मगरलोड, धमतरी । ब्लॉक मुख्यालय मगरलोड के शासकीय
कन्या उमावि में शिक्षकों की नियुक्ति की मांग को लेकर जनभागीदारी समिति के
पदाधिकारियों एवं पालकों ने स्कूल के मेन गेट में ताला जड़कर प्रदर्शन
किया। तत्काल गणित विषय के शिक्षक की नियुक्ति करने और अन्य शिक्षकों को
कुछ दिनों में पदस्थ कराने के आश्वासन के बाद तालाबंदी का निर्णय वापिस
लिया गया।
गुरुवार को शासकीय कन्या उमावि मगरलोड के सामने छात्राएं और पालक एकत्रित हुए। जनभागीदारी समिति के सदस्यों और पालकों ने स्कूल के मेन गेट में ताला जड़ दिया। छात्राओं ने जमकर नारेबाजी की। सुरक्षा के लिए स्कूल में पुलिस भी पहुंच गई।
आंदोलन को देखते हुए प्रशासन ने स्कूल में तत्काल गणित विषय के एक शिक्षक की पदस्थापना करते हुए अन्य शिक्षकों की नियुक्ति आगे करने का आश्वासन दिया। इसके बाद जनभागीदारी समिति के सदस्यों व पालकों ने तालाबंदी का निर्णय वापस ले लिया।
इस स्कूल में शिक्षकों के 11 पद स्वीकृत है। वर्तमान में 4 शिक्षक ही कार्यरत हैं। गणित, अंग्रेजी, जीव विज्ञान, राजनीति, इतिहास, भूगोल, भौतिक शास्त्र विषय के शिक्षक नहीं है। लिपिक का एक पद भी रिक्त है। शिक्षक कमी के चलते यहां की पढ़ाई प्रभावित है।
शिक्षक न होने से विज्ञान एवं कामर्स संकाय को बंद कर मात्र कला संकाय का संचालन किया जा रहा है। इस स्थिति के चलते यहां पढाई करने वाली छात्राओं को मजबूरी में कला संकाय में पढ़ाई करनी पड़ रही है या दूसरे स्कूलों में जाना पड़ रहा है।
कई बार जनभागीदारी समिति के सदस्यों और पालकों ने विद्यालय में शिक्षक भर्ती के लिए लगातार शासन-प्रशासन का दरवाजा खटखटाया। लेकिन मांग पर कोई ध्यान नही दिया गया।
इससे आक्रोशित पालकों ने 30 अक्टूबर को कलेक्टोरेट में ज्ञापन सौंपकर 15 नवंबर तक शिक्षक नियुक्ति करने का अल्टीमेटम दिया था। शिक्षक नहीं मिलने पर 16 नवंबर को तालाबंदी कर आंदोलन किया।
तालाबंदी प्रदर्शन के दौरान भवानी यादव, डीहूराम साहू, कविता यादव, झमिता सिन्हा, हेमकुमारी चौहान, ईश्वरी साहू, पार्वती यादव, सुशीला सिन्हा, कुमारी यादव, दिलीप सिन्हा, मंशा साहू, पोखन साहू, वैष्णवशरण साहू, मुकेश साहू, धनेश बंदे, कुमू पटेल, सोहन साहू, चंद्रकुमार निर्मलकर सहित अन्य लोग मौजूद थे।
गुरुवार को शासकीय कन्या उमावि मगरलोड के सामने छात्राएं और पालक एकत्रित हुए। जनभागीदारी समिति के सदस्यों और पालकों ने स्कूल के मेन गेट में ताला जड़ दिया। छात्राओं ने जमकर नारेबाजी की। सुरक्षा के लिए स्कूल में पुलिस भी पहुंच गई।
आंदोलन को देखते हुए प्रशासन ने स्कूल में तत्काल गणित विषय के एक शिक्षक की पदस्थापना करते हुए अन्य शिक्षकों की नियुक्ति आगे करने का आश्वासन दिया। इसके बाद जनभागीदारी समिति के सदस्यों व पालकों ने तालाबंदी का निर्णय वापस ले लिया।
इस स्कूल में शिक्षकों के 11 पद स्वीकृत है। वर्तमान में 4 शिक्षक ही कार्यरत हैं। गणित, अंग्रेजी, जीव विज्ञान, राजनीति, इतिहास, भूगोल, भौतिक शास्त्र विषय के शिक्षक नहीं है। लिपिक का एक पद भी रिक्त है। शिक्षक कमी के चलते यहां की पढ़ाई प्रभावित है।
शिक्षक न होने से विज्ञान एवं कामर्स संकाय को बंद कर मात्र कला संकाय का संचालन किया जा रहा है। इस स्थिति के चलते यहां पढाई करने वाली छात्राओं को मजबूरी में कला संकाय में पढ़ाई करनी पड़ रही है या दूसरे स्कूलों में जाना पड़ रहा है।
कई बार जनभागीदारी समिति के सदस्यों और पालकों ने विद्यालय में शिक्षक भर्ती के लिए लगातार शासन-प्रशासन का दरवाजा खटखटाया। लेकिन मांग पर कोई ध्यान नही दिया गया।
इससे आक्रोशित पालकों ने 30 अक्टूबर को कलेक्टोरेट में ज्ञापन सौंपकर 15 नवंबर तक शिक्षक नियुक्ति करने का अल्टीमेटम दिया था। शिक्षक नहीं मिलने पर 16 नवंबर को तालाबंदी कर आंदोलन किया।
तालाबंदी प्रदर्शन के दौरान भवानी यादव, डीहूराम साहू, कविता यादव, झमिता सिन्हा, हेमकुमारी चौहान, ईश्वरी साहू, पार्वती यादव, सुशीला सिन्हा, कुमारी यादव, दिलीप सिन्हा, मंशा साहू, पोखन साहू, वैष्णवशरण साहू, मुकेश साहू, धनेश बंदे, कुमू पटेल, सोहन साहू, चंद्रकुमार निर्मलकर सहित अन्य लोग मौजूद थे।