रांसफर की भी आशंका नहीं रहेगी।
डीइओ 1 हफ्ते में देंगे स्कूलों में शिक्षकों का रिकार्ड
एसीएस के आदेश के अनुसार 31 जुलाई से पहले स्कूलों में शिक्षकों की पदस्थापना सुधारनी है। इसलिए जिपं सीईओ ने भी डीइओ एवं संबंधित जनपद सीइआे को आदेश जारी किए हैं और शिक्षक विहीन एकल शिक्षकीय तथा शिक्षकों की कमी एवं सेटअप से अधिक काम कर रहे शिक्षकों की भी जानकारी मांगी है।
स्कूलों में है शिक्षकों की कमी
1 शहर से लगे नवापारा मिडिल स्कूल में शिक्षा विभाग के अनुसार कुल 40 छात्र दर्ज हैं। आरटीई के नियमों के अनुसार यहां 2 शिक्षक एवं एक प्रधानपाठक की पोस्टिंग होनी चाहिए थी लेकिन वर्तमान में यहां पर 4 शिक्षकों के अलावा एक प्रधानपाठक कार्यरत हैं। शहर के नटवर हाई स्कूल एवं आसपास की सभी स्कूलों में अमूमन ऐसी ही स्थिति है।
2 धरमजयगढ़ के ग्रामीण इलाके बाकारूमा मिडिल स्कूल में करीब 138 छात्र हैं। प्रमोशन के बाद स्कूल से शिक्षकों का ट्रांसफर हुआ तो 5 में से 4 शिक्षक चले गए और स्कूल एकल शिक्षकीय हो गया। इसी तरह पुसौर के रूचिदा, भटकूपाली , बरपाली एवं मौहापाली स्कूल एक शिक्षक के भरोसे संचालित हैं। ग्रामीण इलाका होने की वजह से शिक्षक यहां आना नहीं चाहते।
बंद होगा शहर स्थित कार्यालयों में अटैचमेंट का खेल
ग्रामीण इलाकों में स्कूलों में पढ़ाने की जगह कई शिक्षक अटैचमेंट कराकर कार्यालय में बाबूगिरी कर रहे हैं। तो किसी किसी स्कूल में क्षमता से अधिक शिक्षकों की भी पोस्टिंग कर दी जाती है। जिले में बड़े पैमाने पर अटैचमेंट का यह खेल चलता है और शिक्षा विभाग तथा जनपद पंचायतों से सेटिंग कर शिक्षाकर्मी मनचाही जगहों पर पोस्टिंग पा जाते हैं।