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सरकार-शिक्षाकर्मी दोनों अड़े, वार्ता विफल, आज निकालेंगे सपरिवार रैली

रायपुर.सरकार और शिक्षाकर्मियों की शुक्रवार को बातचीत बेनतीजा रही। शुक्रवार को पंचायत विभाग के एसीएस आरपी मंडल के नेतृत्व में सहमति के लिए बुलाई गई बैठक में अफसरों ने साफ कर दिया कि संविलियन समेत अन्य मांगों पर मुख्य सचिव के नेतृत्व में बनी हाईपावर कमेटी विचार करेगी। कमेटी 3 माह में रिपोर्ट देगी, उसके बाद ही कोई फैसला होगा।

शिक्षाकर्मी संविलियन की मांग के संबंध में कमेटी से चर्चा के लिए तैयार भी हो गए लेकिन अन्य मांगें न माने जाने पर उन्होंने आंदोलन तेज करने की बात कही। दोनों पक्षों की चर्चा मंत्रालय में हुई। इसमें सरकार की तरफ से एसीएस आरपी मंडल, डायरेक्टर पंचायत तारण सिन्हा और उप संचालक बीएन मिश्रा और शिक्षाकर्मियों के 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में शिक्षक पंचायत नगरीय निकाय मोर्चा के प्रांतीय संचालक वीरेंद्र दुबे, केदार जैन और संजय शर्मा समेत अन्य नेता शामिल थे।
बैठक में मंडल ने 19 नवंबर को सरकार की तरफ से दिए गए प्रस्ताव को दोहराया और शिक्षाकर्मियों से कहा कि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है, इसलिए स्कूल लौट जाएं। इस पर शिक्षक पंचायत के प्रदेश संचालक वीरेंद्र दुबे ने 19 नवंबर को शिक्षाकर्मियों से सरकार के सामने 9 मांगें रखी गई थीं। तत्कालीन एसीएस पंचायत एमके राउत ने संविलयन को छोड़कर अन्य सभी पर सहमति की बात करते हुए मुख्यमंत्री से मिलवाया। उम्मीद थी पक्ष में कोई घोषणा होगी, लेकिन सरकार ने सीएस के नेतृत्व में कमेटी बनाकर विचार करने का ऐलान कर दिया। संविलियन पर तकनीकी दिक्कत हो सकती है, लेकिन 7वें वेतनमान, काटे गए भत्ते, गेच्युटी और क्रमोन्नत वेतनमान और स्थानांतरण जैसे मुद्दों पर तो फैसला लिया ही जा सकता था।
आज ही पदभार संभाला, 103 डिग्री बुखार है, फिर भी आपसे चर्चा करने आया हूं
आरपी मंडल: आज ही मैंने शिक्षा विभाग का पदभार संभाला है। 103 डिग्री बुखार है, फिर भी मैंने आपसे चर्चा करने का फैसला किया। आप सरकार पर भरोसा रखें। आपकी समस्याओं के समाधान के लिए हाईपावर कमेटी गठित की जा रही है। फैसला आप लोगों के पक्ष में ही आएगा।
- शिक्षाकर्मी: हमारी बाकी 7 मांगें पूरा करने की घोषणा कर दीजिए। संविलियन की मांग के संबंध में हम हाईपावर कमेटी की रिपोर्ट का इंतजार कर लेंगे।
- आरपी मंडल: फैसले के लिए पंचायत, शिक्षा, वित्त और सामान्य प्रशासन विभाग की पूरी टीम को बैठना होगा। उसके बाद ही कोई घोषणा की जा सकेगी।
इसके बाद शिक्षाकर्मियों के प्रतिनिधियों द्वारा कई तर्क दिए गए। लेकिन मंडल फैसला हाईपावर कमेटी द्वारा लिए जाने की बात कहते रहे। तब शिक्षाकर्मियों ने कहा- फिर आंदोलन भी नहीं खत्म नहीं हो सकता... और बैठक खत्म हो गई।
रैली को अनुमति नहीं, शिक्षाकर्मी बोले- कई को जबरन रोका, हर हाल में निकालेंगे
बैठक बेनतीजा रहने के बाद शिक्षाकर्मियों ने शनिवार को प्रस्तावित रैली में 1 लाख से अधिक शिक्षाकर्मियों के जुटने की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राजधानी में होने वाली इस रैली में कर्मी सपरिवार शामिल होंगे, कई जगह कर्मियों को पुलिस आने से रोक रही है। दूसरी ओर प्रशासन ने रैली को अनुमति नहीं दी है। शिक्षाकर्मियों के नेता वीरेंद्र दुबे ने कहा कि शांतिपूर्ण रैली रोकना तानाशाही है। हमारे लोग रैली के लिए प्रदेश के अलग-अलग कोनों से निकल चुके हैं। रैली तो हर हाल में निकाली जाएगी।
हड़ताल से हल नहीं निकलेगा
किसी भी समस्या का हल एक दिन में नहीं निकलता। मैं पहले दिन से कह रहा हूं 7वें वेतनमान पर विचार किया जाएगा। अन्य मांगों पर कमेटी बनाकर विचार किया जाएगा। जिन बातों को आज शिक्षाकर्मी नहीं मान रहे, कल बात करने के लिए वे इन्हीं मुद्दों पर आएंगे। हड़ताल से कोई हल नहीं निकलेगा, अपनी ऊर्जा पढ़ाने में लगाएं।’’-डॉ. रमन सिंह, मुख्यमंत्री

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