जिले में आरएमएस के स्कूलों में भी शिक्षकों की कमी है। 14 स्कूल ऐसे हैं
जो एक-दो शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं। अंबिकापुर ब्लाक का फतेहपुर, बतौली
के सरमना, लखनपुर के रजपुरी, पोड़ी, जयपुर, लैंगा, डांड़केसरा, लुंड्रा के
डंड़गांव, पटाेरा,सिलसिला, चेरमुंडा, मैनपाट का उरेंगा, उदयपुर के चैनपुर व
सायर हाई स्कूल हैं।
शहर के मल्टीपरपज, पुलिस लाइन, केदारपुर, गांधीनगर, ब्रह्मपारा, बौरीपारा, मणिपुर जैसे शहर के बड़े सरकारी स्कूलों में भी शिक्षकों की कमी है।
भास्कर संवाददाता|अम्बिकापुर
अंबिकापुर. हाई स्कूलों के शिक्षकों का समायोजन एक बार फिर लटकता दिख रहा है। शहर के आसपास के स्कूलों में जुगाड़ की पोस्टिंग से सालों से जमे शिक्षकों का समायोजन किया जाना था। शिक्षा विभाग द्वारा जांच के बाद रिपोर्ट तैयार की गई लेकिन समायोजन नहीं हो रहा है। सौ से अधिक शिक्षक इन स्कूलों में जमे हुए हैं जबकि ग्रामीण क्षेत्रों के कई स्कूल ऐसे हैं जो केवल दो शिक्षकों के भरोसे चल रहे हैं।
बोर्ड परीक्षा में जिले का खराब रिजल्ट आने के बाद शिक्षकों के समायोजन की तैयारी की गई थी। प्रशासन ने शिक्षा विभाग से एक-एक स्कूलों की जांच कर ऐसे शिक्षकों की सूची तैयार की थी। अधिकारियों ने कहा था कि स्कूल खुलने से पहले समायोजन कर लिया जाएगा लेकिन अभी तक मामला लटका हुआ है। इससे स्कूलों में सेटअप के हिसाब से शिक्षकों की पोस्टिंग नहीं हो पा रही है। इसके विपरीत गांवों में कई हाई स्कूल ऐसे हैं जो एक-दो शिक्षक के भराेसे चल रहे हैं। आसपास के स्कूलों से कुछ स्कूलों में शिक्षकों को अटैच किया गया है।
शहर के मल्टीपरपज, पुलिस लाइन, केदारपुर, गांधीनगर, ब्रह्मपारा, बौरीपारा, मणिपुर जैसे शहर के बड़े सरकारी स्कूलों में भी शिक्षकों की कमी है।
भास्कर संवाददाता|अम्बिकापुर
अंबिकापुर. हाई स्कूलों के शिक्षकों का समायोजन एक बार फिर लटकता दिख रहा है। शहर के आसपास के स्कूलों में जुगाड़ की पोस्टिंग से सालों से जमे शिक्षकों का समायोजन किया जाना था। शिक्षा विभाग द्वारा जांच के बाद रिपोर्ट तैयार की गई लेकिन समायोजन नहीं हो रहा है। सौ से अधिक शिक्षक इन स्कूलों में जमे हुए हैं जबकि ग्रामीण क्षेत्रों के कई स्कूल ऐसे हैं जो केवल दो शिक्षकों के भरोसे चल रहे हैं।
बोर्ड परीक्षा में जिले का खराब रिजल्ट आने के बाद शिक्षकों के समायोजन की तैयारी की गई थी। प्रशासन ने शिक्षा विभाग से एक-एक स्कूलों की जांच कर ऐसे शिक्षकों की सूची तैयार की थी। अधिकारियों ने कहा था कि स्कूल खुलने से पहले समायोजन कर लिया जाएगा लेकिन अभी तक मामला लटका हुआ है। इससे स्कूलों में सेटअप के हिसाब से शिक्षकों की पोस्टिंग नहीं हो पा रही है। इसके विपरीत गांवों में कई हाई स्कूल ऐसे हैं जो एक-दो शिक्षक के भराेसे चल रहे हैं। आसपास के स्कूलों से कुछ स्कूलों में शिक्षकों को अटैच किया गया है।