राजनांदगांव। ब्यूरो फर्जी मार्कशीट के सहारे सरकारी नौकरी की चाह रखने
वाले रामानुजगंज निवासी 24 वर्षीय सद्दाम मंसूरी पिता जमरुद्दीन मंसूरी को
पुलिस ने जेल भेज दिया है।
आरोपी सद्दाम झारखंड के गढवा जिले के स्कूल के प्रभारी शिक्षक राजनारायण पिता लाल साहेब गुप्ता को 5 हजार रुपए देकर कक्षा आठवी में 97 प्रतिशत का फर्जी मार्कशीट बनवा लिया और सरकारी विभागों में निकलने वाले पदों में आवेदन करता रहा। जिला कार्यालय में चतुर्थ श्रेणी भृत्य पद के सीधी भर्ती के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए थे। आवेदनों की छंटनी के दौरान परीक्षकों को आवेदक सद्दाम मंसूरी का आवेदन फर्जी लगा। जिसका सत्यापन कराया गया, जो फर्जी साबित हुआ। इसके बाद पुलिस ने आवेदक सद्दाम के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला पंजीबद्घ कर विवेचना में ले लिया। जांच के दौरान कुटरचित अंकसूची का फिर से परीक्षण कराकर आरोपी की तलाश जारी की गई। आरोपी की तलाश में कोतवाली पुलिस की टीम रामानुजगंज पहुंची। जहां काफी छानबीन करने के बाद आरोपी सद्दाम को गिरफ्तार किया गया।
कड़ी पूछताछ के बाद खोला राज
पुलिस ने आरोपी से कड़ाई से पूछताछ की। पूछताछ के दौरान आरोपी ने कई राज खोले। आरोपी की प्रारंभिक शिक्षा रामानुजगंज में ही हुई है। लेकिन सभी परीक्षा में वहां तृतीय श्रेणी से उर्त्तीण रहा। तृतीय श्रेणी में पास होने के बाद सरकारी नौकरी लगने प्रयास करने लगा। जहां उसे हर जगह असफलता ही मिली। लगातार मिल रही असफलता से नाखुश आरोपी अपने मामा गांव के झारखंड गढवा जिले के प्रभारी शिक्षक राजनारायण गुप्ता उर्फ राजन से संर्पक किया। राजन ने सद्दाम से 5 हजार रुपए लेकर कक्षा आठवीं में 97 प्रतिशत अंकों का फर्जी मार्कशीट बनाकर दे दिया। मार्कशीट बनने के बाद आरोपी सद्दाम ने इसका उपयोग जिला कार्यालय में भृत्य पद के लिए निकले विज्ञापन में आवेदन किया था। पुलिस ने आरोपी शिक्षक राजकुमार उर्फ राजन पिता लाल साहेब गुप्ता को झारखंड के ग्राम कुसवार और सद्दाम पिता जमरूद्दीन मंसूरी को रामानुजगंज से गिरप्तार किया। आरोपी शिक्षक के पास से फर्जी अंकसूची बनाने में प्रयुक्त सील व सद्दाम के असली अंकसूची साक्ष्य के तौर पर पुलिस ने जप्त कर लिया है। दोनों आरोपी के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471 व 34 के तहत जुर्म पंजीबद्घ कर जेल भेज दिया है।
आरोपी सद्दाम झारखंड के गढवा जिले के स्कूल के प्रभारी शिक्षक राजनारायण पिता लाल साहेब गुप्ता को 5 हजार रुपए देकर कक्षा आठवी में 97 प्रतिशत का फर्जी मार्कशीट बनवा लिया और सरकारी विभागों में निकलने वाले पदों में आवेदन करता रहा। जिला कार्यालय में चतुर्थ श्रेणी भृत्य पद के सीधी भर्ती के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए थे। आवेदनों की छंटनी के दौरान परीक्षकों को आवेदक सद्दाम मंसूरी का आवेदन फर्जी लगा। जिसका सत्यापन कराया गया, जो फर्जी साबित हुआ। इसके बाद पुलिस ने आवेदक सद्दाम के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला पंजीबद्घ कर विवेचना में ले लिया। जांच के दौरान कुटरचित अंकसूची का फिर से परीक्षण कराकर आरोपी की तलाश जारी की गई। आरोपी की तलाश में कोतवाली पुलिस की टीम रामानुजगंज पहुंची। जहां काफी छानबीन करने के बाद आरोपी सद्दाम को गिरफ्तार किया गया।
कड़ी पूछताछ के बाद खोला राज
पुलिस ने आरोपी से कड़ाई से पूछताछ की। पूछताछ के दौरान आरोपी ने कई राज खोले। आरोपी की प्रारंभिक शिक्षा रामानुजगंज में ही हुई है। लेकिन सभी परीक्षा में वहां तृतीय श्रेणी से उर्त्तीण रहा। तृतीय श्रेणी में पास होने के बाद सरकारी नौकरी लगने प्रयास करने लगा। जहां उसे हर जगह असफलता ही मिली। लगातार मिल रही असफलता से नाखुश आरोपी अपने मामा गांव के झारखंड गढवा जिले के प्रभारी शिक्षक राजनारायण गुप्ता उर्फ राजन से संर्पक किया। राजन ने सद्दाम से 5 हजार रुपए लेकर कक्षा आठवीं में 97 प्रतिशत अंकों का फर्जी मार्कशीट बनाकर दे दिया। मार्कशीट बनने के बाद आरोपी सद्दाम ने इसका उपयोग जिला कार्यालय में भृत्य पद के लिए निकले विज्ञापन में आवेदन किया था। पुलिस ने आरोपी शिक्षक राजकुमार उर्फ राजन पिता लाल साहेब गुप्ता को झारखंड के ग्राम कुसवार और सद्दाम पिता जमरूद्दीन मंसूरी को रामानुजगंज से गिरप्तार किया। आरोपी शिक्षक के पास से फर्जी अंकसूची बनाने में प्रयुक्त सील व सद्दाम के असली अंकसूची साक्ष्य के तौर पर पुलिस ने जप्त कर लिया है। दोनों आरोपी के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471 व 34 के तहत जुर्म पंजीबद्घ कर जेल भेज दिया है।