जिले के दो दर्जन से अधिक स्कूलों मे नहीं प्राचार्य पदोन्नति के इंतजार में बैठे वरिष्ठ व्याख्याता
बिलासपुर. शिक्षा विभाग में वरिष्ठ व्याख्याता से प्राचार्य की पदोन्नति के लिए तीन महीने पहले मांगी गई सूची के डीईओ बिलासपुर से अभी तक राज्य कार्यालय को नहीं भेजा गया है, और न ही डीपीआई से दोबारा यह
सूची मांगी, इसके कारण जिले के दो दर्जन से अधिक वरिष्ठ व्याख्याता अपनी पदोन्नति के इंतजार में बैठे हुए हैं। दरअसल जिले की करीब 285 से अधिक हाई स्कूल और हायर सेकेण्डरी स्कूलें हैं, जहां वर्तमान में दो दर्जन से अधिक प्राचार्य के पद रिक्त हैं। वहीं प्रदेश की बात करें तो शिक्षा विभाग और आरएमएसए की स्कूलों को मिलाकर रिक्त पदों की संख्या 900 से अधिक होगी।
डीपीआई द्वारा 24 मई 2017 को सभी जिला शिक्षा अधिकारियों से प्राचार्य की पदोन्नति हेतु व्याख्याताओं की सूची मंगाई गई थी। जिसमें सात दिन के भीतर सामान्य वर्ग के 2006, एससीएसटी के 2000 और दिव्यांग की 2012 तक वरिष्ठता प्राप्त व्याख्याताओं को शामिल किया गया था। लेकिन आज तक न तो जिला शिक्षा अधिकारियों ने सूची भेजी और न ही डीपीआई ( डायरेक्टर ऑफ पब्लिक इंस्ट्रक्शन ) रायपुर द्वारा दोबारा सूची मंगाई गई। चूंकि प्रदेश में बहुत सारे स्कूल प्राचार्यविहीन हैं, फिर भी शासन की उदासीनता समझ से परे है।
कैसे करेंगे निजी स्कूलों से प्रतिस्पर्धा:-
प्राचार्य न होने की वजह से शासन के स्कूलों की पढ़ाई पूर्ण रूप से प्रभावित हो रही है। एेसे में सरकारी स्कूल कैसे निजी स्कूलों से प्रतिस्पर्धा कर पाएंगे। प्राचार्य की सूची के पहले स्थानान्तरण की सूची जारी होती है और फिर स्थानांतरण से ही स्कूलों के रिक्त पद भर जाने के कारण हर साल की तरह कई प्राचार्य फिर से पदोन्नति नही लेंगे। वहीं पिछले दिनांे संचालक लोक शिक्षण संचालनालय रायपुर द्वारा प्राचार्य के 397 पदों पर पदोन्नति की सूची जारी करने की सूचना दी गई है।
बिलासपुर. शिक्षा विभाग में वरिष्ठ व्याख्याता से प्राचार्य की पदोन्नति के लिए तीन महीने पहले मांगी गई सूची के डीईओ बिलासपुर से अभी तक राज्य कार्यालय को नहीं भेजा गया है, और न ही डीपीआई से दोबारा यह
सूची मांगी, इसके कारण जिले के दो दर्जन से अधिक वरिष्ठ व्याख्याता अपनी पदोन्नति के इंतजार में बैठे हुए हैं। दरअसल जिले की करीब 285 से अधिक हाई स्कूल और हायर सेकेण्डरी स्कूलें हैं, जहां वर्तमान में दो दर्जन से अधिक प्राचार्य के पद रिक्त हैं। वहीं प्रदेश की बात करें तो शिक्षा विभाग और आरएमएसए की स्कूलों को मिलाकर रिक्त पदों की संख्या 900 से अधिक होगी।
डीपीआई द्वारा 24 मई 2017 को सभी जिला शिक्षा अधिकारियों से प्राचार्य की पदोन्नति हेतु व्याख्याताओं की सूची मंगाई गई थी। जिसमें सात दिन के भीतर सामान्य वर्ग के 2006, एससीएसटी के 2000 और दिव्यांग की 2012 तक वरिष्ठता प्राप्त व्याख्याताओं को शामिल किया गया था। लेकिन आज तक न तो जिला शिक्षा अधिकारियों ने सूची भेजी और न ही डीपीआई ( डायरेक्टर ऑफ पब्लिक इंस्ट्रक्शन ) रायपुर द्वारा दोबारा सूची मंगाई गई। चूंकि प्रदेश में बहुत सारे स्कूल प्राचार्यविहीन हैं, फिर भी शासन की उदासीनता समझ से परे है।
कैसे करेंगे निजी स्कूलों से प्रतिस्पर्धा:-
प्राचार्य न होने की वजह से शासन के स्कूलों की पढ़ाई पूर्ण रूप से प्रभावित हो रही है। एेसे में सरकारी स्कूल कैसे निजी स्कूलों से प्रतिस्पर्धा कर पाएंगे। प्राचार्य की सूची के पहले स्थानान्तरण की सूची जारी होती है और फिर स्थानांतरण से ही स्कूलों के रिक्त पद भर जाने के कारण हर साल की तरह कई प्राचार्य फिर से पदोन्नति नही लेंगे। वहीं पिछले दिनांे संचालक लोक शिक्षण संचालनालय रायपुर द्वारा प्राचार्य के 397 पदों पर पदोन्नति की सूची जारी करने की सूचना दी गई है।