महासमुंद, ब्यूरो। नाबालिग छात्रा को बहला फुसलाकर भगा
ले जाने और अनाचार करने वाले शिक्षक को फास्ट ट्रेक कोर्ट के विशेष
न्यायाधीश एडीजे सुनीता टोप्पो ने अलग-अलग धाराओं में 15 साल सश्रम कारावास
और दो हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किया है। सभी सजाएं साथ-साथ चलेगी इस
लिहाज से अभियुक्त को सात साल कैद की सजा भुगतनी होगी।
अभियोजन के अनुसार सांकरा थाना क्षेत्र के ग्राम भगतदेवरी के एक निजी स्कूल में गांव के भगवानो चौहान पिता बंशीधर चौहान (23) शिक्षक था। इस स्कूल में कक्षा छठवीं में 11 साल की छात्रा पढ़ती थी।
5 दिसंबर 2015 को छात्रा अपने घर में सोयी थी। इस बीच रात करीब 10-11 बजे वह लघुशंका के लिए बाड़ी की ओर गई। जहां से भगवानो उसे बहला-फुसलाकर बाड़ी के अंतिम छोर में ले गया और अनाचार किया। रात करीब साढ़े 11 बजे पीड़ित छात्रा के पिता नींद से जागा और बाड़ी की ओर का दरवाजा खुला देखा तो उसे किसी अनहोनी की आशंका हुई। कमरे में जाकर देखा तो उसकी बेटी गायब थी।
आसपास पता करने पर जब कहीं नहीं मिली तो दूसरे दिन सुबह 6 दिसंबर 2015 को सांकरा थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने धारा 363 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर खोजबीन शुरू की। इस बीच 6 दिसंबर को आरोपी के कब्जे से छात्रा को बरामद किया गया। छात्रा ने पुलिस व परिजनों को बताया कि उनके स्कूल के शिक्षक चौहान शादी की बात कहकर खेत के रास्ते से दूसरे गांव ले गया।
पुलिस ने विवेचना पश्चात भादवि की धारा 363,366, 376 और लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 04 के तहत प्रकरण न्यायालय में पेश किया। जहां मामले की सुनवाई पूरी करते अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश व फास्ट ट्रेक कोर्ट के पीठासीन अधिकारी सुनीता टोप्पो ने दोषसिद्ध पाए जाने पर धारा 363 के तहत चार वर्ष के सश्रम कारावास और 500 रुपए अर्थदंड, धारा 366 के तहत चार वर्ष के सश्रम कारावास और पांच सौ रुपए अर्थदंड और लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की धारा 4 के तहत सात वर्ष के सश्रम कारावास और एक हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किया है। अर्थदंड अदा नहीं करने पर क्रमशः एक-एक और दो महीने का अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगताई जाएगी।
Sponsored link : सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
अभियोजन के अनुसार सांकरा थाना क्षेत्र के ग्राम भगतदेवरी के एक निजी स्कूल में गांव के भगवानो चौहान पिता बंशीधर चौहान (23) शिक्षक था। इस स्कूल में कक्षा छठवीं में 11 साल की छात्रा पढ़ती थी।
5 दिसंबर 2015 को छात्रा अपने घर में सोयी थी। इस बीच रात करीब 10-11 बजे वह लघुशंका के लिए बाड़ी की ओर गई। जहां से भगवानो उसे बहला-फुसलाकर बाड़ी के अंतिम छोर में ले गया और अनाचार किया। रात करीब साढ़े 11 बजे पीड़ित छात्रा के पिता नींद से जागा और बाड़ी की ओर का दरवाजा खुला देखा तो उसे किसी अनहोनी की आशंका हुई। कमरे में जाकर देखा तो उसकी बेटी गायब थी।
आसपास पता करने पर जब कहीं नहीं मिली तो दूसरे दिन सुबह 6 दिसंबर 2015 को सांकरा थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने धारा 363 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर खोजबीन शुरू की। इस बीच 6 दिसंबर को आरोपी के कब्जे से छात्रा को बरामद किया गया। छात्रा ने पुलिस व परिजनों को बताया कि उनके स्कूल के शिक्षक चौहान शादी की बात कहकर खेत के रास्ते से दूसरे गांव ले गया।
पुलिस ने विवेचना पश्चात भादवि की धारा 363,366, 376 और लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 04 के तहत प्रकरण न्यायालय में पेश किया। जहां मामले की सुनवाई पूरी करते अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश व फास्ट ट्रेक कोर्ट के पीठासीन अधिकारी सुनीता टोप्पो ने दोषसिद्ध पाए जाने पर धारा 363 के तहत चार वर्ष के सश्रम कारावास और 500 रुपए अर्थदंड, धारा 366 के तहत चार वर्ष के सश्रम कारावास और पांच सौ रुपए अर्थदंड और लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की धारा 4 के तहत सात वर्ष के सश्रम कारावास और एक हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किया है। अर्थदंड अदा नहीं करने पर क्रमशः एक-एक और दो महीने का अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगताई जाएगी।
Sponsored link : सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC