छत्तीसगढ़ के जांजगीर शिक्षा विभाग की लापरवाही और उदासीनता का खामियाजा छात्रों के साथ-साथ यहां के शिक्षकों को भी भुगतना पड़ रहा है. इससे जहां छात्र परेशान हैं, वहीं शिक्षकों का सिरदर्द भी बढ़ गया है.
दरअसल, छत्तीसगढ़ शिक्षा विभाग निःशुल्क किताबों को यहां अब तक वितरित नहीं कर पाया है. शिक्षा विभाग द्वारा कछुआ चाल से किताबें वितरित करने से छात्रों को एक शिक्षा सत्र में दो अलग-अलग किताबों से पढ़ाई करनी पड़ रही है. चालू सत्र के अंतिम समय में किताबों के बदलने छात्रों को तो परेशानी हो ही रही है, साथ ही शिक्षकों को भी एक सत्र में दो अलग-अलग किताबों को पढ़ाना पड़ रहा है.
चालू सत्र के अंतिम समय पर किताबें बदलने से छात्रों के साथ शिक्षक भी परेशान हैं. वहीं जिला शिक्षा अधिकारी जी.पी. भास्कर समय पर किताबों के वितरण करने की बात कहते हुए देर से पुस्तक बांटने के मामले को बेबुनियाद बता रहे हैं.
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दरअसल, छत्तीसगढ़ शिक्षा विभाग निःशुल्क किताबों को यहां अब तक वितरित नहीं कर पाया है. शिक्षा विभाग द्वारा कछुआ चाल से किताबें वितरित करने से छात्रों को एक शिक्षा सत्र में दो अलग-अलग किताबों से पढ़ाई करनी पड़ रही है. चालू सत्र के अंतिम समय में किताबों के बदलने छात्रों को तो परेशानी हो ही रही है, साथ ही शिक्षकों को भी एक सत्र में दो अलग-अलग किताबों को पढ़ाना पड़ रहा है.
चालू सत्र के अंतिम समय पर किताबें बदलने से छात्रों के साथ शिक्षक भी परेशान हैं. वहीं जिला शिक्षा अधिकारी जी.पी. भास्कर समय पर किताबों के वितरण करने की बात कहते हुए देर से पुस्तक बांटने के मामले को बेबुनियाद बता रहे हैं.