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अतिशेष शिक्षक नहीं जाएंगे बाहर

इस्पात टाइम्स/रायगढ़। शिक्षा कर्मियों के विरोध के बाद अंतत: अतिशेष शिक्षकों को राहत मिल ही गई है क्योंकि जिले के अतिशेष शिक्षकों को अब युक्तियुक्तकरण के तहत जिले से बाहर नहीं भेजा जा सकेगा। छत्तीसगढ़ शासन के युक्तियुक्तकरण के तहत जिले के अतिशेष शिक्षकों को अन्य जिले में भेजने के आदेश पर हाईकोर्ट बिलासपुर ने स्थगन आदेश जारी किया है।
छत्तीसगढ़ शिक्षाकर्मी संघ की ओर से हाईकोर्ट में दायर याचिका में स्थगन आदेश मिलने पर जिले के 583 अतिशेष सहायक शिक्षकों को बड़ी राहत मिली है। इन अतिशेष शिक्षकों को अब जिले से बाहर भेजे जाने की चिंता नहीं रहेगी, उन्हें जिले में ही रहकर सेवाएं देने का अवसर उपलब्ध होगा।teacher
प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले के कई स्कूलों में शिक्षकों की कमी के बाद भी राज्य शासन के आदेश पर अलग-अलग सरकारी स्कूलों में पदस्थ अतिशेष सहायक शिक्षकों को अन्य जिले में भेजने की कार्रवाई की जा रही थी। जिसका छत्तीसगढ़ शिक्षाकर्मी संघ जिला रायगढ़ की ओर से एतराज भी किया गया था। इस संबंध में प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री से भेंटकर जिले के अतिशेष शिक्षकों को जिले में ही समायोजित करने की मांग की गई थी। उसके बाद भी जिले के 672 अतिशेष सहायक शिक्षकों को जिले से बाहर भेजने की कार्रवाई की गई। इसी तारतम्य में प्रथम चरण में जहां करीब 47 सहायक शिक्षकों को जिले से बाहर भेज दिया गया। वहीं दूसरे चरण में 42 सहायक शिक्षकों को जिले के एकल शिक्षकीय व शिक्षक विहिन स्कूलों में पदस्थ करने आदेश जारी किया गया। बताया जाता है कि राज्य शासन के युक्तियुक्तकरण के तहत अतिशेष शिक्षकों को जिले से बाहर भेजने के आदेश पर हाईकोर्ट ने स्थगन आदेश जारी कर दिया है। जिससे अब अतिशेष सहायक शिक्षकों को जिले से बाहर नहीं भेजा जा सकेगा। छत्तीसगढ़ शिक्षाकर्मी संघ की दायर याचिका से जिले के अतिशेष सहायक शिक्षकों को बड़ी राहत मिली है। संघ की ओर से कहा गया है कि राज्य शासन के इस आदेश पर पहले ही एतराज व्यक्त किया गया था, लेकिन शासन ने अपना आदेश वापस नहीं लिया। जिससे संघ को हाईकोर्ट की शरण में जाना पड़ा। अब हाईकोर्ट से शिक्षाकर्मियों को बड़ी राहत मिली है।
जिला पंचायत उपाध्यक्ष ने भी की थी पहल
यहां के अतिशेष शिक्षकों को जिले में ही रखने जिला पंचायत उपाध्यक्ष नरेश पटेल ने भी शिक्षामंत्री को पत्र लिखा था। श्री पटेल ने शिक्षामंत्री को लिखे पत्र में उल्लेख किया था कि जिले के कई स्कूलों में शिक्षकों की कमी है। इस स्थिति में इन अतिशेष शिक्षकों को जिले में समायोजित करना उचित होगा। हालांकि इसके बाद भी जिला पंचायत में अतिशेष सहायक शिक्षकों की काउंसिलिंग कर जिले से बाहर जाने उनसे सहमति ली गई। श्री पटेल ने इस मामले में हाईकोर्ट के स्थगन आदेश का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि अब अतिशेष शिक्षकों को जिले से बाहर नहीं भेजा जा सकता।
युवती व महिलाओं की चिंता दूर
अतिशेष सहायक शिक्षकों को हाईकोर्ट के स्थगन आदेश से बड़ी राहत मिली है। बताया जाता है कि कई सहायक शिक्षक जिले से बाहर भेजे जाने की बात पर बेहद चिंतित थे। इनमें ज्यादातर युवती व महिलाएं थीं, जिन्हें नौकरी करने के लिए जिले से बाहर जाने की चिंता सता रही थी। बीते दिनों अतिशेष सहायक शिक्षकों की हुई काउंसिलिंग में कई युवती व महिला अतिशेष सहायक शिक्षकों पर अपनी समस्या बताई थी। और जिले से बाहर जाने पर सहमति नहीं दी थी। जिससे उन्हें व अन्य अतिशेष शिक्षकों को जिले से बाहर भेजे जाने की आशंका थी। अब हाईकोर्ट के स्थगन आदेश से उन्हें बड़ी राहत मिली है।

हाईकोर्ट से स्थगन आदेश से राहत मिली है। संघ का प्रतिनिधि मंडल जिला प्रशासन एवं राज्य शासन से मिलकर अतिशेष शिक्षकों को जिले के विभिन्न स्कूलों में समायोजन करने की मांग करेगा।
शैलेन्द्र मिश्रा
प्रवक्ता, छत्तीसगढ़ शिक्षाकर्मी संघ


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