धमतरी। शिक्षा विभाग भृत्य के सैकड़ों रिक्त पदों पर
भर्ती के नाम पर प्रदेशभर के बेरोजगारों के लाखों रुपए दबाकर बैठा है।
वित्त विभाग से भर्ती के लिए अनुमति नहीं मिलने की बात कहकर भर्ती
प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई है।
सालों बीतने के बाद भी विभाग बेरोजगारों का न पैसा वापस कर रहा है न ही भर्ती की जा रही है। इससे बेरोजगारों में शिक्षा विभाग के खिलाफ आक्रोश है।
चार साल पहले जिला शिक्षा विभाग वित्त विभाग की अनुमति के बिना शिक्षा विभाग में भृत्य के रिक्त 624 पदों पर भर्ती करने प्रदेशभर के बेरोजगार युवक-युवतियों से आवेदन मंगाया।
आवेदन के साथ ओबीसी व सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को 150 रुपए और अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति वर्ग के अभ्यर्थियों से 100-100 रुपए का डिमांड ड्राफ्ट मंगाया था। प्रदेशभर के 72666 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था।
सभी आवेदकों के डिमांड ड्राफ्ट से विभाग को कुल 95 लाख 36 हजार 231 रुपए प्राप्त हुए थे, जिसमें से 4 लाख 18 हजार 58 रुपए भर्ती प्रक्रिया कराने के नाम पर विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों ने खर्च कर लिया है। विभाग के बैंक खाते में बेरोजगारों का 91 लाख 18 हजार 163 रुपए जमा है।
वित्त विभाग से भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाने की जानकारी देते हुए विभाग भर्ती पर रोक लगा दिया है, लेकिन आवेदकों का डिमांड ड्राफ्ट वापस नहीं किया है, जिससे प्रदेशभर के बेरोजगारों में आक्रोश है।
आवेदकों का रुपए वापस करें विभाग
भृत्य पद के लिए आवेदन करने वाले धर्मेन्द्र कुमार साहू, यामिनी साहू, झमिता साहू, याकेश कुमार यादव, भूपेन्द्र कुमार का कहना है कि जिला शिक्षा विभाग रिक्त पदों के विरूद्घ आवेदन मंगाने के सालों बाद भी भर्ती नहीं कर रहा है।
यदि शासन ने भर्ती पर रोक लगा दिया है, तो विभाग की जवाबदारी बनती है कि आवेदकों का डिमांड ड्राफ्ट वापस करना चाहिए। लेकिन विभाग ऐसा नहीं कर रहा है। आवेदकों का लाखों रुपए दबाकर शिक्षा विभाग बैठा है। भर्ती प्रक्रिया के संबंध में पूछे जाने पर कोई संतोषप्रद जवाब नहीं दिया जाता।
ऐसे में विभाग आवेदकों का रुपए वापस करें। समय रहते यदि जिला शिक्षा विभाग आवेदकों का रुपए वापस नहीं करता है, तो मजबूरी में आवेदकों को शिक्षा विभाग के खिलाफ थाने में नौकरी के नाम पर धोखाधड़ी की शिकायत करनी पड़ेगी।
भर्ती के लिए अनुमति नहीं
भृत्य भर्ती के लिए आवेदन करने वाले आवेदकों का पैसा विभाग के खाते में जमा है। कुछ राशि भर्ती प्रक्रिया के लिए खर्च की जा चुकी है। अभी तक भर्ती के लिए वित्त विभाग से अनुमति नहीं मिली है। आवेदकों की जमा राशि लौटाने के संबंध में उच्चाधिकारियों से राय ली जाएगी। - प्रवास कुमार बघेल, जिला शिक्षा अधिकारी धमतरी
सालों बीतने के बाद भी विभाग बेरोजगारों का न पैसा वापस कर रहा है न ही भर्ती की जा रही है। इससे बेरोजगारों में शिक्षा विभाग के खिलाफ आक्रोश है।
चार साल पहले जिला शिक्षा विभाग वित्त विभाग की अनुमति के बिना शिक्षा विभाग में भृत्य के रिक्त 624 पदों पर भर्ती करने प्रदेशभर के बेरोजगार युवक-युवतियों से आवेदन मंगाया।
आवेदन के साथ ओबीसी व सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को 150 रुपए और अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति वर्ग के अभ्यर्थियों से 100-100 रुपए का डिमांड ड्राफ्ट मंगाया था। प्रदेशभर के 72666 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था।
सभी आवेदकों के डिमांड ड्राफ्ट से विभाग को कुल 95 लाख 36 हजार 231 रुपए प्राप्त हुए थे, जिसमें से 4 लाख 18 हजार 58 रुपए भर्ती प्रक्रिया कराने के नाम पर विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों ने खर्च कर लिया है। विभाग के बैंक खाते में बेरोजगारों का 91 लाख 18 हजार 163 रुपए जमा है।
वित्त विभाग से भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाने की जानकारी देते हुए विभाग भर्ती पर रोक लगा दिया है, लेकिन आवेदकों का डिमांड ड्राफ्ट वापस नहीं किया है, जिससे प्रदेशभर के बेरोजगारों में आक्रोश है।
आवेदकों का रुपए वापस करें विभाग
भृत्य पद के लिए आवेदन करने वाले धर्मेन्द्र कुमार साहू, यामिनी साहू, झमिता साहू, याकेश कुमार यादव, भूपेन्द्र कुमार का कहना है कि जिला शिक्षा विभाग रिक्त पदों के विरूद्घ आवेदन मंगाने के सालों बाद भी भर्ती नहीं कर रहा है।
यदि शासन ने भर्ती पर रोक लगा दिया है, तो विभाग की जवाबदारी बनती है कि आवेदकों का डिमांड ड्राफ्ट वापस करना चाहिए। लेकिन विभाग ऐसा नहीं कर रहा है। आवेदकों का लाखों रुपए दबाकर शिक्षा विभाग बैठा है। भर्ती प्रक्रिया के संबंध में पूछे जाने पर कोई संतोषप्रद जवाब नहीं दिया जाता।
ऐसे में विभाग आवेदकों का रुपए वापस करें। समय रहते यदि जिला शिक्षा विभाग आवेदकों का रुपए वापस नहीं करता है, तो मजबूरी में आवेदकों को शिक्षा विभाग के खिलाफ थाने में नौकरी के नाम पर धोखाधड़ी की शिकायत करनी पड़ेगी।
भर्ती के लिए अनुमति नहीं
भृत्य भर्ती के लिए आवेदन करने वाले आवेदकों का पैसा विभाग के खाते में जमा है। कुछ राशि भर्ती प्रक्रिया के लिए खर्च की जा चुकी है। अभी तक भर्ती के लिए वित्त विभाग से अनुमति नहीं मिली है। आवेदकों की जमा राशि लौटाने के संबंध में उच्चाधिकारियों से राय ली जाएगी। - प्रवास कुमार बघेल, जिला शिक्षा अधिकारी धमतरी