कांकेर. शासन
की खामी कहें या जुगाड़ तकनीकी का कमाल की एक स्कूल में प्राचार्य के पद पर
दो की तैनाती कर दी गई। इसके बाद शिक्षा विभाग तमाशा देख रहा है।
प्राचार्य की कुर्सी पर बैठने के लिए विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
नवम्बर
2011 से प्राध्यापिका के पद पर तैनात गया ध्रुवा गत 30 अप्रैल को सेवा
निवृत्त हो गई। सेवा निवृत्त होने के बाद उन्होने शासन से पुनर्नियक्ति के
लिए आवेदन लगाया, जिस पर शासन की ओर से स्वीकृति प्रदान कर दी गई। शासन से
स्वीकृति मिलने के पश्चात गया ध्रुवा ने प्राचार्या का कार्यभार प्रभारी
प्राचार्या आरती यादव से 20 जुलाई को ग्रहण कर ली। पुनर्नियुक्ति के लिए
जारी शासनादेश में यह कहा गया है कि गया गया ध्रुवा 20 जुलाई 2016 से लेकर
21 मार्च 2017 तक केवल प्राध्यापिका का कार्य देखेंगी , लेखा जोखा की
जिम्मेदारी उप प्राचार्य आरती यादव के पास ही रहेगा।
शासन के आदेश से अनभिज्ञ विभाग
नरहरदेव
कालेज में प्राध्यापक के पद पर जारी शासना देश से शिक्षा विभाग अनभिज्ञ
रहते हुए कालेज में प्राध्यापिका के तौर पर इच्छापूर से सरोज वर्मा का
स्थानांतरण कर भेज दिया गया। इतना ही नहीं स्थानांतरण के बाद शिक्षा विभाग
की तरफ से आनन-फानन में सरोज वर्मा को रिलीव कर पद भार के लिए अनुमति दे दी
गई। 9 अगस्त को कालेज में कार्यभार ग्रहण करने पहुंची सरोज वर्मा को जब यह
बताया गया की कालेज में पहले से प्राध्यापिका मौजूद हैं तब वे परेशान हो
गई।
बावजूद इसके प्राध्यापिका के कुर्सी पर
बैठने के लिए विवाद करने लगी। जानकारी के मुताबिक मौजूद प्राध्यापिका गया
ध्रुव ने ऐसा करने से मना कर दिया जिससे कुछ समय के लिए विवाद की स्थिती
उत्पन्न हो गई। इस सम्बन्ध में नरहरदेव कालेज की प्राध्यापिका गया ध्रुवा
ने कुछ भी बताने से इंकार कर दिया। गया ध्रुवा का कहना है कि मुझे कुछ नहीं
पता कैसे क्या हुआ है। इतना मुझे पता है कि शासन की तरफ से मुझे 21 मार्च
2017 तक प्राध्यापिका के तौर पर कार्य करने की अनुमति दी गई है। इस संबध
मेंं जिला शिक्षा अधिकारी से बात की गई तो उनका कहना है कि वहां प्राध्यापक
का पद खाली था, जिस पर सरोज वर्मा का स्थांनातरण कर भेज दिया गया, जिला
शिक्षा अधिकारी से शासना आदेश होने की बात बताई गई तो उनका कहना है कि सूची
में अपडेट नहीं हो पाया था। इस वजह से ऐसा हो गया है।
कॉलेज में व्याख्याता के तौर पर दे चुकी हैं सेवा
प्राध्यापिका
के तौर पर स्थांनातरित होकर पहुंची सरोज वर्मा नरहरदेव कालेज में
व्याख्याता के तौर पर सेवा दे चुकी है। यहां से उप प्राचार्य के रूप में
इच्छापुर में तैनाती दी गई। तत्काल प्रिसिंपल का स्थांनातरण किया गया,
जिसमें सरोज वर्मा का स्थानांतरण नरहरदेव कालेज के लिए कर दिया गया।
सूत्रों का यह भी कहना है कि सरोज वर्मा के स्थानांतरण के बाद इच्छापुर में
प्राध्यापक का पद रिक्त हो गया है।
कांकेर
जिला शिक्षा अधिकारी एसके भारद्वाज ने बताया कि रिक्त पद की गलत जानकारी
चली गई है, स्टेट लेवल की फाइल का मामला है। वहां बैठे लोग ही बताएंगे की
ऐसा कैसे हुआ।
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