कोरबा। नईदुनिया प्रतिनिधि
शिक्षाकर्मियों की हड़ताल का असर तीसरे दिन भी जारी रहने के साथ ही मुश्किलें और बढ़ती जा रहीं हैं। पहले दिन धरना स्थल में जहां गिनती की संख्या दिखी, मंगलवार को 3301 शिक्षाकर्मी हड़ताल पर बैठ गए थे। बुधवार को यह आंकड़ा और बढ़ गया व हड़ताली शिक्षकों की संख्या 3700 पर जा पहुंची है।
जिले के 500 समेत करीब 25 फीसदी स्कूलों में अध्यापन व बच्चों की पढ़ाई लगभग ठप हो गई है। वैकल्पिक मार्ग निकालने की कोशिश में जुटे शिक्षा विभाग ने सभी नियमित शिक्षकों के अवकाश रद्द कर दिए हैं और दूसरी ओर अटैचमेंट में दफ्तर की कुर्सियां तोड़ रहे शिक्षकों को भी बुलाकर उनका मूल काम सौंप दिया गया है।
प्रामइरी व मिडिल समेत 500 से ज्यादा स्कूलों में तीसरे दिन भी शिक्षा कार्य बुरी तरह प्रभावित रहा। यहां के 1.22 लाख बच्चों की पढ़ाई बाधित है। बुधवार को किए गए आंकलन के अनुसार शिक्षा विभाग ने 3700 शिक्षाकर्मियों के हड़ताल पर चले जाने की सूची तैयार की है। इस हड़ताल की वजह से खासकर ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूल और वहां पढ़ रहे बच्चों की पढ़ाई ज्यादा प्रभावित हो रही। स्कूलों में अवकाश जैसी स्थिति होने की वजह से छात्र-छात्राएं समय से पहले ही घर लौटने मजबूर हो रहे। शिक्षाकर्मियों के अध्यापन कार्य ठप कर धरने पर बैठ जाने पर अब शिक्षा विभाग द्वारा अटैचमेंट पर दफ्तरों की कुर्सियां तोड़ रहे शिक्षकों का संलग्नीकरण समाप्त कर उनके मूल स्थान भेजा जा रहा है। इसी तरह नियमित शिक्षकों के सभी अवकाश भी निरस्त कर दिए गए हैं और उन्हें भी संबंधित स्कूलों में भेजा जा रहा, जहां उनकी जरूरत है। शिक्षाकर्मियों की अनुपस्थिति में वैकल्पित व्यवस्था करते हुए नियमित शिक्षकों से काम लेने की बात कही जा रही है।
बाक्स
दफ्तर की कुर्सियां तोड़ रहे 250 शिक्षक
डीईओ डीके कौशिक ने बताया कि 250 ऐसे शिक्षक, जो कहीं न कहीं संलग्न हैं, उनका अटैचमेंट खत्म कर मूल स्थान पर भेजा जा रहा है, ताकि प्रभावित हो रहे शिक्षकीय कार्य को दुरूस्त किया जा सके। जिले में कुल 23 हजार 146 शिक्षाकर्मी पदस्थ हैं, जिनमें पंचायत व नगरीय निकाय शामिल हैं। केवल कोरबा ब्लॉक में ही नगरीय व ग्रामीण निकाय में 8900 शिक्षाकर्मी (शिक्षक) कार्यरत हैं। ताजा स्थिति में भले ही प्रदर्शन स्थल पर संख्या नजर न आ रही हो, लेकिल शिक्षाविभाग ने बुधवार की स्थिति में 3700 शिक्षाकर्मियों के हड़ताल पर बैठ जाने का आंकड़ा तैयार किया है। इसके अलावा प्रशासन ने कई शिक्षकों को बीएलओ के कार्य में लगाया गया है। मतदाता सूची में नाम सुधारने सोमवार को अंतिम दिन था। अव्यवस्था को देखते हुए विभाग ने समय सीमा बढ़ा दी है।
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700 कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन, 274 केंद्र बंद
पᆬोटो नंबर-22केओ26
कोरबा। अपनी मांगों को लेकर हड़ताल में बैठे आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं ने पांचवे दिन आंदोलन तेज कर दिया। कटघोरा ब्लॉक के अलावा पोड़ी उपरोड़ा व पाली ब्लॉक के कार्यकर्ता भी आंदोलन में शामिल होने लगे हैं। बुधवार को करीब 700 कार्यकर्ता कटघोरा बीएमओ कार्यालय के सामने शक्ति प्रदर्शन किया। एक साथ भारी संख्या में पहुंचे कार्यकर्ताओं ने धरना दिया और अपनी मांगों को दोहराया। दिल्ली में भी कार्यकर्ता प्रदर्शन कर चुके हैं। उनका कहना है कि इसके बाद भी उनकी मांगों पर प्रशासन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठा रही। कार्यकर्ताओं के आंदोलन को समर्थन भी मिलने लगा है। कटघोरा में कार्यकर्ताओं के बीच पहुंचकर बीएमएस के श्रमिक नेता अपना समर्थन दिए। कामबंद की वजह से 274 आंगनबाड़ी केंद्र बंद पड़े हैं।
शिक्षाकर्मियों की हड़ताल का असर तीसरे दिन भी जारी रहने के साथ ही मुश्किलें और बढ़ती जा रहीं हैं। पहले दिन धरना स्थल में जहां गिनती की संख्या दिखी, मंगलवार को 3301 शिक्षाकर्मी हड़ताल पर बैठ गए थे। बुधवार को यह आंकड़ा और बढ़ गया व हड़ताली शिक्षकों की संख्या 3700 पर जा पहुंची है।
जिले के 500 समेत करीब 25 फीसदी स्कूलों में अध्यापन व बच्चों की पढ़ाई लगभग ठप हो गई है। वैकल्पिक मार्ग निकालने की कोशिश में जुटे शिक्षा विभाग ने सभी नियमित शिक्षकों के अवकाश रद्द कर दिए हैं और दूसरी ओर अटैचमेंट में दफ्तर की कुर्सियां तोड़ रहे शिक्षकों को भी बुलाकर उनका मूल काम सौंप दिया गया है।
प्रामइरी व मिडिल समेत 500 से ज्यादा स्कूलों में तीसरे दिन भी शिक्षा कार्य बुरी तरह प्रभावित रहा। यहां के 1.22 लाख बच्चों की पढ़ाई बाधित है। बुधवार को किए गए आंकलन के अनुसार शिक्षा विभाग ने 3700 शिक्षाकर्मियों के हड़ताल पर चले जाने की सूची तैयार की है। इस हड़ताल की वजह से खासकर ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूल और वहां पढ़ रहे बच्चों की पढ़ाई ज्यादा प्रभावित हो रही। स्कूलों में अवकाश जैसी स्थिति होने की वजह से छात्र-छात्राएं समय से पहले ही घर लौटने मजबूर हो रहे। शिक्षाकर्मियों के अध्यापन कार्य ठप कर धरने पर बैठ जाने पर अब शिक्षा विभाग द्वारा अटैचमेंट पर दफ्तरों की कुर्सियां तोड़ रहे शिक्षकों का संलग्नीकरण समाप्त कर उनके मूल स्थान भेजा जा रहा है। इसी तरह नियमित शिक्षकों के सभी अवकाश भी निरस्त कर दिए गए हैं और उन्हें भी संबंधित स्कूलों में भेजा जा रहा, जहां उनकी जरूरत है। शिक्षाकर्मियों की अनुपस्थिति में वैकल्पित व्यवस्था करते हुए नियमित शिक्षकों से काम लेने की बात कही जा रही है।
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दफ्तर की कुर्सियां तोड़ रहे 250 शिक्षक
डीईओ डीके कौशिक ने बताया कि 250 ऐसे शिक्षक, जो कहीं न कहीं संलग्न हैं, उनका अटैचमेंट खत्म कर मूल स्थान पर भेजा जा रहा है, ताकि प्रभावित हो रहे शिक्षकीय कार्य को दुरूस्त किया जा सके। जिले में कुल 23 हजार 146 शिक्षाकर्मी पदस्थ हैं, जिनमें पंचायत व नगरीय निकाय शामिल हैं। केवल कोरबा ब्लॉक में ही नगरीय व ग्रामीण निकाय में 8900 शिक्षाकर्मी (शिक्षक) कार्यरत हैं। ताजा स्थिति में भले ही प्रदर्शन स्थल पर संख्या नजर न आ रही हो, लेकिल शिक्षाविभाग ने बुधवार की स्थिति में 3700 शिक्षाकर्मियों के हड़ताल पर बैठ जाने का आंकड़ा तैयार किया है। इसके अलावा प्रशासन ने कई शिक्षकों को बीएलओ के कार्य में लगाया गया है। मतदाता सूची में नाम सुधारने सोमवार को अंतिम दिन था। अव्यवस्था को देखते हुए विभाग ने समय सीमा बढ़ा दी है।
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700 कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन, 274 केंद्र बंद
पᆬोटो नंबर-22केओ26
कोरबा। अपनी मांगों को लेकर हड़ताल में बैठे आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं ने पांचवे दिन आंदोलन तेज कर दिया। कटघोरा ब्लॉक के अलावा पोड़ी उपरोड़ा व पाली ब्लॉक के कार्यकर्ता भी आंदोलन में शामिल होने लगे हैं। बुधवार को करीब 700 कार्यकर्ता कटघोरा बीएमओ कार्यालय के सामने शक्ति प्रदर्शन किया। एक साथ भारी संख्या में पहुंचे कार्यकर्ताओं ने धरना दिया और अपनी मांगों को दोहराया। दिल्ली में भी कार्यकर्ता प्रदर्शन कर चुके हैं। उनका कहना है कि इसके बाद भी उनकी मांगों पर प्रशासन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठा रही। कार्यकर्ताओं के आंदोलन को समर्थन भी मिलने लगा है। कटघोरा में कार्यकर्ताओं के बीच पहुंचकर बीएमएस के श्रमिक नेता अपना समर्थन दिए। कामबंद की वजह से 274 आंगनबाड़ी केंद्र बंद पड़े हैं।