मंगलवार को दोपहर 2.30 बजे से शाम 5 बजे तक जिला पंचायत सभागार में शिक्षा
समिति के जिलाध्यक्ष व जिला पंचायत उपाध्यक्ष संजय चंद्राकर की अध्यक्षता
में स्थायी शिक्षा समिति की बैठक हुई। जिसमें उपस्थित सदस्यों ने जिले के
विभिन्न स्कूलों में टीचरों की कमी को लेकर डीईओ बीआर ध्रुव से सवाल जवाब
करने लगे कि कई स्कूलों में आज भी टीचर नहीं है।
जिसके कारण वहां की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। आज तक टीचर की व्यवस्था नहीं हो पाई। जिस पर डीईओ ने जवाब देते हुए कहा कि शिक्षक मेरी जेब में नहीं है कि कोई भी कहे और निकाल के दे दूं।
युक्तियुक्तकरण के बाद जितने टीचर अतिशेष हैं। उनका अभी व्यवस्थापन नहीं हो पाया है और न ही पदोन्नति की प्रक्रिया पूरी हो पाई है। भर्ती भी नहीं हो पाई है। जिसके चलते कही कम तो कहीं ज्यादा शिक्षक होने की बात उन्होंने की। इस दौरान सदस्यों ने सभी बीईओ, डीपीसी व डीईओ को विभिन्न मुद्दों पर घेरते हुए कहा कि जल्द ही व्यवस्था में सुधार आना चाहिए। सुधार व मॉनिटरिंग की जानकारी अगले सामान्य सभा की बैठक में देने कहा।
निर्माण को लेकर बीईओ व डीईओ के बीच बहस
गुणवत्ता नहीं सुधरी तो जनप्रतिनिधि चुप नहीं रहेंगे
बैठक में उपस्थित शिक्षा विभाग के आला अफसरों को हिदायत देते हुए जनप्रतिनिधियों ने कहा कि शिक्षा गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। इसके बाद भी यदि शिक्षा गुणवत्ता में सुधार नहीं आया तो जनप्रतिनिधि अब चुप बैठने वाले नहीं हैं। बैठक में जिले पांचों ब्लाॅक के बीईओ उपस्थित थे।
अब बीईओ करेंगे निर्माण कार्यों की मॉनिटरिंग
सदस्य बुधियारिन कुमेटी, अंजनी कोठारी व अन्य जनप्रतिनिधियों ने बैठक में शिक्षा विभाग के बड़े अफसरों को चेतावनी देते हुए कहा कि चाहे प्राथमिक, माध्यमिक या हाई स्कूल भवन निर्माण कार्य हों या कोई भी कार्य हों इसकी मॉनीटिरिंग करने की जिम्मेदारी व जवाबदारी संबंधित बीईओ की होनी चाहिए।
बैठक के दौरान समिति के अध्यक्ष चंद्राकर, सदस्य ललिता पीमन साहू व सुशीला सेवक साहू ने अपने- अपने क्षेत्र के बीईओ से पूछा कि जहां-जहां हाई स्कूल भवन बन रहा है वह गुणवत्ताहीन है। इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा। जिसके जवाब में डीपीसी पीसी मर्कले, बीईओ डीआर गजेंद्र, यूएस नागवंशी ने कहा कि उक्त काम सीधे आरईएस व पीडब्ल्यूडी से हो रहा है। इसलिए इसकी जानकारी उन्हें नहीं है। डीईओ ध्रुव कहने लगे की इसकी जानकारी सबको रहती है। जिसे सुनते ही अध्यक्ष व सदस्य डीईओ व बीईओ से कहा कि ये क्या बात हुई ।
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जिसके कारण वहां की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। आज तक टीचर की व्यवस्था नहीं हो पाई। जिस पर डीईओ ने जवाब देते हुए कहा कि शिक्षक मेरी जेब में नहीं है कि कोई भी कहे और निकाल के दे दूं।
युक्तियुक्तकरण के बाद जितने टीचर अतिशेष हैं। उनका अभी व्यवस्थापन नहीं हो पाया है और न ही पदोन्नति की प्रक्रिया पूरी हो पाई है। भर्ती भी नहीं हो पाई है। जिसके चलते कही कम तो कहीं ज्यादा शिक्षक होने की बात उन्होंने की। इस दौरान सदस्यों ने सभी बीईओ, डीपीसी व डीईओ को विभिन्न मुद्दों पर घेरते हुए कहा कि जल्द ही व्यवस्था में सुधार आना चाहिए। सुधार व मॉनिटरिंग की जानकारी अगले सामान्य सभा की बैठक में देने कहा।
निर्माण को लेकर बीईओ व डीईओ के बीच बहस
गुणवत्ता नहीं सुधरी तो जनप्रतिनिधि चुप नहीं रहेंगे
बैठक में उपस्थित शिक्षा विभाग के आला अफसरों को हिदायत देते हुए जनप्रतिनिधियों ने कहा कि शिक्षा गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। इसके बाद भी यदि शिक्षा गुणवत्ता में सुधार नहीं आया तो जनप्रतिनिधि अब चुप बैठने वाले नहीं हैं। बैठक में जिले पांचों ब्लाॅक के बीईओ उपस्थित थे।
अब बीईओ करेंगे निर्माण कार्यों की मॉनिटरिंग
सदस्य बुधियारिन कुमेटी, अंजनी कोठारी व अन्य जनप्रतिनिधियों ने बैठक में शिक्षा विभाग के बड़े अफसरों को चेतावनी देते हुए कहा कि चाहे प्राथमिक, माध्यमिक या हाई स्कूल भवन निर्माण कार्य हों या कोई भी कार्य हों इसकी मॉनीटिरिंग करने की जिम्मेदारी व जवाबदारी संबंधित बीईओ की होनी चाहिए।
बैठक के दौरान समिति के अध्यक्ष चंद्राकर, सदस्य ललिता पीमन साहू व सुशीला सेवक साहू ने अपने- अपने क्षेत्र के बीईओ से पूछा कि जहां-जहां हाई स्कूल भवन बन रहा है वह गुणवत्ताहीन है। इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा। जिसके जवाब में डीपीसी पीसी मर्कले, बीईओ डीआर गजेंद्र, यूएस नागवंशी ने कहा कि उक्त काम सीधे आरईएस व पीडब्ल्यूडी से हो रहा है। इसलिए इसकी जानकारी उन्हें नहीं है। डीईओ ध्रुव कहने लगे की इसकी जानकारी सबको रहती है। जिसे सुनते ही अध्यक्ष व सदस्य डीईओ व बीईओ से कहा कि ये क्या बात हुई ।
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