रायपुर. शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत निजी स्कूलों में बच्चों के प्रवेश देने की संख्या में साल दर साल गिरावट आ रही है। दो साल में इसके तहत विद्यालयों में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों की संख्या आधी हो गई है। विभागीय अधिकारी सिर्फ कागजी आकड़ों को ही अपडेट करने में जुटे हैं।
पड़ताल में यह तथ्य सामने आया कि शिक्षण सत्र 2016-17 में जिले के कुल 728 निजी स्कूलों में से मात्र 371 स्कूलों ने ही आरटीई के तहत 2365 बच्चों को प्रवेश दिया। पिछले दो शिक्षण सत्रों के आकड़ों पर गौर करें तो प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों की संख्या घटती नजर आती है। इससे साफ है कि शिक्षा विभाग द्वारा निजी स्कूलों को शिक्षा का अधिकार अधिनियम के प्रति प्रोत्साहित नहीं किया गया, जबकि डीईओ कार्यालय के मुताबिक सभी निजी स्कूलों में आरटीई के तहत प्रवेश करने के निर्देश दिए गए हैं। विद्यार्थियों की घटती संख्या का कोई कारगर जवाब दे पाने में जिम्मेदार अधिकारी नकाम हैं।
आरटीई के तहत बच्चों की घटती संख्या
सत्र बच्चे
2013-014 5,116
2014-015 3,215
2015-016 4,008
2016-017 2,365
निजी स्कूलों की मनमानी रोकने के लिए ही ऑनलाइन लाटरी सिस्टम व रिक्त सीटों की जानकारी ली जा रही है। इस सत्र में पूरे प्रदेशभर में सबसे ज्यादा प्रवेश होंगे।
ओपी चौधरी, कलेक्टर रायपुर
आरटीई का लाभ बच्चों को दिया जा रहा है। पिछले साल से प्रवेशित बच्चों की संख्या बढ़ी है। कम होने के पीछे एक कारण है कि पालक अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में अपने बच्चों को प्रवेश दिलाना चाहते हैं। हिन्दी मीडियम के प्रति उनकी रुचि कम हुई है। जिसके चलते बच्चों की संख्या में कमी आई है।
अशोक नारायण बंजारा, डीईओ
पड़ताल में यह तथ्य सामने आया कि शिक्षण सत्र 2016-17 में जिले के कुल 728 निजी स्कूलों में से मात्र 371 स्कूलों ने ही आरटीई के तहत 2365 बच्चों को प्रवेश दिया। पिछले दो शिक्षण सत्रों के आकड़ों पर गौर करें तो प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों की संख्या घटती नजर आती है। इससे साफ है कि शिक्षा विभाग द्वारा निजी स्कूलों को शिक्षा का अधिकार अधिनियम के प्रति प्रोत्साहित नहीं किया गया, जबकि डीईओ कार्यालय के मुताबिक सभी निजी स्कूलों में आरटीई के तहत प्रवेश करने के निर्देश दिए गए हैं। विद्यार्थियों की घटती संख्या का कोई कारगर जवाब दे पाने में जिम्मेदार अधिकारी नकाम हैं।
आरटीई के तहत बच्चों की घटती संख्या
सत्र बच्चे
2013-014 5,116
2014-015 3,215
2015-016 4,008
2016-017 2,365
निजी स्कूलों की मनमानी रोकने के लिए ही ऑनलाइन लाटरी सिस्टम व रिक्त सीटों की जानकारी ली जा रही है। इस सत्र में पूरे प्रदेशभर में सबसे ज्यादा प्रवेश होंगे।
ओपी चौधरी, कलेक्टर रायपुर
आरटीई का लाभ बच्चों को दिया जा रहा है। पिछले साल से प्रवेशित बच्चों की संख्या बढ़ी है। कम होने के पीछे एक कारण है कि पालक अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में अपने बच्चों को प्रवेश दिलाना चाहते हैं। हिन्दी मीडियम के प्रति उनकी रुचि कम हुई है। जिसके चलते बच्चों की संख्या में कमी आई है।
अशोक नारायण बंजारा, डीईओ