रायगढ़ नईदुनिया न्यूज। जिले के शासकीय अनुदान प्राप्त शिक्षकों
की समस्या जो लंबे समय से चली आ रही है इसे लेकर अनुदान प्राप्त स्कूलों के
शिक्षक संघ द्वारा लगातार अधिकारियों से मांगों का निराकरण की मांग की जा
रही है। शासकीय अनुदान प्राप्त शिक्षकों ने शासन पर लगाया उपेक्षा का आरोप
लगाते हुए 5 अगस्त को रायपुर राजधानी में प्रदेश स्तरीय धरना प्रदर्शन भी
किया गया था।
अनुदान प्राप्त स्कूल शिक्षक संघ द्वारा लंबित मांगों को लेकर गत दिवस जिला शिक्षा अधिकारी से मुलाकात का समय मांगा लेकिन उन्होंने प्रतिनिधि मण्डल से मिलने से ही इंकार कर दिया। इससे अनुदान प्राप्त शिक्षक संघ में आक्र ोश व्याप्त हो गया है।
बीते दिवस शासकीय अनुदान प्राप्त विद्यालय के शिक्षक कर्मचारी संघ के कार्यकारिणी बैठक रखी गई थी। जिसमें पूर्व में जिला इकाई के समान्य बैठक में रायपुर में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन के प्रस्ताव व प्रांतीय कार्य कारिणी के बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार शत प्रतिशत अनुदान प्राप्त शिक्षकों व कर्मचारियों को समान सभी सेवा लाभ, वेतन, भत्ते की पात्रता स्पष्ट एवं वैधानिक उल्लेखित होने के बाद भी उपेक्षित रखा जा रहा है। आज पर्यन्त तक अनुदानित शिक्षकों को कई सेवा लाभ से वंचित रखा गया है। जिसको लेकर इन शिक्षकों में आक्र ोश व्याप्त हो चला है। संघ द्वारा लगातार शासन से मांगों को पूरा करने की मांग की गई है। लंबित मांगो को शीघ्र पूरा करने के लिए 22 सूत्रीय मांगों पर शासन का ध्यानाकर्षण धरना प्रदर्शन कर अपनी मांगों को अवगत कराया गया था। इसी सिलसिले को लेकर संघ के प्रतिनिधि मण्डल द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी से मुलाकात समस्या का निराकरण की चर्चा हेतु पहुंचे थे लेकिन उन्हें यहां से भी निराश होकर लौटना प़ डा।
शासन के निर्देश का नहीं हो रहा पालन
अनुदान प्राप्त शिक्षक कर्मचारी संघ को लेकर राज्य शासन व उच्च न्यायालय द्वारा आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है। इससे अनुदान प्राप्त शिक्षक कर्मचारी संघ में आक्र ोश व्याप्त होते जा रहा है। शासन द्वारा अनुदानित शिक्षक कर्मचारियों के आदेश के बाद भी पांचवे वेतनमान का एरियर्स 2012 से आज पर्यन्त तक लंबित है। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में समयमान वेतनमान के फाईल नवंबर 2015 से लंबित प़ डी है। जिले के अनुदान प्राप्त शिक्षक कर्मचारियों के पदोन्नति संबंधी भी कोई कार्रवाई आगे नहीं ब़ ढ पा रही है।
2008 से समयमान वेतनमान लंबित
शासकीय शतप्रतिशत अनुदान प्राप्त स्कुलों के शिक्षकों कर्मचारियों का समयमान वेतनमान का मामला भी लंबे समय से लंबित है। 2008 से यह फाईल जिला कार्यालय में लंबित प़ डी धूल खा रही है। लेकिन उच्चाधिकारी कभी इस दिशा में ध्यान ही नहीं देते हैं। इसी तरह से पदोन्नति भी लंबित है प्रावधान के अनुसार अनुदान प्राप्त शिक्षकों का समय-समय पर पदोन्नति किया जाना है लेकिन विभागीय अधिकारियों की लापरवाही की वजह से पदोन्नति की कार्रवाई आज तक लंबित है।
अनुदान प्राप्त करने में भी करना प़ डता मशक्कत
खास बात यह है कि शासन द्वारा शतप्रतिशत अनुदान प्राप्त स्कूलों के लिए समय पर अनुदान की राशि तो प्राप्त हो जाती है लेकिन शिक्षा विभाग की उदासिनता व लापरवाही की वजह से स्कूलों को अनुदान प्राप्त करने के लिए ए़ डी चोटी लगाकर पसीना बहाना प़ डता है उसके बाद भी समय पर अनुदान की पूरी राशि प्राप्त नहीं हो पाती है।
वर्सन
2012 से एरियर्स की राशि लंबित है जबकि शासन व न्यायालय द्वारा एरियर्स की राशि भुगतान करने का आदेश निर्देश काफी समय पहले दिया जा चुका है। शिक्षा विभाग की बेपरवाह नीति की वजह से न सिर्फ पदोन्नति व समयमान वेतनमान की फाईल भी सालों से विभाग में रखी धूल खा रही है। हम 6 बिन्दू मांग को लेकर मुलाकात कर चर्चा करने पहुंचे थे लेकिन उन्होंने चर्चा करने से मना कर दिया।
विनय पाण्डेय
अध्यक्ष, अनुदान प्राप्त स्कूल शिक्षक संघ
वर्सन
बेवजह की नेतागिरी कर रहे हैं उनकी जो भी जायज मांग होगी वह खुद पूरी होगी जहां तक उनके एरियर्स राशि के भुगतान की बात है तो वह ट्रेजरी गई हुई है वह जल्द हो जाएगी। उनसे कहें कि वे सीधे मुझसे आकर चर्चा करें। हमारे पास भी बहुत सारे काम होते हैं।
आर.एन.हीराधर
जिला शिक्षा अधिकारी
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अनुदान प्राप्त स्कूल शिक्षक संघ द्वारा लंबित मांगों को लेकर गत दिवस जिला शिक्षा अधिकारी से मुलाकात का समय मांगा लेकिन उन्होंने प्रतिनिधि मण्डल से मिलने से ही इंकार कर दिया। इससे अनुदान प्राप्त शिक्षक संघ में आक्र ोश व्याप्त हो गया है।
बीते दिवस शासकीय अनुदान प्राप्त विद्यालय के शिक्षक कर्मचारी संघ के कार्यकारिणी बैठक रखी गई थी। जिसमें पूर्व में जिला इकाई के समान्य बैठक में रायपुर में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन के प्रस्ताव व प्रांतीय कार्य कारिणी के बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार शत प्रतिशत अनुदान प्राप्त शिक्षकों व कर्मचारियों को समान सभी सेवा लाभ, वेतन, भत्ते की पात्रता स्पष्ट एवं वैधानिक उल्लेखित होने के बाद भी उपेक्षित रखा जा रहा है। आज पर्यन्त तक अनुदानित शिक्षकों को कई सेवा लाभ से वंचित रखा गया है। जिसको लेकर इन शिक्षकों में आक्र ोश व्याप्त हो चला है। संघ द्वारा लगातार शासन से मांगों को पूरा करने की मांग की गई है। लंबित मांगो को शीघ्र पूरा करने के लिए 22 सूत्रीय मांगों पर शासन का ध्यानाकर्षण धरना प्रदर्शन कर अपनी मांगों को अवगत कराया गया था। इसी सिलसिले को लेकर संघ के प्रतिनिधि मण्डल द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी से मुलाकात समस्या का निराकरण की चर्चा हेतु पहुंचे थे लेकिन उन्हें यहां से भी निराश होकर लौटना प़ डा।
शासन के निर्देश का नहीं हो रहा पालन
अनुदान प्राप्त शिक्षक कर्मचारी संघ को लेकर राज्य शासन व उच्च न्यायालय द्वारा आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है। इससे अनुदान प्राप्त शिक्षक कर्मचारी संघ में आक्र ोश व्याप्त होते जा रहा है। शासन द्वारा अनुदानित शिक्षक कर्मचारियों के आदेश के बाद भी पांचवे वेतनमान का एरियर्स 2012 से आज पर्यन्त तक लंबित है। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में समयमान वेतनमान के फाईल नवंबर 2015 से लंबित प़ डी है। जिले के अनुदान प्राप्त शिक्षक कर्मचारियों के पदोन्नति संबंधी भी कोई कार्रवाई आगे नहीं ब़ ढ पा रही है।
2008 से समयमान वेतनमान लंबित
शासकीय शतप्रतिशत अनुदान प्राप्त स्कुलों के शिक्षकों कर्मचारियों का समयमान वेतनमान का मामला भी लंबे समय से लंबित है। 2008 से यह फाईल जिला कार्यालय में लंबित प़ डी धूल खा रही है। लेकिन उच्चाधिकारी कभी इस दिशा में ध्यान ही नहीं देते हैं। इसी तरह से पदोन्नति भी लंबित है प्रावधान के अनुसार अनुदान प्राप्त शिक्षकों का समय-समय पर पदोन्नति किया जाना है लेकिन विभागीय अधिकारियों की लापरवाही की वजह से पदोन्नति की कार्रवाई आज तक लंबित है।
अनुदान प्राप्त करने में भी करना प़ डता मशक्कत
खास बात यह है कि शासन द्वारा शतप्रतिशत अनुदान प्राप्त स्कूलों के लिए समय पर अनुदान की राशि तो प्राप्त हो जाती है लेकिन शिक्षा विभाग की उदासिनता व लापरवाही की वजह से स्कूलों को अनुदान प्राप्त करने के लिए ए़ डी चोटी लगाकर पसीना बहाना प़ डता है उसके बाद भी समय पर अनुदान की पूरी राशि प्राप्त नहीं हो पाती है।
वर्सन
2012 से एरियर्स की राशि लंबित है जबकि शासन व न्यायालय द्वारा एरियर्स की राशि भुगतान करने का आदेश निर्देश काफी समय पहले दिया जा चुका है। शिक्षा विभाग की बेपरवाह नीति की वजह से न सिर्फ पदोन्नति व समयमान वेतनमान की फाईल भी सालों से विभाग में रखी धूल खा रही है। हम 6 बिन्दू मांग को लेकर मुलाकात कर चर्चा करने पहुंचे थे लेकिन उन्होंने चर्चा करने से मना कर दिया।
विनय पाण्डेय
अध्यक्ष, अनुदान प्राप्त स्कूल शिक्षक संघ
वर्सन
बेवजह की नेतागिरी कर रहे हैं उनकी जो भी जायज मांग होगी वह खुद पूरी होगी जहां तक उनके एरियर्स राशि के भुगतान की बात है तो वह ट्रेजरी गई हुई है वह जल्द हो जाएगी। उनसे कहें कि वे सीधे मुझसे आकर चर्चा करें। हमारे पास भी बहुत सारे काम होते हैं।
आर.एन.हीराधर
जिला शिक्षा अधिकारी
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