बिलासपुर। नईदुनिया न्यूज आर्थिक अनियमितता और कर्तव्य में
लापरवाही बरतने पर जिला पंचायत सीईओ ने गौरेला ब्लॉक के दो शिक्षक पंचायत व
प्रभारी आश्रम अधीक्षक को सस्पेंड कर दिया है। दोनों के खिलाफ विभागीय
जांच भी चलेगी। जांच होने तक शिक्षाकर्मियों को जिला पंचायत अटैच किया गया
है।
गौरेला ब्लॉक के अंतर्गत शासकीय पूर्व माध्यमिक स्कूल आमाडोब में पदस्थ शिक्षक पंचायत संजीव कुमार कुर्रे को सवाडबरा स्थित आश्रम अधीक्षक के प्रभारी के रूप में जिम्मेदारी दी गई थी। इसी तरह शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला बेहगोहनी में पदस्थ शिक्षक पंचायत सुशील कुमार घृतलहरे को भी आमाडोब आश्रम के अधीक्षक की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। पिछले दिनों आदिवासी विभाग की ओर से नियमित अधीक्षक के पद पर भर्ती होने के बाद इन आश्रमों में इनकी नियुक्ति की गई है। वहीं प्रभारी अधीक्षकों को उनके मूल स्कूल के लिए रिलीव कर दिया गया। इसके बाद से ही दोनों शिक्षक पंचायत स्कूल नहीं जा रहे हैं। इसके अलावा दोनों शिक्षाकर्मियों पर आर्थिक अनियमितता का आरोप है। इसकी शिकायत जिला पंचायत पहुंचने पर सीईओ जेपी मौर्य ने जांच बिठाई। इस दौरान मामला सही पाए जाने पर सीईओ श्री मौर्य ने दोनों शिक्षाकर्मी को निलंबित कर दिया है। साथ ही दोनों के खिलाफ विभागीय जांच का भी आदेश जारी कर दिया गया है। सहायक परियोजना अधिकारी डीपी लहरे को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है। जांच होने तक दोनों का मुख्यालय जिला पंचायत रहेगा।
औचक जांच में मिली थी गड़बड़ी
कुछ माह पहले पेंड्रा एसडीएम ने आमाडोब और सावाडबरा आश्रमों का औचक निरीक्षण किया था। इस दौरान दोनों जगहों पर आर्थिक अनियमितता की शिकायत मिली थी। इसके अलावा दोनों शिक्षाकर्मी मौके से नदारद थे। इसकी शिकायत आदिवासी विभाग से की गई थी।
आर्थिक अनियमितता और कर्तव्य में लापरवाही बरतने पर गौरेला में पदस्थ दो शिक्षाकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही विभागीय जांच का भी आदेश जारी किया गया है।
जेपी मौर्य
सीईओ जिला पंचायत
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गौरेला ब्लॉक के अंतर्गत शासकीय पूर्व माध्यमिक स्कूल आमाडोब में पदस्थ शिक्षक पंचायत संजीव कुमार कुर्रे को सवाडबरा स्थित आश्रम अधीक्षक के प्रभारी के रूप में जिम्मेदारी दी गई थी। इसी तरह शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला बेहगोहनी में पदस्थ शिक्षक पंचायत सुशील कुमार घृतलहरे को भी आमाडोब आश्रम के अधीक्षक की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। पिछले दिनों आदिवासी विभाग की ओर से नियमित अधीक्षक के पद पर भर्ती होने के बाद इन आश्रमों में इनकी नियुक्ति की गई है। वहीं प्रभारी अधीक्षकों को उनके मूल स्कूल के लिए रिलीव कर दिया गया। इसके बाद से ही दोनों शिक्षक पंचायत स्कूल नहीं जा रहे हैं। इसके अलावा दोनों शिक्षाकर्मियों पर आर्थिक अनियमितता का आरोप है। इसकी शिकायत जिला पंचायत पहुंचने पर सीईओ जेपी मौर्य ने जांच बिठाई। इस दौरान मामला सही पाए जाने पर सीईओ श्री मौर्य ने दोनों शिक्षाकर्मी को निलंबित कर दिया है। साथ ही दोनों के खिलाफ विभागीय जांच का भी आदेश जारी कर दिया गया है। सहायक परियोजना अधिकारी डीपी लहरे को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है। जांच होने तक दोनों का मुख्यालय जिला पंचायत रहेगा।
औचक जांच में मिली थी गड़बड़ी
कुछ माह पहले पेंड्रा एसडीएम ने आमाडोब और सावाडबरा आश्रमों का औचक निरीक्षण किया था। इस दौरान दोनों जगहों पर आर्थिक अनियमितता की शिकायत मिली थी। इसके अलावा दोनों शिक्षाकर्मी मौके से नदारद थे। इसकी शिकायत आदिवासी विभाग से की गई थी।
आर्थिक अनियमितता और कर्तव्य में लापरवाही बरतने पर गौरेला में पदस्थ दो शिक्षाकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही विभागीय जांच का भी आदेश जारी किया गया है।
जेपी मौर्य
सीईओ जिला पंचायत
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