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Govt Jobs : Opening

छुट्‌टी निरस्त पर अधिकांश स्कूलों में नहीं पहुंचे बच्चे

बढ़ती गर्मी को देख कलेक्टर पी दयानंद ने आदेश जारी कर जिले के सभी शासकीय, अशासकीय व निजी स्कूलों में शिक्षण कार्य संचालन पर 15 अप्रैल से 15 जून तक रोक लगा दी थी। इसके दो दिन बाद राज्य सरकार ने स्कूलों का समय बदलने आदेश जारी कर दिया।
छुट्‌टी से बच्चे व अभिभावक राहत महसूस करने लगे थे कि बुधवार को अचानक कलेक्टर ने राज्य शासन के आदेश का पालन करने आदेश जारी कर दिया। कभी बंद कभी शुरू के इस आदेश में उलझे अभिभावकों ने गुरुवार को बच्चों को स्कूल भेजा ही नहीं।

छुट्‌टी घोषित होने से पैरेंट‌्स बच्चों को लेकर जिले के बाहर गांव भी चले गए हैं। ऐसे में कलेक्टर के दूसरे आदेश का पालन करने स्कूल प्रबंधन पशोपेश में हैं। बच्चे जब स्कूल में आएंगे ही नहीं तो शिक्षक पढ़ाएंगे किसे। इसलिए गुरुवार को स्कूलों के पट खुले जरूर नी प्राचार्य, शिक्षक व स्टाफ ही पहुंचा। यही स्थिति शहर के साथ ग्रामीण अंचल में भी देखी गई। अब गर्मी का तेवर पहले से अधिक है। ऐसे में अभिभावक चाहकर भी बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहते हैं। इसी का परिणाम गुरुवार को स्कूलों में रहा। चाहे सरकारी स्कूल हों या निजी कहीं भी बच्चों की खिलखिलाहट नहीं सुनाई दी। उधर कस्तूरबा गांधी आश्रम में वनांचल की आदिवासी छात्राओं को भी घर भेज दिया गया है।

2 पाली के बड़े बच्चे झुलसेंगे

राज्य सरकार के अनुसार जिले के वे स्कूल जो दो पाली में लगते हैं। वहां पहली पाली सुबह 7 से 9.30 बजे तो दूसरी में हाई व हायर सेकेंडरी की पढ़ाई 9.30 से 12.30 बजे तक होगी। ऐसे में वे पालक जिनके बच्चे साइकिल या किसी अन्य साधन से आना जाना करते हैं। उनके लिए तो मुसीबत ही होगी। क्योंकि उनके बच्चों को ठीक दुपहरी में घर वापस लौटना आसान नहीं होगा।

डीपीएस में नहीं लगी क्लास

डीपीएस एनटीपीसी व बालको में पूर्व में की छुट्‌टी की घोषणा से प्रबंधन स्कूल खोलने को लेकर असमंजस में है। एक अभिभावक ने बताया सुबह जब फोन पर जानकारी ली गई तो कहा 15 जून तक स्कूल बंद है। वे अपने बच्चों को 16 जून से ही भेजें। इसके पीछे बताया जा रहा है कि निजी स्कूलों में अधिकांश शिक्षक व बच्चों के पैरेंट्स छुट्‌टी पर गए हैं। ऐसे में बीच में नए आदेश का पालन मुश्किल है। 

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