एजुकेशन रिपोर्टर | बिलासपुर लेनदेन व ऊंची पहुंच के बल पर शहर के आसपास के स्कूलों में अतिशेष की मलाई खा रहे शिक्षकों को हटाने के लिए 19 जुलाई को कलेक्टरेट के मंथन सभाकक्ष में रणनीति बनेगी। इसके लिए डीईओ ने ब्लॉक सीईओ, नगर पंचायत सीएमओ व ब्लॉक शिक्षाधिकारियों को एजेंडा जारी कर दिया है। इन्हें बैठक में पूरी जानकारी के साथ आने कहा गया है।
राज्य शासन ने इस साल पति-प|ी के आधार पर शिक्षाकर्मियों के ट्रांसफर पर लगी रोक हटा दी थी। इसके साथ ही एक और सहूलियत दी गई थी कि ट्राइबल जिले में पदस्थ शिक्षाकर्मी भी इस आधार पर सामान्य जिले में ट्रांसफर का लाभ ले सकते हैं। शासन से इस आशय का पत्र आते ही ट्राइबल जिले यानी कि सरगुजा, बस्तर, सुकमा, कांकेर आदि जगहों से बिलासपुर आने के इच्छुक 1000 से अधिक शिक्षाकर्मियों ने जिला पंचायत में आवेदन कर दिया। इसमें शिक्षाकर्मी वर्ग एक व दो शामिल थे। वर्ग तीन के आवेदन ब्लॉकों में स्वीकार किए गए। बिलासपुर जिले में आने के इच्छुक इस वर्ग के शिक्षाकर्मियों की संख्या भी 1000 से अधिक थी। चूंकि जिले में इतने शिक्षाकर्मियों के पद तो रिक्त नहीं थे। अलबत्ता, ट्रांसफर के लिए एनओसी दिलाने और मनचाही जगहों पर पोस्टिंग कराने वाला गिरोह भी सक्रिय हो गया। गिरोह के सदस्यों ने आवेदन करने वाले शिक्षाकर्मियों से संपर्क किया और दावा किया कि वे उनका ट्रांसफर करा सकते हैं। जिला पंचायत द्वारा ट्रांसफर के लिए जारी किए गए एनओसी की संख्या ने इस दावे को हवा भी दे दी। इसके बाद खेल शुरू हुआ पोस्टिंग का। शिक्षा विभाग द्वारा जिला पंचायत को व्याख्याता पंचायत के दिए गए रिक्त पद पर नजर डालें तो शिक्षा विभाग के स्कूलों में 131 पद खाली थे। इसके अलावा कुछ ऐसे स्कूलों की सूची भी दी गई थी, जहां पहले से ही कुछ विषयों के दो टीचर पदस्थ हैं। इन स्कूलों को नजरअंदाज करते हुए जिला पंचायत ने दूसरे जिले के 95 व्याख्याता पंचायत को ज्वाइनिंग दे दी। इनमें से करीब 30 प्रतिशत व्याख्याता पंचायत को उन स्कूलों में पोस्टिंग दे दी गई, जहां पद ही रिक्त नहीं थे। अलबत्ता, ये व्याख्याता पंचायत पदभार ग्रहण करते ही अतिशेष की श्रेणी में आ गए। पद नहीं होने के बाद भी व्याख्याता पंचायत को कार्यभार ग्रहण करने के लिए भेजे जाने का जब कुछ स्कूलों के प्राचार्यों ने विरोध किया तो जिला पंचायत सीईओ के हस्ताक्षर से एक पत्र हो गया, जिसमें कहा गया था कि व्याख्याता पंचायत को रिक्त पद पर ही पदस्थापना दी गई है। पद रिक्त नहीं होने का हवाला देकर किसी को भी वापस न किया जाए। अन्यथा आप स्वयं जिम्मेदार होंगे। इधर, जिला पंचायत द्वारा सीधी भर्ती और प्रमोशन के लिए पद मांगने से शिक्षा विभाग ने इनकार कर दिया। इस मामले को लेकर दोनों विभागों के बीच ठन गई है। दैनिक भास्कर ने जिला पंचायत प्रशासन द्वारा ट्रांसफर-पोस्टिंग में की गई मनमानी का लगातार खुलासा किया है। खबरें प्रकाशित होते ही जिला पंचायत प्रशासन में हड़कंप मच गया। कलेक्टर अन्बलगन पी ने ट्रांसफर-पोस्टिंग में हुए अतिशेष को मामले को गंभीरता से लिया है। उन्होंने अतिशेष की समस्या खुद ही हल करने का निर्णय लिया है। इसके लिए उन्होंने डीईओ हेमंत उपाध्याय से स्कूलवार रिक्त पद, कार्यरत और अतिशेष की सूची मंगाई है। कलेक्टर 19 जुलाई को इस मामले को लेकर जिलेभर के जिम्मेदार अधिकारियों की बैठक लेंगे। इसकी सूचना देने के निर्देश डीईओ को दिए गए थे। डीईओ ने इस बैठक के लिए एजेंडा तैयार कर लिया है, जिसमें युक्तियुक्तकरण के अलावा अन्य बिंदु भी शामिल हैं।
एजेंडे में ये बिंदु शामिल
अतिशेष व्याख्याताओं के युक्तियुक्तकरण पर चर्चा।
शिक्षाकर्मियों के वेतन भुगतान पर चर्चा।
मध्यान्ह भोजन योजना में मीनू पालन।
नि:शुल्क पाठ्य पुस्तक वितरण की जानकारी
नि:शुल्क गणवेश वितरण पर चर्चा।
मरम्मत योग्य शाला भवनों की स्थिति पर चर्चा।
शालाओं का सतत व सघन निरीक्षण
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम शिक्षा गुणवत्ता अभियान।
शिक्षा, आरएमएसए व एसएसए के अपूर्ण भवनों पर चर्चा।
बैठक में ये अधिकारी-कर्मचारी होंगे शामिल
सभी ब्लॉक के जनपद सीईओ
सभी ब्लॉक के बीईओ
जिलेभर के संकुल समन्वयक
सभी नगर पंचायत के सीएमओ
आयुक्त नगर निगम बिलासपुर
सहायक आयुक्त, आदिवासी विभाग
सहायक जिला परियोजना अधिकारी, आरएमएसए व एसएसए
कार्यपालन अभियंता, पीडब्ल्यूडी, आरईएस
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राज्य शासन ने इस साल पति-प|ी के आधार पर शिक्षाकर्मियों के ट्रांसफर पर लगी रोक हटा दी थी। इसके साथ ही एक और सहूलियत दी गई थी कि ट्राइबल जिले में पदस्थ शिक्षाकर्मी भी इस आधार पर सामान्य जिले में ट्रांसफर का लाभ ले सकते हैं। शासन से इस आशय का पत्र आते ही ट्राइबल जिले यानी कि सरगुजा, बस्तर, सुकमा, कांकेर आदि जगहों से बिलासपुर आने के इच्छुक 1000 से अधिक शिक्षाकर्मियों ने जिला पंचायत में आवेदन कर दिया। इसमें शिक्षाकर्मी वर्ग एक व दो शामिल थे। वर्ग तीन के आवेदन ब्लॉकों में स्वीकार किए गए। बिलासपुर जिले में आने के इच्छुक इस वर्ग के शिक्षाकर्मियों की संख्या भी 1000 से अधिक थी। चूंकि जिले में इतने शिक्षाकर्मियों के पद तो रिक्त नहीं थे। अलबत्ता, ट्रांसफर के लिए एनओसी दिलाने और मनचाही जगहों पर पोस्टिंग कराने वाला गिरोह भी सक्रिय हो गया। गिरोह के सदस्यों ने आवेदन करने वाले शिक्षाकर्मियों से संपर्क किया और दावा किया कि वे उनका ट्रांसफर करा सकते हैं। जिला पंचायत द्वारा ट्रांसफर के लिए जारी किए गए एनओसी की संख्या ने इस दावे को हवा भी दे दी। इसके बाद खेल शुरू हुआ पोस्टिंग का। शिक्षा विभाग द्वारा जिला पंचायत को व्याख्याता पंचायत के दिए गए रिक्त पद पर नजर डालें तो शिक्षा विभाग के स्कूलों में 131 पद खाली थे। इसके अलावा कुछ ऐसे स्कूलों की सूची भी दी गई थी, जहां पहले से ही कुछ विषयों के दो टीचर पदस्थ हैं। इन स्कूलों को नजरअंदाज करते हुए जिला पंचायत ने दूसरे जिले के 95 व्याख्याता पंचायत को ज्वाइनिंग दे दी। इनमें से करीब 30 प्रतिशत व्याख्याता पंचायत को उन स्कूलों में पोस्टिंग दे दी गई, जहां पद ही रिक्त नहीं थे। अलबत्ता, ये व्याख्याता पंचायत पदभार ग्रहण करते ही अतिशेष की श्रेणी में आ गए। पद नहीं होने के बाद भी व्याख्याता पंचायत को कार्यभार ग्रहण करने के लिए भेजे जाने का जब कुछ स्कूलों के प्राचार्यों ने विरोध किया तो जिला पंचायत सीईओ के हस्ताक्षर से एक पत्र हो गया, जिसमें कहा गया था कि व्याख्याता पंचायत को रिक्त पद पर ही पदस्थापना दी गई है। पद रिक्त नहीं होने का हवाला देकर किसी को भी वापस न किया जाए। अन्यथा आप स्वयं जिम्मेदार होंगे। इधर, जिला पंचायत द्वारा सीधी भर्ती और प्रमोशन के लिए पद मांगने से शिक्षा विभाग ने इनकार कर दिया। इस मामले को लेकर दोनों विभागों के बीच ठन गई है। दैनिक भास्कर ने जिला पंचायत प्रशासन द्वारा ट्रांसफर-पोस्टिंग में की गई मनमानी का लगातार खुलासा किया है। खबरें प्रकाशित होते ही जिला पंचायत प्रशासन में हड़कंप मच गया। कलेक्टर अन्बलगन पी ने ट्रांसफर-पोस्टिंग में हुए अतिशेष को मामले को गंभीरता से लिया है। उन्होंने अतिशेष की समस्या खुद ही हल करने का निर्णय लिया है। इसके लिए उन्होंने डीईओ हेमंत उपाध्याय से स्कूलवार रिक्त पद, कार्यरत और अतिशेष की सूची मंगाई है। कलेक्टर 19 जुलाई को इस मामले को लेकर जिलेभर के जिम्मेदार अधिकारियों की बैठक लेंगे। इसकी सूचना देने के निर्देश डीईओ को दिए गए थे। डीईओ ने इस बैठक के लिए एजेंडा तैयार कर लिया है, जिसमें युक्तियुक्तकरण के अलावा अन्य बिंदु भी शामिल हैं।
एजेंडे में ये बिंदु शामिल
अतिशेष व्याख्याताओं के युक्तियुक्तकरण पर चर्चा।
शिक्षाकर्मियों के वेतन भुगतान पर चर्चा।
मध्यान्ह भोजन योजना में मीनू पालन।
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मरम्मत योग्य शाला भवनों की स्थिति पर चर्चा।
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डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम शिक्षा गुणवत्ता अभियान।
शिक्षा, आरएमएसए व एसएसए के अपूर्ण भवनों पर चर्चा।
बैठक में ये अधिकारी-कर्मचारी होंगे शामिल
सभी ब्लॉक के जनपद सीईओ
सभी ब्लॉक के बीईओ
जिलेभर के संकुल समन्वयक
सभी नगर पंचायत के सीएमओ
आयुक्त नगर निगम बिलासपुर
सहायक आयुक्त, आदिवासी विभाग
सहायक जिला परियोजना अधिकारी, आरएमएसए व एसएसए
कार्यपालन अभियंता, पीडब्ल्यूडी, आरईएस
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