रायपुर. छत्तीसगढ़ में एक के बाद एक
शर्मसार करने वाली खबर आ रही है। बावजूद आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई
नहीं कर रही है।रायगढ़ में ऐसा मामला सामने आया है जहां एक शिक्षक की करतूत
ने शर्मसार कर दिया। आरोपी शिक्षक स्कूल में बच्चिायों के साथ न सिर्फ गंदी
हरकत करता बल्कि विरोध करने पर...
यह मामला धरमजयगढ़ विकास खंड के ठाकुरपोड़ी गांव के हाई स्कूल की है। विद्यार्थियों का आरोप है कि स्कूल के प्राचार्य बीएस पैकरा के लिए अलग से बाथरूम है, लेकिन वह बालिकाओं के लिए बने बाथरूम का उपयोग करता है। इतना ही नहीं बालिकाएं जब स्कूल के बाथरूम का उपयोग करने जाती हैं तो प्राचार्य बाथरूम के बाहर खड़े होकर ताकझांक करता है।
कई बार तो वह बाथरूम के अंदर तक चला गया था। इससे छात्राएं बाथरूम तक जाने से डरने लगी हैं। जो छात्राएं इसका विरोध करने की बात कहती है उन्हें परेशान किया जाता है, यहां तक कि बालिकाओं की तबियत खराब होने पर उन्हें स्कूल से छुट्टी भी नहीं दी जाती। इस मनमानी के चलते छात्र-छात्राओं ने शुक्रवार सुबह 10 बजे स्कूल पहुंचकर वहां मुख्य गेट पर ताला लगा दिया और स्कूल के बाहर हाथों में तख्ती लेकर प्राचार्य हटाओं का नारा लगाने लगे।
जब स्कूल के स्टाफ पहुंचे तो विद्यार्थियों ने उन्हें भी स्कूल के अंदर जाने नहीं दिया। इतना गंभीर मामला होने के बाद भी ब्लाक शिक्षा अधिकारी इस मामले में कुछ भी न कर पाने की बात कह रहे हैं। शायद जिला प्रशासन और डीईओ सभी को स्कूल में किसी बड़ी अनहोनी का इंताजर है और उसी के बाद वह जागेंगे।
प्राचार्य की इस मनमानी के खिलाफ कलक्टर से शिकायत की जा चुकी है, इसके बाद भी कलेक्टर के पास इतने गंभीर विषय पर जांच करने तक का समय नहीं है। जब कलेक्टर ने समस्या पर ध्यान नहीं दिया तो मुख्यमंत्री के पास भी शिकायत की गई, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। विद्यार्थियों का आरोप है कि शायद शासन प्रशासन को स्कूल में कोई बड़ी अनहोनी का इंतजार है।
निर्धारित दर से अधिक फीस लेने का आरोप
छात्रों ने यह भी आरोप लगाया कि स्कूल में एडमिशन के लिए ५२० रुपए फीस निर्धारित है, लेकिन प्राचार्य विद्यार्थियों से ७०० रुपए ले रहा है और रसीद भी नहीं दी जा रही है।
बच्चों से फड़वाया गया महापुरुषों का पोस्टर
विद्यार्थियों ने बताया कि कुछ समय पहले प्राचार्य ने स्कूल में लगे महात्मा गांधी, भीमराव अंबेडर, सुभाष चंद्र बोस, स्वामी विवेका नंद, चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह जैसे कई अन्य महापुरुषों के पोस्टर को आचार संहिता लगने का तर्क देते हुए फड़वा दिया है।
यह मामला धरमजयगढ़ विकास खंड के ठाकुरपोड़ी गांव के हाई स्कूल की है। विद्यार्थियों का आरोप है कि स्कूल के प्राचार्य बीएस पैकरा के लिए अलग से बाथरूम है, लेकिन वह बालिकाओं के लिए बने बाथरूम का उपयोग करता है। इतना ही नहीं बालिकाएं जब स्कूल के बाथरूम का उपयोग करने जाती हैं तो प्राचार्य बाथरूम के बाहर खड़े होकर ताकझांक करता है।
कई बार तो वह बाथरूम के अंदर तक चला गया था। इससे छात्राएं बाथरूम तक जाने से डरने लगी हैं। जो छात्राएं इसका विरोध करने की बात कहती है उन्हें परेशान किया जाता है, यहां तक कि बालिकाओं की तबियत खराब होने पर उन्हें स्कूल से छुट्टी भी नहीं दी जाती। इस मनमानी के चलते छात्र-छात्राओं ने शुक्रवार सुबह 10 बजे स्कूल पहुंचकर वहां मुख्य गेट पर ताला लगा दिया और स्कूल के बाहर हाथों में तख्ती लेकर प्राचार्य हटाओं का नारा लगाने लगे।
जब स्कूल के स्टाफ पहुंचे तो विद्यार्थियों ने उन्हें भी स्कूल के अंदर जाने नहीं दिया। इतना गंभीर मामला होने के बाद भी ब्लाक शिक्षा अधिकारी इस मामले में कुछ भी न कर पाने की बात कह रहे हैं। शायद जिला प्रशासन और डीईओ सभी को स्कूल में किसी बड़ी अनहोनी का इंताजर है और उसी के बाद वह जागेंगे।
प्राचार्य की इस मनमानी के खिलाफ कलक्टर से शिकायत की जा चुकी है, इसके बाद भी कलेक्टर के पास इतने गंभीर विषय पर जांच करने तक का समय नहीं है। जब कलेक्टर ने समस्या पर ध्यान नहीं दिया तो मुख्यमंत्री के पास भी शिकायत की गई, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। विद्यार्थियों का आरोप है कि शायद शासन प्रशासन को स्कूल में कोई बड़ी अनहोनी का इंतजार है।
निर्धारित दर से अधिक फीस लेने का आरोप
छात्रों ने यह भी आरोप लगाया कि स्कूल में एडमिशन के लिए ५२० रुपए फीस निर्धारित है, लेकिन प्राचार्य विद्यार्थियों से ७०० रुपए ले रहा है और रसीद भी नहीं दी जा रही है।
बच्चों से फड़वाया गया महापुरुषों का पोस्टर
विद्यार्थियों ने बताया कि कुछ समय पहले प्राचार्य ने स्कूल में लगे महात्मा गांधी, भीमराव अंबेडर, सुभाष चंद्र बोस, स्वामी विवेका नंद, चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह जैसे कई अन्य महापुरुषों के पोस्टर को आचार संहिता लगने का तर्क देते हुए फड़वा दिया है।