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अतिशेष सहायक शिक्षकों की कम नहीं हो रही मुश्किलें

इस्पात टाइम्स/रायगढ़। जिले के करीब सवा छह सौ अतिशेष सहायक शिक्षकों की मुश्किलें कम नहीं हो रहीं हैं। इन शिक्षकों को जिले से बाहर भेजने की तैयारी भी की जा चुकी है, लेकिन एकल शिक्षकीय स्कूलों में उनकी पदस्थापना के निर्देश दिए गए। जिससे अतिशेष शिक्षकों को जिले में रहने की उम्मीद बंधी है। हालांकि जिला पंचायत में एकल शिक्षकीय स्कूलों में पदस्थापना के लिए बुलाई गई काउंसिलिंग में पद से ज्यादा लोगों के पहुंचने पर उम्मीदों पर पानी फिर गया।
 जिससे काउंसिलिंग के दौरान वरिष्ठता क्रम के अनुसार काउंसिलिंग के लिए नहीं बुलाने पर नाराजगी देखी गई। मामले की शिकायत पर जिला पंचायत के उपाध्यक्ष ने भी काउंसिलिंग को रद्द करने जिला पंचायत के सीईओं को पत्र लिखा है। हालांकि देर शाम तक जिला पंचायत में काउंसिलिंग जारी रही। जिसमें करीब 42 सहायक शिक्षकों की एकल शिक्षकीय स्कूलों में पदस्थापना के लिए सहमति ली गई है।
जिले में करीब सवा छह सौ अतिशेष सहायक शिक्षकों को जिले के भीतर ही अलग-अलग स्कूलों में समायोजित करने की प्रक्रिया के तहत काउंसिलिंग का आयोजन किया गया। बताया जाता है कि जिले के करीब 57 स्कूल एकल शिक्षकीय हैं। कलेक्टर के निर्देश पर ऐसे एकल शिक्षकीय स्कूलों में एक-एक सहायक शिक्षकों की पदस्थापना के लिए सोमवार को काउंसिलिंग पर भारी संख्या में सहायक शिक्षक पहुंचे थे।
जहां काउंसिलिंग के दौरान वरिष्ठता क्रम का पालन नहीं करने का आरोप लगाते हुए कुछ सहायक शिक्षकों ने जिला पंचायत के उपाध्यक्ष नरेश पटेल से शिकायत की। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए उपाध्यक्ष नरेश पटेल जिला पंचायत के सभाकक्ष में आयोजित काउंसिलिंग में पहुंचे। जहां उन्होंने वरिष्ठता क्रम के अनुसार काउंसिलिंग नहीं का आरोप लगाया। साथ ही इसमें शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मिली-भगत से चहेते लोगों का काउंसिलिंग करने का आरोप लगाते हुए काउंसिलिंग को रद्द करने की मांग की।
जिला पंचायत उपाध्यक्ष ने इस आशय का पत्र जिला पंचायत के सीईओ दीपक अग्रवाल को भी सौंपा। हालांकि जिला पंचायत उपाध्यक्ष की शिकायत के बाद भी काउंसिलिंग नहीं रोकी गई। सूत्रों के मुताबिक करीब 42 लोगों की काउंसिलिंग की गई है। जिससे संबंधित सहायक शिक्षकों ने जिले के अलग-अलग स्थानों के एकल शिक्षकीय स्कूलों में जाने की सहमति दी है। जिससे माना जा रहा है कि करीब सवा छह सौ अतिशेष शिक्षकों में से 42 का उन स्कूलों में समायोजन कर लिया जाएगा। हालांकि जिला पंचायत के उपाध्यक्ष श्री पटेल ने सोमवार को हुई काउंसिलिंग को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। जिससे लगता है कि एक बार फिर सहायक शिक्षकों के समायोजन का मामला अटक सकता है।
बचे को तो जाना पडेÞगा जिले से बाहर
जिले के अतिशेष सहायक शिक्षकों को उम्मीद है कि ज्यादातर का जिले में ही समायोजन हो जाएगा। बताया जाता है कि जिले में एकल शिक्षकीय स्कूलों में समायोजन के बाद बंद किए गए स्कूलों को पुन: चालू करने के लिए शिक्षकों की आवश्यकता होगी। जिसके लिए भी अतिशेष शिक्षकों का समायोजन किया जा सकता है। इसके अलावा विज्ञान सहायक के करीब 117 पद रिक्त हैं। जिनकी पूर्ति इन्हीं अतिशेष में से की जा सकती है। साथ ही करीब 64 शिक्षाकर्मी वर्ग दो की पदोन्नति भी लंबित है। जिसमें पदोन्नति उपरांत उतने ही अतिशेष शिक्षकों का समायोजन किया जा सकता है। सोमवार को काउंसिलिंग के दौरान ज्यादातर अतिशेष सहायक शिक्षकों को ऐसी ही संभावनाओं पर चर्चा में मशगूल रहे। हालांकि अतिशेष सहायक शिक्षकों को यह मालूम है कि इन सबके बाद भी शासन के निर्देशानुसार अतिशेष होने की स्थिति में उन्हें जिले से बाहर जाना पड़ सकता है।
प्रधान पाठक संघ भी नाराज
काउंसिलिंग में वरिष्ठता क्रम का पालन नहीं होने का आरोप लगाते हुए प्रधान पाठक संघ के जिला अध्यक्ष भुवनेश्वर पटेल ने भी इसे रद्द करने की मांग की है। संघ की ओर से श्री पटेल ने कहा है कि कई सहायक शिक्षक इससे प्रभावित हो रहे हैं। इसकी शिकायत संघ से संबंधित शिक्षकों ने की है। उनकी वरिष्ठता को ध्यान में नहीं रखा गया। जिससे कई कनिष्ठ सहायक शिक्षकों को इसका लाभ मिल जाएगा। वरिष्ठ होने के बाद भी वे इससे चूक जाएंगे।
शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर मनमानी का आरोप
काउंसिलिंग को लेकर जिला पंचायत के उपाध्यक्ष का कहना है कि सहायक शिक्षकों को जिले में समायोजित करने का विरोध नहीं है। और ना ही अतिशेष शिक्षकों को जिले से बाहर भेजने का विरोध है। उनका आरोप है कि शिक्षा विभाग के अधिकारी मनमानी तरीके से अपने चहेते लोगों को जिले में समायोजित करने का प्रयास किया जा रहा है जो कि गलत है। उन्होंने इसमें बडेÞ पैमाने पर भष्टाचार करने का आरोप लगाया। जिला पंचायत उपाध्यक्ष ने कहा कि काउंसिलिंग के लिए बनाई गई सूची में सहायक शिक्षकों की पदास्थापना दिनांक का उल्लेख नहीं किया गया है। इसी सूची के आधार पर काउंसिलिंग की जा रही है। जिसमें वरिष्ठता क्रम का पालन नहीं हो रहा है। ऐसी स्थिति में इस काउंसिलिंग को रद्द कर पदास्थापना तिथि का उल्लेख करते हुए नई सूची बनाकर वरिष्ठताक्रम के अनुसार काउंसिलिंग किया जाना चाहिए। जिला पंचायत सीईओ से इस आशय की मांग की गई है।
क्या कहते हैं अधिकारी
विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय से जो सूची प्राप्त हुई है। उसी के आधार पर काउंसिलिंग किया जा रहा है। काउंसिलिंग की प्रक्रिया लगभग पूरी हो गई है। इसे रद्द करने का अधिकार समिति को है। हमारे द्वारा काउंसिलिंग पूरी कर ली गई है।
एनपी द्विवेदी, जिला शिक्षा अधिकारी
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