जिले के निजी स्कूलों में शिक्षा में गुणवत्ता वृद्धि, विद्यार्थियों के
हित तथा शासकीय योजनाओं के अमल की स्थिति की समीक्षा करने कलेक्टर डाॅ.
सीआर प्रसन्ना ने प्राचार्यों की बैठक ली। इस दौरान उन्होंने सख्त हिदायत दी कि निजी स्कूलों में उतनी ही फीस ली
जाए, जितनी सुविधाएं दी जा रही है। नूतन उच्चतर माध्यमिक शाला में दोपहर 1
बजे आयोजित बैठक में कलेक्टर ने सभी निजी स्कूलों के प्राचार्यों से साफ
तौर पर कहा कि वे विद्यार्थियों से उतनी ही फीस लें, जितनी सुविधाएं उपलब्ध
कराई जा रही हैं। किसी भी सूरत में कैपिटेशन फीस न ली जाए, न ही फीस का
इस्तेमाल कैपिटल बिल्डिंग के लिए किया जाए।
सभी स्कूलों को न लाभ, न हानि के सिद्धांत पर काम करने पर विशेष बल दिया गया। कलेक्टर ने यह भी कहा कि जिन विद्यार्थियों को उच्चतर माध्यमिक कक्षाओं में छात्रवृत्ति दी जाती है, अगर किसी वजह से उनका छात्रवृत्ति का प्रकरण लंबित है और विद्यार्थी स्कूल छोड़ महाविद्यालय जा चुके हैं, तो स्कूल उनका फालोअप सुनिश्चित करें। डीईओ एसएन पंडा ने सभी निजी स्कूलों को लागू फीस का अनुमोदन उनसे एक सप्ताह के भीतर कराने के निर्देश भी दिए। साथ ही आय-व्यय का विवरण 21 जुलाई तक जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में उपलब्ध कराने कहा।
अनुपस्थित प्राचार्यों पर होगी कार्रवाई
कलेक्टर ने प्राचार्यों को आश्वस्त किया कि वे किसी भी प्रकार की दिक्कत होने पर प्रशासन के समक्ष अपनी बात रख सकते हैं, ताकि उनका जल्द से जल्द निराकरण किया जा सके। बैठक में जिन निजी स्कूल के प्राचार्य अनुपस्थित थे, उन पर उचित कार्रवाई करने के निर्देश कलेक्टर ने डीईओ को दिए। बैठक में जिले के लगभग 200 निजी स्कूलों के प्राचार्य व शिक्षा विभाग के अधिकारी मौजूद थे।
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सभी स्कूलों को न लाभ, न हानि के सिद्धांत पर काम करने पर विशेष बल दिया गया। कलेक्टर ने यह भी कहा कि जिन विद्यार्थियों को उच्चतर माध्यमिक कक्षाओं में छात्रवृत्ति दी जाती है, अगर किसी वजह से उनका छात्रवृत्ति का प्रकरण लंबित है और विद्यार्थी स्कूल छोड़ महाविद्यालय जा चुके हैं, तो स्कूल उनका फालोअप सुनिश्चित करें। डीईओ एसएन पंडा ने सभी निजी स्कूलों को लागू फीस का अनुमोदन उनसे एक सप्ताह के भीतर कराने के निर्देश भी दिए। साथ ही आय-व्यय का विवरण 21 जुलाई तक जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में उपलब्ध कराने कहा।
अनुपस्थित प्राचार्यों पर होगी कार्रवाई
कलेक्टर ने प्राचार्यों को आश्वस्त किया कि वे किसी भी प्रकार की दिक्कत होने पर प्रशासन के समक्ष अपनी बात रख सकते हैं, ताकि उनका जल्द से जल्द निराकरण किया जा सके। बैठक में जिन निजी स्कूल के प्राचार्य अनुपस्थित थे, उन पर उचित कार्रवाई करने के निर्देश कलेक्टर ने डीईओ को दिए। बैठक में जिले के लगभग 200 निजी स्कूलों के प्राचार्य व शिक्षा विभाग के अधिकारी मौजूद थे।
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