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Govt Jobs : Opening

यह कैसा शिक्षा का अधिकार, जहां छात्र-छात्राएं कर रहे साफ-सफाई का काम

जांजगीर-पामगढ़. एक तरह केंद्र सरकार गरीब बच्चों को शिक्षा मुहैया कराने के लिए शिक्षा का अधिकार कानून ले आई है, वहीं दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ राज्य के शासकीय स्कूलों की हालत यह है कि यहां अध्यापक स्कूल आने की जगह घरों में आराम कर रहे हैं और बच्चों को पढ़ाने की बजाए उनसे छाड़ू लगाने के साथ-साथ पहरेदारी करवा रहे हैं।


पत्रिका की टीम ने जब स्कूल के अंतिम दिन शनिवार को पामगढ़ ब्लॉक के भंवतरा स्कूल का निरीक्षण किया तो वहां छात्राएं स्कूल में छाड़ू लगा रहीं थी और छात्र बाहर बैठकर अध्यपक का इंतजार कर रहे थे।

शनिवार सुबह 8.15 बजे पत्रिका की टीम पामगढ़ ब्लॉक के भंवतरा शासकीय नवीन प्राथमिक शाला भंवरभाठा भंवतरा वहां शाला प्रवेशोत्सव का जायजा लेने गई थी।

टीम ने देखा कि काफी बच्चे स्कूल के बाहर बनी एक लोहे की रेलिंग में बैठे हुए थे। स्कूल के अंदर देखा तो छात्र-छात्राएं स्कूल के अंदर झाड़ू लेकर साफ सफाई का कार्य करा रहे थे

और टीचर आराम फरमा रहे थे। झाड़ू लगा रही छात्रा गंगा पिता बलराम कश्यप से जब पूछा गया तो उसने बताया कि टीचर ने झाड़ू लगाने के लिए कहा था।

अंदर पता करने पर बताया गया कि स्कूल में सिर्फ दो ही शिक्षक उपस्थित हैं और तीन शिक्षक स्कूल नहीं पहुंचे हैं। इस बारे में जब प्रधानाध्यापक से पूछा गया तो उनका कहना था कि शिक्षक आते ही होंगे।

प्रधानाध्यापक ने दिया हास्यास्पद जवाब
छात्राओं से साफ सफाई कराने जो के बारे में पूछे जाने पर प्रधानाध्यापक ने बताया कि चपरासी ड्यूटी पर नहीं आया है।

बच्चों ने खेल कर पूरे क्लास रूम का गंदा कर दिया था, जिसे वह खुद ही साफ करने लगे हैं, जबकि हकीकत में उन बच्चों से सिर्फ स्कूल ही नहीं बल्कि बाहर पूरे स्कूल परिसर में झाड़ू लगवाया जा रहा था।

अतिथियों के लिए मंगवाते हैं चाय नाश्ता
शासकीय नवीन प्राथमिक शाला भंवरभाठा भंवतरा में बच्चों से सिर्फ साफ-सफाई ही नहीं कराया जाता है, बल्कि खुद बच्चों से मिली जानकारी के


मुताबिक स्कूल के अध्यापक स्कूल में कोई गेस्ट आने पर बच्चों से पानी, चाय, नाश्ता तक परोसने के लिए कहते हैं। अध्यापकों के दबाव में जिन नन्हें हाथों में कलम होनी चाहिए, उनमें चाय नाश्ता और झाड़ू पकड़ाया जा रहा है।

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