दुर्ग। ब्यूरो शिक्षा विभाग के पास शिक्षकों को पदोन्नति देने
खाली पद नहीं है और जब पदोन्नति दी तो वे गए नहीं। पैसे नहीं बढ़ते इसलिए
पदोन्नत शिक्षकों ने उच्च पदों पर जाने इनकार कर दिए। 19 सहायक शिक्षकों
में से केवल 7 शिक्षकों ने ही पदोन्नति ली है।
जिला शिक्षा विभाग ने 19 सहायक शिक्षकों को उच्च वर्ग शिक्षक के पद पर पदोन्नत किया है। 10 दिनों के भीतर इन शिक्षकों को अपने पदोन्नत पद पर ज्वाइन करने के आदेश दिए गए थे। विभाग ने जब ज्वाइनिंग करने वाले शिक्षकों की रिपोर्ट मांगी तो यह खुलासा हुआ कि 12 शिक्षकों ने उच्च वर्ग पद पर जाने से इनकार कर दिया है और इसकी वजह है कि जिस पद पर वर्तमान में कार्यरत है पदोन्नत पद पर भी उतना ही पैसा मिलता है।
इन शिक्षकों ने छोड़ी पदोन्नति
पदोन्नति देने के बाद इन शिक्षकों ने उच्च वर्ग का पद छोड़ दिया। इनमें प्राथमिक शाला नयापारा में पदस्थ शिक्षिका विनोदिनी श्रीवास्तव, प्राथमिक शाला कातुलबोड़ की भोजेश्वरी साहू, प्राथमिक शाला कैलाशनगर के इंद्रावती शर्मा, प्राथमिक शाला कन्या क्रमांक 1 के राजश्री अग्रवाल, पोटियाकला के सरला दीवान, सुपेला के उषा बाघमारे, आमापेंड्री के लतमारसिंह ठाकुर, मालवीय नगर के जिवन्ती किस्पोटटा शामिल है। हिन्दी व संस्कृत पद में केलाबाड़ी की कुंजलता साहू, शक्तिनगर के शचि ठाकुर, पदमनाभपुर के सुभाषिणी श्रीवास्तव, पद्मनाभपुर के इंदिरा ठाकुर, कैलाशनगर के धन्नूलाल ठाकुर शामिल हैं।
अंग्रेजी के एक पद पर प्रमोशन, नहीं गए
शिक्षा विभाग के पास अंग्रेजी विषय का एकमात्र पद खाली था। इसमें प्राथमिक शाला चरोदा के अबु जफर खान को पदोन्नति दी गई थी, लेकिन वे भी नहीं गए।
19 पद थे खाली 80 ने की दावेदारी
विभाग के पास समस्या यह थी कि पदोन्नति के 19 पद खाली थे और 80 शिक्षक दावेदार थे। खास बात यह है कि विभाग ने चार साल बाद सहायक शिक्षकों को पदोन्नति दी थी। उसके बाद शिक्षकों ने पदोन्नति नहीं ली।
इस तरह वेतनमान ले रहे शिक्षक
सहायक शिक्षकों का वेतन 4 हजार से 5 हजार रुपए है। 12 साल में इन्हें पदोन्नति देनी है। वर्तमान में 5 हजार से 8 हजार रुपए मिल रहा है। उच्च वर्ग पद पर जाने पर क्रमोन्नत वेतनमान के बराबर 5 हजार से 8 हजार ही मिलेगा।
'सहायक शिक्षकों को वर्तमान में क्रमोन्नत वेतनमान मिल रहा है। उच्च वर्ग पर जाते तो भी यही वेतनमान मिलता। पैसे नहीं पद का लाभ मिलता।'
-आशुतोष चावरे, जिला शिक्षा अधिकारी
जिला शिक्षा विभाग ने 19 सहायक शिक्षकों को उच्च वर्ग शिक्षक के पद पर पदोन्नत किया है। 10 दिनों के भीतर इन शिक्षकों को अपने पदोन्नत पद पर ज्वाइन करने के आदेश दिए गए थे। विभाग ने जब ज्वाइनिंग करने वाले शिक्षकों की रिपोर्ट मांगी तो यह खुलासा हुआ कि 12 शिक्षकों ने उच्च वर्ग पद पर जाने से इनकार कर दिया है और इसकी वजह है कि जिस पद पर वर्तमान में कार्यरत है पदोन्नत पद पर भी उतना ही पैसा मिलता है।
इन शिक्षकों ने छोड़ी पदोन्नति
पदोन्नति देने के बाद इन शिक्षकों ने उच्च वर्ग का पद छोड़ दिया। इनमें प्राथमिक शाला नयापारा में पदस्थ शिक्षिका विनोदिनी श्रीवास्तव, प्राथमिक शाला कातुलबोड़ की भोजेश्वरी साहू, प्राथमिक शाला कैलाशनगर के इंद्रावती शर्मा, प्राथमिक शाला कन्या क्रमांक 1 के राजश्री अग्रवाल, पोटियाकला के सरला दीवान, सुपेला के उषा बाघमारे, आमापेंड्री के लतमारसिंह ठाकुर, मालवीय नगर के जिवन्ती किस्पोटटा शामिल है। हिन्दी व संस्कृत पद में केलाबाड़ी की कुंजलता साहू, शक्तिनगर के शचि ठाकुर, पदमनाभपुर के सुभाषिणी श्रीवास्तव, पद्मनाभपुर के इंदिरा ठाकुर, कैलाशनगर के धन्नूलाल ठाकुर शामिल हैं।
अंग्रेजी के एक पद पर प्रमोशन, नहीं गए
शिक्षा विभाग के पास अंग्रेजी विषय का एकमात्र पद खाली था। इसमें प्राथमिक शाला चरोदा के अबु जफर खान को पदोन्नति दी गई थी, लेकिन वे भी नहीं गए।
19 पद थे खाली 80 ने की दावेदारी
विभाग के पास समस्या यह थी कि पदोन्नति के 19 पद खाली थे और 80 शिक्षक दावेदार थे। खास बात यह है कि विभाग ने चार साल बाद सहायक शिक्षकों को पदोन्नति दी थी। उसके बाद शिक्षकों ने पदोन्नति नहीं ली।
इस तरह वेतनमान ले रहे शिक्षक
सहायक शिक्षकों का वेतन 4 हजार से 5 हजार रुपए है। 12 साल में इन्हें पदोन्नति देनी है। वर्तमान में 5 हजार से 8 हजार रुपए मिल रहा है। उच्च वर्ग पद पर जाने पर क्रमोन्नत वेतनमान के बराबर 5 हजार से 8 हजार ही मिलेगा।
'सहायक शिक्षकों को वर्तमान में क्रमोन्नत वेतनमान मिल रहा है। उच्च वर्ग पर जाते तो भी यही वेतनमान मिलता। पैसे नहीं पद का लाभ मिलता।'
-आशुतोष चावरे, जिला शिक्षा अधिकारी