बिलासपुर/जशपुरनगर. व्याख्याता द्वारा बेटी को फर्जी डीएड कराने के मामले में एक और नया खुलासा हुआ है। जिस स्कूल से दूरस्थ शिक्षा के तहत फर्जी तरीके से डीएड कराया गया है उसी स्कूल से व्याख्याता ने अपनी बेटी का दाखिला कराए बिना ही 12 वीं की परीक्षा में पास करा दिया है। इस मामले की शिकायत होने पर अधिकारियों द्वारा इसकी जांच कर इसकी पुष्टि भी कर दी गई है।
मामला महादेवडांड़ स्कूल से जुड़ा है, जहां उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में पदस्थ व्याख्यता राकेश कुमार राठौर द्वारा कालेज की पढ़ाई कर रही अपनी बेटी को स्कूल की शिक्षक बताकर फर्जी तरीके से डीएड कराने का मामला था वहीं बेटी को इसी स्कूल से फर्जी तरीके से 12वीं भी पास कराया गया है। जांच प्रतिवेदन के मुताबिक उसकी बेटी न ही स्कूल की स्टाफ है और न ही वह परीक्षा में बैठी थी।
फर्जीवाड़ा की सारे हदें पार कर डीएड करा दिए जाने के मामले का खुलासा उक्त स्कूल में पदस्थ शिक्षकों के डीएड की परीक्षा में रहस्यमयी ढंग से फेल हो जाने पर हुई है। जांच रिपोर्ट के मुताबिक राकेश कुमार राठौर नेअपनी पुत्री रश्मि सिंह राठौर को अपने ही पदस्थ संस्था से बिना दाखिले और उपस्थिति रजिस्टर में बिना नाम दर्ज के वर्ष 2012-13 में कराया गया है। रश्मि नाम की एक भी छात्रा का दाखिला इस वर्ष में उक्त संस्था में हुआ ही नहीं है। जबकि राकेश कुमार राठौर की पुत्री रश्मि सिंह ठाकुर का इसी स्कूल से पास होना पाया गया है।
12 वीं में फर्जीवाड़ा
मामले के शिकायतकर्ता प्रदीप यादव शिक्षक पंचायत और कमलेश कुमार शिक्षक पंचायत ने बताया कि रश्मि ठाकुर अनुक्रमांक- 2137205184 से 2012-13 में फस्र्ट डिवीजन से 12 वीं की परीक्षा महादेवडांड़ उमा विद्यालय से बतौर नियमित छात्रा पास की है।
जबकि उसका नाम स्कूल में दर्ज ही नहीं किया गया था। जब इस बात की शिकायत के बाद जांच टीम स्कूल के दस्तावेजों को खंगालना शुरू की तो उसमें साक्ष्य छिपाने की कोशिश का मामला भी सामने आया। परीक्षाफल पंजी में रश्मि ठाकुर के नाम की जगह दूसरी छात्रा का नाम सफेदा लगाकर लिखना पाया गया है। इन दोनों ही मामलों की जांच कर व्याख्याता को दोषी पाया गया है। हालांकि अबतक मामले में कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की गई है।
डीएड का फर्जीवाड़ा
उक्त स्कूल के दर्जनों शिक्षकों के बयानों की जांच के दौरान इस बात की पुष्टि की पुष्टि हुई कि रश्मि सिंह पिता आरके सिंह, माता गुडेश्वरी सिंह के नाम को रश्मि सिंह राठौर पिता आरके सिंह राठौर, माता गुडेश्वरी सिंह राठौर लिखकर कूटरचना करते हुए डीएड कराया गया है।
जबकि इस नाम की किसी भी की शिक्षिका महादेवडांड स्कूल में न ही नियुक्ति हुई और न ही कोई उक्त़ स्कूल में पदस्थ है। शिकायत की जांच के दौरान प्राचार्य के पत्र क्रमांक/127/शिक्षा-स्था/2014-15 के जरिए 19 दिसंबर 2014 को रश्मि सिंह के प्रथम नियुक्ति आदेश और 10 वीं, 12 वीं की अंकसूची की छायाप्रति तथा नियुक्ति आदेश के साथ ही सहायक शिक्षक के तौर पर 2 वर्ष तक पढ़ाने का अनुभव प्रमाण पत्र आदि की मांग गई थी। यह सभी दस्तावेज डीएड के लिए आवेदन के साथ ही संलग्न कर दिया जाता है।
व्याख्यता पंचायत राठौर ने इसे उपलब्ध कराने के बजाए रश्मि सिंह के लगातार अनुपस्थित रहने के कारण दस्तावेज नष्ट होने का बहाना बनाकर जांच टीम को गुमराह कर दिया गया। जांच टीम ने साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किए जाने पर शिकायतों को सही बताते हुए कहा कि व्याख्याता पंचायत द्वारा पैसे लेकर लोगों को पास कराया जा रहा है।
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