देश के केंद्रीय विद्यालयों के छात्र अब हाइटेक नजर आएंगे। इससे छात्रों का पूरा सिस्टम सुधरने के साथ ही उनकी हर लापरवाही की जानकारी ई मेल और एसएमएस के माध्यम से अभिभावकों को मिलती रहेगी।केंद्रीय विद्यालय संगठन देहरादून रीजन के तीन दिवसीय सम्मेलन में यह बात सामने आई है।
केविएस के उपायुक्त सोमित श्रीवास्तव ने बताया कि केविएस शाला दर्पण योजना के तहत सभी छात्र, अभिभावक व शिक्षक एक मंच पर आ गए हैं। कक्षा एक से 12वीं तक के 12 लाख छात्रों का पूरा डाटा सुरक्षित किया जा चुका है। इससे बच्चे के प्रदर्शन, व्यवहार और स्कूल बंक करने की जानकारी अभिभावकों को मिल जाएगी।
छात्र के साथ शिक्षक की भी मॉनिटरिंग होगी। अभिभावकों को दाखिला, फीस, परीक्षा और एमआइएस रिपोर्ट भी इसी के माध्यम से भेजी जाएगी। उन्होंने बताया कि बच्चों को एक चिप युक्त स्मार्ट कार्ड दिया जाएगा। इससे उन्हें अपनी हाजिरी लगानी होगी। अनुपस्थित रहने पर एक समय के बाद स्वयं ही गैरहाजिरी का एसएमएस और मेल जारी हो जाएगा। इसी कार्ड से लाइब्रेरी व अन्य सुविधाओं का लाभ भी मिलेगा।
स्मार्ट कार्ड में छात्र के ब्लड ग्रुप से लेकर यदि कोई बीमारी होगी तो उसकी भी जानकारी होगी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक प्राचार्य का दायित्व है कि वह छात्रों में राष्ट्रीयता का संचार करें। सुबह की सभा में प्रार्थना के साथ ही भारतीयता का भाव जागृत करने वाला व्याख्यान होना चाहिए।
इसके तहत देश की महान विभूतियों के जीवन चरित्र पर प्रकाश डाला जाना चाहिए। साहित्य में रुचि के लिए काव्य पाठ कराने की बात भी उन्होंने कही। इस दौरान सहायक आयुक्त प्रमोद कुमार टम्टा, नीता खुराना, प्रशासनिक अधिकारी अखिलेश मिश्रा ने भी विचार व्यक्त किए।
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छात्र के साथ शिक्षक की भी मॉनिटरिंग होगी। अभिभावकों को दाखिला, फीस, परीक्षा और एमआइएस रिपोर्ट भी इसी के माध्यम से भेजी जाएगी। उन्होंने बताया कि बच्चों को एक चिप युक्त स्मार्ट कार्ड दिया जाएगा। इससे उन्हें अपनी हाजिरी लगानी होगी। अनुपस्थित रहने पर एक समय के बाद स्वयं ही गैरहाजिरी का एसएमएस और मेल जारी हो जाएगा। इसी कार्ड से लाइब्रेरी व अन्य सुविधाओं का लाभ भी मिलेगा।
स्मार्ट कार्ड में छात्र के ब्लड ग्रुप से लेकर यदि कोई बीमारी होगी तो उसकी भी जानकारी होगी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक प्राचार्य का दायित्व है कि वह छात्रों में राष्ट्रीयता का संचार करें। सुबह की सभा में प्रार्थना के साथ ही भारतीयता का भाव जागृत करने वाला व्याख्यान होना चाहिए।
इसके तहत देश की महान विभूतियों के जीवन चरित्र पर प्रकाश डाला जाना चाहिए। साहित्य में रुचि के लिए काव्य पाठ कराने की बात भी उन्होंने कही। इस दौरान सहायक आयुक्त प्रमोद कुमार टम्टा, नीता खुराना, प्रशासनिक अधिकारी अखिलेश मिश्रा ने भी विचार व्यक्त किए।