रायपुर। प्रदेश के सहायक शिक्षको का आक्रोश चरम पर है जिसका जीता जागता सबूत रायपुर का बूढ़ा तालाब का आंदोलन स्थल है जहां बड़ी संख्या मे प्रदेश भर के आंदोलित शिक्षक जमे हुए है जायज आक्रोश इस बार परवान पर है प्रदेश के 17-18 शिक्षक संगठनो से जुड़े शिक्षक अपने हक के लिए फेडरेशन के बैनर के नीचे है सहायक शिक्षको क़ो इस बार आंदोलन निर्णय पर ही वापस लेगा
दूरस्थ बस्तर, सरगुजा के शिक्षको का जत्था अपना चौका चूल्हा लेकर धरना स्थल पर पड़ाव डाल चुका है सरकार इस आंदोलन क़ो बातचीत से हल करने कह रही है मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का आज का ताजा बयान है की शिक्षक आंदोलन क़ो बातचीत से हल करे आंदोलन से प्रदेश के डेढ़ साल से बंद स्कूल मे शिक्षा संचालित होप्रदेश का इस तबके के बहू संख्यक शिक्षक अपने आंदोलन के नेता मनीष मिश्रा के बारे मे सटोरिए होने के खबर के बाद भी अडिग है फिलहाल छत्तीसगढ़ के सहायक शिक्षको क़ो नेता से बड़ा अधिकार और संगठन फेडरेशन पर विश्वास है जिस संगठन के रचनाकार आज संगठन से जुदा चल रहे चाहे जाकेश साहू, इदरीश खान हो या शिव सारथी हो जिन्होने सहायक शिक्षक क़ो एक जुट एक मंच दिया वे आज इतने बड़े आंदोलन से दूर है
शिक्षको क़ो नेता से बड़ा अधिकार लग रहा
वही इस आंदोलन मे थोड़ी सी चूक फेडरेशन के प्रांतीय नेतृत्व के लिए ताबूत मे कील साबित होगी इस लिए सहायक शिक्षको के आक्रोश ने आंदोलन मे बांध कर रख दिया है