रायपुर। जवाहर नवोदय विद्यालय माना में कक्षा छठवीं में दाखिले के लिए
तगड़ी प्रतिस्पर्धा हुई। 80 सीटों के लिए 19 हजार विद्यार्थियों ने परीक्षा
दी थी। मेरिट लिस्ट के अनुसार 66 बच्चों ने दाखिला दे दिया गया है। बाकी
ची 14 सीटों में वेटिंग लिस्ट के अनुसार दाखिला दिया जाएगा।
राज्य में 17 नवाेदय विद्यालय हैं, लेकिन सबसे ज्यादा क्रेज माना स्थिति नवोदय विद्यालय का है। विद्यालय में कक्षा छठवीं की 80 सीटों के लिए हर साल औसतन 19-20 हजार परीक्षार्थी आवेदन करते हैं। इस साल भी करीब 21 हजार विद्यार्थियों के आवेदन आए थे। इनमें 19 हजार परीक्षार्थी शामिल हुए थे। अफसरों ने बताया कि 80 सीटें के लिए 80 छात्रों की लिस्ट बन चुकी है। इसमें से 66 ने दाखिला भी ले लिया है।
रविवि भी बनाएगा लिस्ट
पं.रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के वार्षिक परीक्षा के नतीजे आने के साथ ही पुनर्मूल्यांकन व पुनर्गणना की प्रक्रिया भी चालू हो गई है। शिक्षकों ने बताया कि मूल्यांकन में गंभीरता बरतने के निर्देश को दिए गए थे। जिन कापियों में कम या अधिक नंबर दिए गए उनके टिप लिखने को भी कहा गया था। पुनर्मूल्यांकन के नतीजे आने के बाद स्थिति साफ होगी कि इस बार मूल्यांकन ठीक हुआ या नहीं। इसके अनुसार शिक्षकों की लिस्ट तैयार होगी।
बिरगांव के सरकारी स्कूल से पहली बार दाखिला
बिरगांव सरोरा प्राथमिक स्कूल के धनजीत सिंह को नवोदय में दाखिला मिला है। इस स्कूल से पहली बार किसी बच्चे ने प्रवेश पाने में सफलता हासिल की है। धनजीत ने कक्षा पांचवीं में 92 फीसदी अंक प्राप्त किए थे। उसी समय से उसकी मां विद्यावती का सपना था, बच्चा बेहतर शिक्षा ग्रहण करें। वह आर्थिक रूप से समक्ष नहीं थी। इस वजह से उसने बच्चे को नवोदय की प्रवेश परीक्षा में हिस्सा लेने के लिए प्रेरित किया। धनजीत ने उसमें सफलता हासिल की। धनजीत के पिता मनोज सिंह और मां सब्जी की छोटी दुकान लगाते हैं।
राज्य में 17 नवाेदय विद्यालय हैं, लेकिन सबसे ज्यादा क्रेज माना स्थिति नवोदय विद्यालय का है। विद्यालय में कक्षा छठवीं की 80 सीटों के लिए हर साल औसतन 19-20 हजार परीक्षार्थी आवेदन करते हैं। इस साल भी करीब 21 हजार विद्यार्थियों के आवेदन आए थे। इनमें 19 हजार परीक्षार्थी शामिल हुए थे। अफसरों ने बताया कि 80 सीटें के लिए 80 छात्रों की लिस्ट बन चुकी है। इसमें से 66 ने दाखिला भी ले लिया है।
रविवि भी बनाएगा लिस्ट
पं.रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के वार्षिक परीक्षा के नतीजे आने के साथ ही पुनर्मूल्यांकन व पुनर्गणना की प्रक्रिया भी चालू हो गई है। शिक्षकों ने बताया कि मूल्यांकन में गंभीरता बरतने के निर्देश को दिए गए थे। जिन कापियों में कम या अधिक नंबर दिए गए उनके टिप लिखने को भी कहा गया था। पुनर्मूल्यांकन के नतीजे आने के बाद स्थिति साफ होगी कि इस बार मूल्यांकन ठीक हुआ या नहीं। इसके अनुसार शिक्षकों की लिस्ट तैयार होगी।
बिरगांव के सरकारी स्कूल से पहली बार दाखिला
बिरगांव सरोरा प्राथमिक स्कूल के धनजीत सिंह को नवोदय में दाखिला मिला है। इस स्कूल से पहली बार किसी बच्चे ने प्रवेश पाने में सफलता हासिल की है। धनजीत ने कक्षा पांचवीं में 92 फीसदी अंक प्राप्त किए थे। उसी समय से उसकी मां विद्यावती का सपना था, बच्चा बेहतर शिक्षा ग्रहण करें। वह आर्थिक रूप से समक्ष नहीं थी। इस वजह से उसने बच्चे को नवोदय की प्रवेश परीक्षा में हिस्सा लेने के लिए प्रेरित किया। धनजीत ने उसमें सफलता हासिल की। धनजीत के पिता मनोज सिंह और मां सब्जी की छोटी दुकान लगाते हैं।