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एक शिक्षक ऐसा जो 20 साल तक नहीं गया स्कूल, हद तो तब हो गई जब विभाग पेंशन देने को भी है तैयार

कोरबा . एक शिक्षक ऐसा भी है जो 20 साल तक स्कूल नहीं गया। नियमानुसार सात साल बाद उसे अनिवार्य सेवानिवृत्त दे देना था।

लेकिन तत्कालीन अफसरों को फुर्सत ही नहीं मिली। एक दिन अचानक शिक्षक ने शिक्षा विभाग पहुुंचकर अपना पेंशन और अन्य राशि की मांग की। चूंकि जितने दिन शिक्षक ने काम किया था, उसके हिसाब से राशि अब विभाग शिक्षक को देगा।
कोरबा विकासखंड के अन्र्तगत तिलईमांड प्राथमिक स्कूल के नियमित शिक्षक लखीराम गढ़ौरी की पदस्थापना 1985 में हुई थी। इससे पहले वह सरगुजा जिले में किसी स्कूल में शिक्षक था। तिलईमांड स्कूल में अध्यापन कार्य कराते हुए वर्ष 1995 में शिक्षक लखीराम अचानक गायब हो गया।
एक महीने फिर एक साल और 20 साल तक गायब रहा। शिक्षक कहां गया, क्यों गायब था, किसी को जानकारी नहीं थी। न बीईओ कार्यालय ना ही शिक्षा विभाग में इस शिक्षक की कोई जानकारी तक थी। 20 साल तक गायब रहने के बाद शिक्षक 2015 में लौटा।
20 साल बाद शिक्षक लखीराम अपने विभाग गया। लेकिन वहां उसे किसी ने पहचाना नहीं। अधिकारियों के मुताबिक लखीराम की तबीयत खराब थी। इससे उसकी मानसिक स्थिति कमजोर हो चुकी है। उसे यह भी याद नहीं कि वह किस स्कूल में पदस्थ था। विभाग ने पता करवाया तो पता चला की उसकी पदस्थापना कोरबा विकासखंड के अन्तर्गत तिलईमांड प्राथमिक स्कूल ूंमें था।
लेकिन उस स्कूल में भी इतना पुराना रिकार्ड नहीं था। चूंकि जितने दिन भी शिक्षक स्कूल में कार्यरत था। लिहाजा उसके जीवन निर्वाह के लिए प्रतिमाह 10 हजार रूपए दिया जा रहा है, जबकि उसका सर्विस रिकार्ड नहीं मिलने की वजह से उसकी पेंशन और अन्य राशि अब तक नहीं मिल सकी है।
शिक्षक ने इसके लिए हाइकोर्ट में याचिका लगाई थी। हाइकोर्ट के फैसले के बाद अब शिक्षा विभाग द्वारा आगे की कार्रवाई की जा रही है। गौरतलब है कि सात साल तक लगातार गायब रहने पर विभाग द्वारा अनिवार्य बर्खास्तगी की कार्रवाई की जा सकती है। लेकिन तत्कालिन अफसरों ने इसपर ध्यान नहीं दिया। 2007 में शिक्षक को सेवानिवृत्त होना था। उस समय भी शिक्षकों की सूची पर अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया।

शिक्षक का सर्विस रिकार्ड भी नहीं मिल रहा- शिक्षक कई साल तक गायब था। शिक्षक का सर्विस रिकार्ड भी नहीं मिल रहा है। चूंकि जितने दिन तक शिक्षक ने सर्विस की है, उसके हिसाब से जीवन निर्वाह के लिए पेंशन दिया जा रहा है। अन्य रकम अभी जारी नहीं हुई है।
-संजय अग्रवाल, बीईओ कोरबा विकासखंड

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