रायपुर। नईदुनिया प्रतिनिधि
व्याख्याताओं की स्थायी भर्ती प्रक्रिया से पहले स्कूलों के रिक्त पदों पर अतिथि शिक्षकों की भर्ती करने में शिक्षा अफसरों ने जबरदस्त खेल चला है। आलम यह है कि जिला शिक्षा अधिकारियों(डीईओ) ने कहीं पद से अधिक संख्या में भर्ती कर ली है तो कहीं पहले से पढ़ा रहे अतिथियों को नौकरी से हटा दिया गया है।
मामले में डीईओ को भर्ती करने के लिए अनुमति दी गई थी, लेकिन कुछ जिलों में कलेक्टरों को भी इस प्रक्रिया में शामिल करके बाकायदा सरकारी नोटशीट के जरिए अतिथि शिक्षकों की मनमानी भर्ती होने से शिक्षा अफसरों में हड़कंप मच गया है। विभागीय मंत्री अब मामले में कार्रवाई की बात कह रहे हैं। शिक्षा विभाग की शर्तों का भी पालन नहीं किया गया है। बताया जाता है कि शिक्षा विभाग ने शर्त रखी थी कि अतिथि शिक्षक चयन के लिए वरीयता क्रम में सर्वप्रथम पूर्व में सेवाएं दे चुके विद्यामितानों को प्राथमिकता दी जाएगी। उसके बाद राजस्व जिला के आवेदकों को प्राथमिकता दी जाएगी। जिले में उम्मीदवार उपलब्ध न होने पर दूसरी प्राथमिकता राजस्व संभाग और अंत में संभाग स्तर पर उम्मीदवार नहीं मिलने पर अतिथि शिक्षक की व्यवस्था का क्षेत्र राज्य स्तर होगा। विद्यामितान उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में अन्य आवेदकों से प्राप्त आवेदन में स्नातकोत्तर में प्राप्त अंकों की मेरिट के आधार पर चयन किया जाएगा। इन नियमों की अनदेखी करते हुए भी भर्ती की प्रक्रिया होने की शिकायत विभिन्न जिलों से आ रही है।
केस 01
पद से ज्यादा रख लिए अतिथि शिक्षक
कोरबा
से शिकायत मिली है कि यहां पद से अधिक अतिथि शिक्षकों की भर्ती कर ली गई
है। उदाहरण के लिए कामर्स में जहां आठ पद थे उसके लिए 14 शिक्षकों की
भर्ती हो हुई है। मामले में विभाग के अधिकारी अब रिपोर्ट लेकर कार्रवाई की
बात कह रहे हैं।
केस 02
कम मिले पद तो हटाने पड़े शिक्षक, आक्रोश
कांकेर में अतिथि शिक्षकों की भर्ती में पद कम देने से यहां पहले से पढ़ा रहे अतिथि शिक्षकों को हटाना पड़ा । इसके कारण यहां जिन शिक्षकों की भर्ती नहीं हो पाई है, उनमें भारी आक्रोश है।
केस 03
भर्ती प्रक्रिया में कलेक्टर को किया शामिल, नाराज हुए अफसर
स्कूल
शिक्षा विभाग ने भर्ती की प्रक्रिया के लिए सिर्फ डीईओ को अधिकार दिए थे।
कोण्डागांव के डीईओ ने स्थानीय लोगों को नौकरी देने का हवाला देकर पद से कम
या अधिक शिक्षकों की नियुक्ति की । साथ ही भर्ती प्रक्रिया के लिए बाकायदा
नोटशीट चलाकर जिले के कलेक्टर के मार्फत भर्ती की प्रक्रिया की। इससे
शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों में नाराजगी है।
यहां इतने शिक्षकों की भर्ती के लिए मिली है अनुमति
बतादें
कि राज्य शासन ने हाई और हायर सेकेंडरी स्कूल में अंग्रेजी, गणित, भौतिक,
रसायन, जीव विज्ञान एवं वाणिज्य विषय में 1885 और माडा पॉकेट क्षेत्र में
संचालित स्कूल में 631 रिक्त पदों पर नियमित भर्ती होने तक अतिथि शिक्षक की
व्यवस्था की है। अतिथि शिक्षक को 18 हजार मासिक का भुगतान किया जा रहा है।
इनमें विभिन्न जिलों में 1885 पदों में से विषय अंग्रेजी के 350, गणित के
504, भौतिक के 308, रसायन के 203, जीव विज्ञान के 293 और वाणिज्य के 227
पद, सरगुजा संभाग में 930 पदों में से अंग्रेजी के 180, गणित के 250, भौतिक
के 153, रसायन के 105, जीव विज्ञान के141 और वाणिज्य के 101 ,बस्तर संभाग
में 955 पदों में अंग्रेजी के 170, गणित के 254, भौतिक के 155, रसायन के
98, जीव विज्ञान के152 और वाणिज्य के 126 पद पर व्यवस्था की है।
रायपुर संभाग में इतने पदों पर व्यवस्था
रायपुर
संभाग में 211 पदों में से अंग्रेजी के 36, गणित के 49, भौतिक के 28,
रसायन के 31, जीव विज्ञान के 49 और वाणिज्य के 18 पद पर व्यवस्था की गई है।
दुर्ग संभाग में 128 में से अंग्रेजी के 37, गणित के 40, भौतिक के 13,
रसायन के 18, जीव विज्ञान के 17 और वाणिज्य के तीन पद पर व्यवस्था की
जाएगी।
वर्जन
दंतेवाड़ा, कांकेर समेत अन्य
जिलों से अतिथि शिक्षकों की भर्ती में गड़बड़ी की शिकायत आई है। नियम, शर्तं
और पदों के अनुरूप भर्ती नहीं करने की शिकायत आई है। जांच के बाद कार्रवाई
की जाएगी। - डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, स्कूल शिक्षा मंत्री, छत्तीसगढ़
व्याख्याताओं की स्थायी भर्ती प्रक्रिया से पहले स्कूलों के रिक्त पदों पर अतिथि शिक्षकों की भर्ती करने में शिक्षा अफसरों ने जबरदस्त खेल चला है। आलम यह है कि जिला शिक्षा अधिकारियों(डीईओ) ने कहीं पद से अधिक संख्या में भर्ती कर ली है तो कहीं पहले से पढ़ा रहे अतिथियों को नौकरी से हटा दिया गया है।
मामले में डीईओ को भर्ती करने के लिए अनुमति दी गई थी, लेकिन कुछ जिलों में कलेक्टरों को भी इस प्रक्रिया में शामिल करके बाकायदा सरकारी नोटशीट के जरिए अतिथि शिक्षकों की मनमानी भर्ती होने से शिक्षा अफसरों में हड़कंप मच गया है। विभागीय मंत्री अब मामले में कार्रवाई की बात कह रहे हैं। शिक्षा विभाग की शर्तों का भी पालन नहीं किया गया है। बताया जाता है कि शिक्षा विभाग ने शर्त रखी थी कि अतिथि शिक्षक चयन के लिए वरीयता क्रम में सर्वप्रथम पूर्व में सेवाएं दे चुके विद्यामितानों को प्राथमिकता दी जाएगी। उसके बाद राजस्व जिला के आवेदकों को प्राथमिकता दी जाएगी। जिले में उम्मीदवार उपलब्ध न होने पर दूसरी प्राथमिकता राजस्व संभाग और अंत में संभाग स्तर पर उम्मीदवार नहीं मिलने पर अतिथि शिक्षक की व्यवस्था का क्षेत्र राज्य स्तर होगा। विद्यामितान उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में अन्य आवेदकों से प्राप्त आवेदन में स्नातकोत्तर में प्राप्त अंकों की मेरिट के आधार पर चयन किया जाएगा। इन नियमों की अनदेखी करते हुए भी भर्ती की प्रक्रिया होने की शिकायत विभिन्न जिलों से आ रही है।
पद से ज्यादा रख लिए अतिथि शिक्षक
केस 02
कांकेर में अतिथि शिक्षकों की भर्ती में पद कम देने से यहां पहले से पढ़ा रहे अतिथि शिक्षकों को हटाना पड़ा । इसके कारण यहां जिन शिक्षकों की भर्ती नहीं हो पाई है, उनमें भारी आक्रोश है।
भर्ती प्रक्रिया में कलेक्टर को किया शामिल, नाराज हुए अफसर
यहां इतने शिक्षकों की भर्ती के लिए मिली है अनुमति
रायपुर संभाग में इतने पदों पर व्यवस्था
वर्जन