रायगढ़ शिक्षा विभाग से बड़ी खबर आई है जहां विभाग के अधिकारियों ने आत्मानन्द स्कूल में संविदा शिक्षक भर्ती के दौरान जमकर फर्जीवाड़ा को अंजाम दिया है। शासन की गाइडलाइन को ताक पर रखकर फर्जी अंकसूची पर चहेतों को नौकरी बांट दिया है। शिकायत के बाद यद्यपि जांच की बात सामने आयी।
लेकिन अभी तक ना तो फर्जीवाड़ा करने वाले के खिलाफ कार्रवाई हुई है। और ना ही अपराध दर्ज हुआ है। बताया जा रहा है कि इसमें शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत है। बावजूद इसके अधिकारियों को उम्मीद है कि चहेतों को बचा लिया जाएगा। लेकिन, शिक्षा मंत्री ने बिलासपुर प्रवास के दौरान एक सवाल के जवाब में कहा कि मामले में गंभीरता से जांच होगी। दोषी और फर्जीवाड़ा में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई भी होगी। मंत्री यह बातें संभागीय शिक्षा संयुक्त संचालक आरएन हीराधर के सामने कही है।जानकारी देते चलें कि सरकार की ड्रीम प्रोजेक्ट आत्मानन्द स्कूल के लिए प्रदेश स्तर पर संविदा के आधार पर पिछले महीने विशेष भर्ती अभियान चलाया गया। अभियान के तहत सभी आत्मानन्द स्कूलों में शिक्षक पदों के लिए नियम शर्तों की जानकारी के साथ ज्ञापन प्रकाशित किया गया। इसी क्रम में रायगढ़ जिला शिक्षा विभाग ने भी ज्ञापन प्रकाशित कर आवेदन मंगाया। शिक्षकों का चयन तीन चरणों में पूरा किया गया।
सूत्र ने बताया कि रायगढ़ जिला शिक्षा विभाग अधिकारियों ने नियम कानून को ताक पर रखकर भर्ती प्रक्रिया को अंजाम दिया। इसी दौरान जानकारी मिली कि कोंडातराई आत्मानन्द स्कूल के लिए जिस शिक्षिका का चयन किया गया। दरअसल उसकी अंकसूची ही फर्जी है। और शायद यही कारण है कि दस्तावेज प्रमाणित करते समय अधिकारियों ने जानबूझकर नियम कायदों को दरकिनार किया। साथ ही तथाकथित शिक्षिका फिरदौस का चयन भी किया। प्रक्रिया के दौरान शिक्षा विभाग ने नियम का पालन नहीं किया। मामले में शिकायत संभागीय शिक्षा कार्यालय तक पहुंची। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए ज्वाइंट डायरेक्टर ने एक पत्र रायगढ़ जिला शिक्षा विभाग को भेजकर जांच किये जाने को कहा । मजेदार बात है कि आज तक ना तो जांच हुई है। और ना ही आरोपी की अंकसूची की पतासाजी की गयी।
बताते चलें कि रायगढ़ शिक्षा विभाग ने जिले के आत्मानन्द स्कूलों के लिए 22 जुलाई को चयन सूची का प्रकाशन किया। चयन सूची में स्प्ष्ट निर्देश भी दिया गया कि चयनित सभी अभ्यर्थियों को मूल अंकसूची और दस्तावेजों को साथ लाना होगा। इस दौरान मूल दस्तावेजों का फोटो कॉपी के साथ मिलान किया जाएगा। लेकिन तथकथित शिक्षिका ने मूल अंकसूची पेश नहीं किया। ताज्जुब की बात है कि शिक्षा विभाग ने उसका चयन कोंडातराई आत्मानन्द स्कूल के लिए किया। अधिकारियों ने ओरिजनल दस्तावेज भी नहीं मांगा।
जानकारी हो कि शासन की गाइड लाइन के अनुसार चयनित अभ्यर्थियों का निर्धारित स्कूल में ज्वाइनिंग के समय भी फोटोकापी के साथ मूल दस्तावेज मिलान किया जाएगा। लेकिन कोंडातराई स्थित आत्मानन्द स्कूल प्रबंधन ने चयनित शिक्षिका मूल अंक सूची का मिलान फोटो अंकसूची से नहीं किया। जबकि नियुक्ति पत्र में स्फ्ष्ट निर्देश है कि प्राचार्य और प्रबंधन को समस्त दस्तावेजों के मिलान के बाद ही पदभार ग्रहण कराना है। लेकिन प्रबंधन ने ऐसा क्यों नहीं किया..लोगों के बीच चर्चा का विषय है। ऐसे में सहज ही कयास लगाया जा सकता है कि भर्ती के दौरान भ्रष्टाचार का नंगा खेल हुआ है।
ओरिजनल से हुआ मिलान – डीईओ
मामला सामने आने के बाद रायगढ़ जिला अधिकारी आरती आदित्य ने जवाब दिया है। उन्होने बताया कि बिना मूल अंकसूची पेश किए किसी का चयन संभव नही है। साक्षात्कार से लेकर चयन और फिर ज्वाइनिंग तक की प्रक्रिया में मूल अंकसूची से मिलान के बाद फोटोकापी का सत्यापन किया जाता है।
समिति बनाकर जांच का आदेश – जेडी
संभागीय शिक्षा संयुक्त संचालक ने बताया कि शिकायत के बाद रायगढ़ जिला शिक्षा विभाग को जांच के लिए पत्र लिखा गया है। दस दिन का समय भी दिया गया था। लेकिन लगातार छुट्टियों और अन्य वजहों से मामले की जांच रूकी है। जल्द ही जांच के बाद रिपोर्ट मिलने पर उचित कार्रवाई होगी। किसी भी दोषी को नहीं छोड़ा जाएगा।
मामला गंभीर, होगी जांच – मंत्री
मामले में स्कूली शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेम साय टेकाम ने बताया कि शिकायत हुई है तो जांच भी होगी। जांच में दोषी पाए जाने पर भ्रष्टाचार में शामिल किसी को भी नहीं छोड़़ा जाएगा।